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===जीवन परिचय=== | ===जीवन परिचय=== | ||
मनोहर | मनोहर पर्रीकर का पूरा नाम 'मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रीकर' है। इनका जन्म [[13 दिसंबर]] [[1955]] को गोवा के मापुसा में हुआ। उन्होंने अपने स्कूल की शिक्षा मारगाव में पूरी की। इसके बाद आई.आई.टी. [[मुम्बई]] से इंजीनियरिंग और [[1978]] में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।<ref name="aa"/> पर्रिकर के दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं। अभिजात गोवा में ही अपना बिजनेस चलाते हैं तो बेटे उत्पल ने अमेरिका से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। पर्रिकर की पत्नी मेधा अब इस दुनिया में नहीं हैं। [[2001]] में उनकी पत्नी का कैंसर के चलते निधन हो गया था।<ref name="bb">{{cite web |url=http://www.10baten.com/special/untold-stories-of-manohar-parrikar-in-hindi-517.html/|title= मनोहर पर्रिकर के जीवन की ‘मनोहर’ कहानियां|accessmonthday=21 मार्च |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=baten.com|language=हिन्दी}}</ref> | ||
===राजनीतिक परिचय=== | ===राजनीतिक परिचय=== | ||
आई.आई.टी. की पढ़ाई से गोवा के मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री तक का मनोहर पर्रीकर का सफर काफी रोचक रहा। उतार-चढ़ाव वाले इस सफर को पर्रीकर ने अब तक बड़ी समझदारी से पूरा किया है। इनका यह राजनीतिक सफर वर्ष [[1994]] में शुरु हुआ जब वे गोवा विधानसभा के विधायक चुने गए। [[24 अक्टूबर]] [[2000]] में वे [[गोवा]] के [[मुख्यमंत्री]] नियुक्त हुए और [[27 फरवरी]] [[2002]] तक अपने इस कार्यभार को संभाला। इसके बाद [[जून]] [[2002]] में वे दोबारा राज्य के लिए [[मुख्यमंत्री]] चुने गए। | आई.आई.टी. की पढ़ाई से गोवा के [[मुख्यमंत्री]] और रक्षा मंत्री तक का मनोहर पर्रीकर का सफर काफी रोचक रहा। उतार-चढ़ाव वाले इस सफर को पर्रीकर ने अब तक बड़ी समझदारी से पूरा किया है। इनका यह राजनीतिक सफर वर्ष [[1994]] में शुरु हुआ जब वे [[गोवा]] विधानसभा के विधायक चुने गए। [[24 अक्टूबर]] [[2000]] में वे [[गोवा]] के [[मुख्यमंत्री]] नियुक्त हुए और [[27 फरवरी]] [[2002]] तक अपने इस कार्यभार को संभाला। इसके बाद [[जून]] [[2002]] में वे दोबारा राज्य के लिए [[मुख्यमंत्री]] चुने गए।<ref name="aa"/> | ||
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===व्यक्तित्व=== | ===व्यक्तित्व=== | ||
[[गोवा]] के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं। गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर पर करते हैं। जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते हैं तो वे साधारण वेशभूषा में पहुंचते हैं। | [[गोवा]] के वर्तमान [[मुख्यमंत्री]] मनोहर पर्रीकर अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं। गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर पर करते हैं। जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते हैं तो वे साधारण वेशभूषा में पहुंचते हैं। पर्रीकर के एक नजदीकी बताते हैं कि एक बार पर्रीकर को एक कार्यक्रम में शरीक होने पांच सितारा होटल जाना था, लेकिन समय पर उनकी गाड़ी खराब हो गई।<ref name="bb"/> | ||
उन्होंने तत्काल एक टैक्सी बुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे। जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते। तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि 'तू मुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं।' इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और मामला सुलझाया। | उन्होंने तत्काल एक टैक्सी बुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे। जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते। तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि 'तू मुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं।' इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और मामला सुलझाया।<ref name="bb"/> | ||
===योगदान=== | ===योगदान=== | ||
संघ में रहते और उनकी काबिलियत को देखते हुए महज 26 साल की उम्र में ही उन्हें गोवा का | संघ में रहते और उनकी काबिलियत को देखते हुए महज 26 साल की उम्र में ही उन्हें गोवा का संघसंचालक बना दिया गया था। राम जन्मभूमि आंदोलन के वक्त भी नॉर्थ गोवा में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। ये पर्रिकर की काबिलियत और सादगी ही थी जिससे प्रभावित होकर [[नरेन्द्र मोदी|मोदी]] ने उन्हें गोवा से बुलाकर रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी। मोदी पर्रिकर की एडमिनिस्ट्रेटिव और ऑर्गनाइजेशन स्किल के कायल हैं।<ref name="bb"/> | ||
'''अब तक इन महत्वपूर्ण पदों पर रहे मनोहर पर्रीकर''' | '''अब तक इन महत्वपूर्ण पदों पर रहे मनोहर पर्रीकर''' | ||
#[[1988]]: भाजपा से हाथ मिला राजनीति में लिया प्रवेश। | #[[1988]]: [[भाजपा]] से हाथ मिला राजनीति में लिया प्रवेश। | ||
#[[1994]]: पहली बार गोवा राज्य की दूसरी विधानसभा के लिए निर्वाचित। | #[[1994]]: पहली बार [[गोवा]] राज्य की दूसरी विधानसभा के लिए निर्वाचित। | ||
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12:27, 21 मार्च 2017 का अवतरण
कविता2
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पूरा नाम | मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रीकर |
जन्म | 13 दिसम्बर, 1955 |
जन्म भूमि | मापुसा, गोवा, |
पति/पत्नी | मेधा पर्रीकर |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री, (चार बार); भारत के पूर्व रक्षामंत्री |
कार्य काल | मुख्यमंत्री - 14 मार्च 2017 से शपथ; 24 अक्टूबर 2000 से 27 फरवरी 2002; 5 जून 2002 से 29 जनवरी 2005; 2012 से 8 नवंबर 2014; रक्षामंत्री -9 नवंबर 2014 से 13 मार्च 2017 |
शिक्षा | आई.आई.टी. से स्नातक |
विद्यालय | मुंबई विश्वविद्यालय |
अन्य जानकारी | मनोहर पर्रीकर की काबिलियत को देखते हुए महज 26 साल की उम्र में ही उन्हें गोवा का संघ संचालक बना दिया गया था। |
मनोहर पर्रीकर (अंग्रेज़ी: Manohar Parrikar जन्म: 13 दिसम्बर, 1955) वर्तमान में गोवा के मुख्यमंत्री है तथा भारत के रक्षा मंत्री भी रह चुके है। मनोहर पर्रीकर उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद थे। उन्होंने सन् 1978 मे आई.आई.टी. मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले यह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आई.आई.टी. से स्नातक किया। उन्हें सन् 2001 में आई.आई.टी. मुम्बई द्वारा विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी।[1]
जीवन परिचय
मनोहर पर्रीकर का पूरा नाम 'मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रीकर' है। इनका जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ। उन्होंने अपने स्कूल की शिक्षा मारगाव में पूरी की। इसके बाद आई.आई.टी. मुम्बई से इंजीनियरिंग और 1978 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।[1] पर्रिकर के दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं। अभिजात गोवा में ही अपना बिजनेस चलाते हैं तो बेटे उत्पल ने अमेरिका से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। पर्रिकर की पत्नी मेधा अब इस दुनिया में नहीं हैं। 2001 में उनकी पत्नी का कैंसर के चलते निधन हो गया था।[2]
राजनीतिक परिचय
आई.आई.टी. की पढ़ाई से गोवा के मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री तक का मनोहर पर्रीकर का सफर काफी रोचक रहा। उतार-चढ़ाव वाले इस सफर को पर्रीकर ने अब तक बड़ी समझदारी से पूरा किया है। इनका यह राजनीतिक सफर वर्ष 1994 में शुरु हुआ जब वे गोवा विधानसभा के विधायक चुने गए। 24 अक्टूबर 2000 में वे गोवा के मुख्यमंत्री नियुक्त हुए और 27 फरवरी 2002 तक अपने इस कार्यभार को संभाला। इसके बाद जून 2002 में वे दोबारा राज्य के लिए मुख्यमंत्री चुने गए।[1] 29 जनवरी 2005 को उनकी सरकार अल्पमत में चली गयी। लेकिन मनोहर पर्रीकर ने बड़ी ही समझदारी से भाजपा के साथ 24 विधानसभा क्षेत्रों को जीत 2012 के विधानसभा चुनावों में वापसी की। वे 8 नवंबर 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद उन्होंने केंद्र में एक महत्वपूर्ण पद हासिल किया।[1]
व्यक्तित्व
गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं। गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर पर करते हैं। जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते हैं तो वे साधारण वेशभूषा में पहुंचते हैं। पर्रीकर के एक नजदीकी बताते हैं कि एक बार पर्रीकर को एक कार्यक्रम में शरीक होने पांच सितारा होटल जाना था, लेकिन समय पर उनकी गाड़ी खराब हो गई।[2] उन्होंने तत्काल एक टैक्सी बुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे। जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते। तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि 'तू मुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं।' इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और मामला सुलझाया।[2]
योगदान
संघ में रहते और उनकी काबिलियत को देखते हुए महज 26 साल की उम्र में ही उन्हें गोवा का संघसंचालक बना दिया गया था। राम जन्मभूमि आंदोलन के वक्त भी नॉर्थ गोवा में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। ये पर्रिकर की काबिलियत और सादगी ही थी जिससे प्रभावित होकर मोदी ने उन्हें गोवा से बुलाकर रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी। मोदी पर्रिकर की एडमिनिस्ट्रेटिव और ऑर्गनाइजेशन स्किल के कायल हैं।[2]
अब तक इन महत्वपूर्ण पदों पर रहे मनोहर पर्रीकर
- 1988: भाजपा से हाथ मिला राजनीति में लिया प्रवेश।
- 1994: पहली बार गोवा राज्य की दूसरी विधानसभा के लिए निर्वाचित।
- 2001: गोवा में भाजपा के महासचिव व प्रवक्ता।
- 24 अक्टूबर 2000 से 27 फरवरी 2002: राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ गृह, वित्त, शिक्षा और प्रशासन को संभाला
- 5 जून 2002: दोबारा गोवा के मुख्यमंत्री बने।
- जून 2002: गोवा राज्य की चौथी विधान सभा में फिर से निर्वाचित।
- जून 2007: गोवा की पांचवीं विधानसभा में फिर से निर्वाचित, बने विपक्ष के नेता।{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ[1]