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'''मनोहर पर्रीकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: Manohar Parrikar जन्म: [[13 दिसम्बर]], [[1955]]) वर्तमान में [[गोवा]] के [[मुख्यमंत्री]] है तथा [[भारत]] के रक्षा मंत्री भी रह चुके है। मनोहर पर्रीकर [[उत्तर प्रदेश]] से [[राज्य सभा]] [[सांसद]] थे। उन्होंने सन् [[1978]] मे आई.आई.टी. [[मुम्बई]] से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। [[भारत]] के किसी राज्य के [[मुख्यमंत्री]] बनने वाले यह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आई.आई.टी. से स्नातक किया। उन्हें सन् [[2001]] में आई.आई.टी. मुम्बई द्वारा विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी।<ref name="aa">{{cite web |url=http://www.jagran.com/news/national-political-profile-of-manohar-parrikar-15675822.html/|title= जानिए, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर का पूरा राजनीतिक सफर|accessmonthday=21 मार्च |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jagran.com|language=हिन्दी}}</ref>
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===जीवन परिचय===
===जीवन परिचय===
मनोहर पर्रीकर का पूरा नाम 'मनोहर गोपालकृष्‍ण प्रभु पर्रीकर' है। इनका जन्‍म [[13 दिसंबर]] [[1955]] को गोवा के मापुसा में हुआ। उन्‍होंने अपने स्‍कूल की शिक्षा मारगाव में पूरी की। इसके बाद आई.आई.टी. [[मुम्बई]] से इंजीनियरिंग और [[1978]] में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।<ref name="aa"/> पर्रिकर के दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं। अभिजात गोवा में ही अपना बिजनेस चलाते हैं तो बेटे उत्पल ने अमेरिका से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। पर्रिकर की पत्नी मेधा अब इस दुनिया में नहीं हैं। [[2001]] में उनकी पत्नी का कैंसर के चलते निधन हो गया था।<ref name="bb">{{cite web |url=http://www.10baten.com/special/untold-stories-of-manohar-parrikar-in-hindi-517.html/|title= मनोहर पर्रिकर के जीवन की ‘मनोहर’ कहानियां|accessmonthday=21 मार्च |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=baten.com|language=हिन्दी}}</ref>
सिद्धारमैया का जन्म [[12 अगस्त]] [[1948]] को [[मैसूर]] जिले के सिद्दरामनहुंडी गांव के एक कृषक परिवार में हुआ था। 10 वर्ष की आयु तक उनकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हुई थी।  विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक किया और फिर इसी विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा भी प्राप्त की। इनकी पत्‍नी का नाम पार्वती है। उनके दो पुत्र हैं, राकेश और यतीन्द्र। राकेश ने फिल्मों में कुछ भूमिकाएं की हैं और अपने पिता की मदद करते हैं। वहीं यतीन्द्र एक चिकित्सक हैं।<ref name="bb">{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/article/general-election-candidate/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%88%E0%A4%AF%E0%A4%BE-114030500065_1.htm|title=सिद्धारमैया |accessmonthday=22 मार्च |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=webdunia.com|language=हिन्दी}}</ref>
===राजनीतिक परिचय===
===राजनीतिक परिचय===
आई.आई.टी. की पढ़ाई से गोवा के [[मुख्‍यमंत्री]] और रक्षा मंत्री तक का मनोहर पर्रीकर का सफर काफी रोचक रहा। उतार-चढ़ाव वाले इस सफर को पर्रीकर ने अब तक बड़ी समझदारी से पूरा किया है। इनका यह राजनीतिक सफर वर्ष [[1994]] में शुरु हुआ जब वे [[गोवा]] विधानसभा के विधायक चुने गए। [[24 अक्टूबर]] [[2000]] में वे [[गोवा]] के [[मुख्‍यमंत्री]] नियुक्‍त हुए और [[27 फरवरी]] [[2002]] तक अपने इस कार्यभार को संभाला। इसके बाद [[जून]] [[2002]] में वे दोबारा राज्‍य के लिए [[मुख्‍यमंत्री]] चुने गए।<ref name="aa"/>
गरीब किसान परिवार से जुड़े सिद्दारमैया 1980 के दशक से 2005 तक कांग्रेस के धुर विरोधी थे, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल (एस) से उनका निष्कासन उन्हें राजनीतिक चौराहे पर ले आया, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और फिर कर्नाटक के 22वें मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस में आए उन्हें 7 साल भी पूरे नहीं हुए थे कि उनकी जीवनभर की महत्वाकांक्षा पूरी हो गई, जब उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 
[[29 जनवरी]] [[2005]] को उनकी सरकार अल्‍पमत में चली गयी। लेकिन मनोहर पर्रीकर ने बड़ी ही समझदारी से भाजपा के साथ 24 विधानसभा क्षेत्रों को जीत [[2012]] के विधानसभा चुनावों में वापसी की। वे [[8 नवंबर]] [[2014]] तक गोवा के मुख्‍यमंत्री रहे। इसके बाद उन्‍होंने केंद्र में एक महत्‍वपूर्ण पद हासिल किया।<ref name="aa"/>
2004 में खंडित जनादेश मिलने के बाद कांग्रेस और जद(एस) ने गठबंधन सरकार बनाई। तब सिद्दारमैया जद(एस) में थे और उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस के एन. धरमसिंह को मिला था। सिद्दारमैया को यह शिकायत रही कि उनके सामने मुख्यमंत्री बनने का मौका था, लेकिन देवगौड़ा ने ऐसा नहीं होने दिया। [[2005 में उन्होंने खुद को पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर पेश किया। वे कुरूबा समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक में तीसरी सबसे बड़ी संख्या वाली जाति है, लेकिन इसी दौरान देवगौड़ा के पुत्र एचडी कुमार स्वामी को पार्टी के उभरते सितारे के तौर पर देखा जा रहा थ और सिद्दारमैया भी जद(एस) से बर्खास्‍त कर दिए गए
साल 1996 में पार्टी नेता एच डी देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए. राज्य के तीसरे सबसे बड़े समुदाय कुरुबा से ताल्लुक रखने वाले सिद्धारमैया को पछाड़ कर जे एच पाटिल तब मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठे थे. सिद्धारमैया देवगौड़ा और पाटिल दोनों के ही शासनकाल में वित्त मंत्री रहे. 
===व्यक्तित्व===
===व्यक्तित्व===
[[गोवा]] के वर्तमान [[मुख्यमंत्री]] मनोहर पर्रीकर अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं। गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर पर करते हैं। जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते हैं तो वे साधारण वेशभूषा में पहुंचते हैं। पर्रीकर के एक नजदीकी बताते हैं कि एक बार पर्रीकर को एक कार्यक्रम में शरीक होने पांच सितारा होटल जाना था, लेकिन समय पर उनकी गाड़ी खराब हो गई।<ref name="bb"/>
सिद्धारमैया नास्तिक हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ 'भगवान' की बजाए 'सच्चाई' के नाम पर शपथ ली थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया हैं बेशक कांग्रेस पार्टी से लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नज़र में वो ख़ास जगह रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आगामी चीन दौरे में निवेशकों को लुभाने के लिए कर्नाटक सीएम को निमंत्रण दिया था लेकिन सिद्धरमैया ने पूर्व व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया। राज्य में काम के मामले में उनकी तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होती है। [[अगस्त 2013]] में [[कर्नाटक]] के मंत्री एमएच अंबरीश ने कहा था कि "हमारे सिद्धरमैया कांग्रेस के नरेंद्र मोदी हैं. तीन महीने के अंदर उन्होंने राज्य में विकास कार्यों की झड़ी लगा दी.
उन्होंने तत्काल एक टैक्सी बुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे। जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते। तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि 'तू मुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं।' इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और मामला सुलझाया।<ref name="bb"/>
===योगदान===
संघ में रहते और उनकी काबिलियत को देखते हुए महज 26 साल की उम्र में ही उन्हें गोवा का संघसंचालक बना दिया गया था। राम जन्मभूमि आंदोलन के वक्त भी नॉर्थ गोवा में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। ये पर्रिकर की काबिलियत और सादगी ही थी जिससे प्रभावित होकर [[नरेन्द्र मोदी|मोदी]] ने उन्हें गोवा से बुलाकर रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी। मोदी पर्रिकर की एडमिनिस्ट्रेटिव और ऑर्गनाइजेशन स्किल के कायल हैं।<ref name="bb"/>
 
'''अब तक इन महत्‍वपूर्ण पदों पर रहे मनोहर पर्रीकर'''
#[[1988]]: [[भाजपा]] से हाथ मिला राजनीति में लिया प्रवेश।
#[[1994]]: पहली बार [[गोवा]] राज्‍य की दूसरी विधानसभा के लिए निर्वाचित।
#[[2001]]: गोवा में भाजपा के महासचिव व प्रवक्‍ता।
#[[24 अक्टूबर|24 अक्‍टूबर]] [[2000]] से [[27 फरवरी]] [[2002]]: राज्‍य के [[मुख्‍यमंत्री]] होने के साथ गृह, वित्‍त, शिक्षा और प्रशासन को संभाला
#[[5 जून]] [[2002]]: दोबारा गोवा के [[मुख्‍यमंत्री]] बने।
#[[जून]] 2002: गोवा राज्य की चौथी विधान सभा में फिर से निर्वाचित।
#जून [[2007]]: [[गोवा]] की पांचवीं विधानसभा में फिर से निर्वाचित, बने विपक्ष के नेता।{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ<ref name="aa"/>

11:51, 22 मार्च 2017 का अवतरण

कविता2
सिद्धारमैया
सिद्धारमैया
जन्म 13 दिसम्बर, 1955
जन्म भूमि मापुसा, गोवा,
पति/पत्नी मेधा पर्रीकर
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री, (चार बार); भारत के पूर्व रक्षामंत्री
कार्य काल मुख्यमंत्री - 14 मार्च 2017 से शपथ; 24 अक्टूबर 2000 से 27 फरवरी 2002; 5 जून 2002 से 29 जनवरी 2005; 2012 से 8 नवंबर 2014; रक्षामंत्री -9 नवंबर 2014 से 13 मार्च 2017
शिक्षा आई.आई.टी. से स्नातक
विद्यालय मुंबई विश्वविद्यालय
अन्य जानकारी मनोहर पर्रीकर की काबिलियत को देखते हुए महज 26 साल की उम्र में ही उन्हें गोवा का संघ संचालक बना दिया गया था।

सिद्धारमैया (अंग्रेज़ी: Manohar Parrikar जन्म: 12 अगस्त, 1948) एक भारतीय राजनेता हैं जो कि वर्तमान में कर्नाटक के मुख्यमंत्री है, इससे पहले वह बहुत सी जनता परिवार वाली दलों के सदस्य रह चुके हैं। जनता दल (सेकुलर) के सदस्य के तौर पर वे दो बार कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके है। 13 मई 2013 को वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने।

जीवन परिचय

सिद्धारमैया का जन्म 12 अगस्त 1948 को मैसूर जिले के सिद्दरामनहुंडी गांव के एक कृषक परिवार में हुआ था। 10 वर्ष की आयु तक उनकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हुई थी। विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक किया और फिर इसी विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा भी प्राप्त की। इनकी पत्‍नी का नाम पार्वती है। उनके दो पुत्र हैं, राकेश और यतीन्द्र। राकेश ने फिल्मों में कुछ भूमिकाएं की हैं और अपने पिता की मदद करते हैं। वहीं यतीन्द्र एक चिकित्सक हैं।[1]

राजनीतिक परिचय

गरीब किसान परिवार से जुड़े सिद्दारमैया 1980 के दशक से 2005 तक कांग्रेस के धुर विरोधी थे, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल (एस) से उनका निष्कासन उन्हें राजनीतिक चौराहे पर ले आया, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और फिर कर्नाटक के 22वें मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस में आए उन्हें 7 साल भी पूरे नहीं हुए थे कि उनकी जीवनभर की महत्वाकांक्षा पूरी हो गई, जब उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2004 में खंडित जनादेश मिलने के बाद कांग्रेस और जद(एस) ने गठबंधन सरकार बनाई। तब सिद्दारमैया जद(एस) में थे और उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस के एन. धरमसिंह को मिला था। सिद्दारमैया को यह शिकायत रही कि उनके सामने मुख्यमंत्री बनने का मौका था, लेकिन देवगौड़ा ने ऐसा नहीं होने दिया। [[2005 में उन्होंने खुद को पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर पेश किया। वे कुरूबा समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक में तीसरी सबसे बड़ी संख्या वाली जाति है, लेकिन इसी दौरान देवगौड़ा के पुत्र एचडी कुमार स्वामी को पार्टी के उभरते सितारे के तौर पर देखा जा रहा थ और सिद्दारमैया भी जद(एस) से बर्खास्‍त कर दिए गए साल 1996 में पार्टी नेता एच डी देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए. राज्य के तीसरे सबसे बड़े समुदाय कुरुबा से ताल्लुक रखने वाले सिद्धारमैया को पछाड़ कर जे एच पाटिल तब मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठे थे. सिद्धारमैया देवगौड़ा और पाटिल दोनों के ही शासनकाल में वित्त मंत्री रहे.

व्यक्तित्व

सिद्धारमैया नास्तिक हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ 'भगवान' की बजाए 'सच्चाई' के नाम पर शपथ ली थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया हैं बेशक कांग्रेस पार्टी से लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नज़र में वो ख़ास जगह रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आगामी चीन दौरे में निवेशकों को लुभाने के लिए कर्नाटक सीएम को निमंत्रण दिया था लेकिन सिद्धरमैया ने पूर्व व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया। राज्य में काम के मामले में उनकी तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होती है। अगस्त 2013 में कर्नाटक के मंत्री एमएच अंबरीश ने कहा था कि "हमारे सिद्धरमैया कांग्रेस के नरेंद्र मोदी हैं. तीन महीने के अंदर उन्होंने राज्य में विकास कार्यों की झड़ी लगा दी.

  1. सिद्धारमैया (हिन्दी) webdunia.com। अभिगमन तिथि: 22 मार्च, 2017।