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+एनाटॉमी | +एनाटॉमी | ||
-टैक्सोनॉमी | -टैक्सोनॉमी | ||
||पौधों की अंदररूनी रचना के अध्ययन करने वाले विज्ञान के नाम इस प्रकार है- | ||पौधों की अंदररूनी रचना के अध्ययन करने वाले विज्ञान के नाम इस प्रकार है- '''फिजियोलॉजी'''-पौधों का शरीर क्रियात्मक अध्ययन, '''हिस्टोलॉजी'''- ऊत्तकों का अध्ययन, '''एनाटॉमी'''-अध्ययन तथा '''टैक्सोनॉमी'''- वर्गीकरण। | ||
{यदि एक हेक्टेयर पौधों में कपास के 50 हज़ार पौधे हों और प्रति पौधे पर 20 डेंडू हों तो कपास की 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावर लाने के लिए प्रति डेंडू का औसत वज़न होगा? | {यदि एक हेक्टेयर पौधों में कपास के 50 हज़ार पौधे हों और प्रति पौधे पर 20 डेंडू हों तो [[कपास]] की 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावर लाने के लिए प्रति डेंडू का औसत वज़न होगा? | ||
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+2 ग्राम | +2 ग्राम | ||
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-आफ्टेन क्रॉम पोलीनेटेड | -आफ्टेन क्रॉम पोलीनेटेड | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||बाजरा एक पर परागणित (क्रॉस पोलीनेटेड) फ़सल होती है। | ||[[बाजरा]] एक पर-परागणित (क्रॉस पोलीनेटेड) फ़सल होती है। | ||
{बैक्टीरियल | {बैक्टीरियल लीफ़ ब्लाइट किस फ़सल की बीमारी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-10 | ||
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-[[मक्का]] | -[[मक्का]] | ||
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+[[धान]] | +[[धान]] | ||
-[[आलू]] | -[[आलू]] | ||
||[[धान]] की फ़सल में बैक्टीरियल | ||[[धान]] की फ़सल में बैक्टीरियल लीफ़ ब्लाइट रोग लगता है। इस रोग में पौधों की पत्तियाँ नोंक या किनारे से एकदम सूखने लगती हैं। सूखे हुए किनारे टेढ़े-मेढ़े होते हैं। | ||
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+[[केंचुआ|केंचुए]] | +[[केंचुआ|केंचुए]] | ||
-बिल्ली | -बिल्ली | ||
||[[केंचुआ|केंचुए]] को किसानों का सच्चा मित्र कहा गया है। केंचुआ [[मृदा]] में कार्बनिक पदार्थों को मिलाकर मृदा संरचना में सुधार करता है। यह मृदा में बीट करके मृदा को | ||[[केंचुआ|केंचुए]] को किसानों का सच्चा मित्र कहा गया है। केंचुआ [[मृदा]] में कार्बनिक पदार्थों को मिलाकर मृदा संरचना में सुधार करता है। यह मृदा में बीट करके मृदा को सरंध्र बनाता है। अत: केंचुए मृदा के काया पलट में सहायक होते हैं। | ||
{हरी खाद के लिए प्रयुक्त फ़सल कौन-सी है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-03 | {हरी खाद के लिए प्रयुक्त फ़सल कौन-सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-03 | ||
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-एक-दलीय | -एक-दलीय | ||
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-कृत्रिम या संश्लेषित गोबर की खाद को | -कृत्रिम या संश्लेषित गोबर की खाद को | ||
-मिश्रित उर्वरकों को | -मिश्रित उर्वरकों को | ||
||पौधों के अवशेष, पशुओं का बचा हुआ चारा, कूड़ा-करकट आदि पदार्थों के बैक्टीरिया एवं फंजाई के द्वारा विशिष्ट दशाओं में विच्छेदन से बने पदार्थों को 'कम्पोस्ट' कहते हैं। | ||पौधों के [[अवशेष]], पशुओं का बचा हुआ चारा, कूड़ा-करकट आदि पदार्थों के [[बैक्टीरिया]] एवं फंजाई के द्वारा विशिष्ट दशाओं में विच्छेदन से बने पदार्थों को 'कम्पोस्ट' कहते हैं। | ||
{गेहूँ में यदि एक ही सिंचाई दी जाए तो कब देंगे? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-05 | {[[गेहूँ]] में यदि एक ही सिंचाई दी जाए तो कब देंगे? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-05 | ||
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+कल्ले निकलने पर | +कल्ले निकलने पर | ||
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-[[1984]] | -[[1984]] | ||
-[[1985]] | -[[1985]] | ||
||[[12 जुलाई]], सन [[1982]] ई. को | ||[[12 जुलाई]], सन [[1982]] ई. को नाबार्ड- "राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक" की स्थापना की गई थी। | ||
{मृदा में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा तत्त्व पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-07 | {[[मृदा]] में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा [[तत्त्व]] पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-07 | ||
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-[[आयरन]] | -[[आयरन]] | ||
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-[[सिलिकॉन]] | -[[सिलिकॉन]] | ||
+[[ऑक्सीजन]] | +[[ऑक्सीजन]] | ||
||मृदा में सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन तत्त्व होता है- | ||[[मृदा]] में सबसे अधिक मात्रा में [[ऑक्सीजन]] तत्त्व होता है- 1. ऑक्सीजन - 47.33%, 2. [[कैल्सियम]] - 3.37%, 3. [[सिलिकॉन]] - 27.74%, 4. [[आयरन]] - 4.50% | ||
{[[दूध]] का pH मान होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-08 | {[[दूध]] का pH मान कितना होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-08 | ||
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-5.5 | -5.5 | ||
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-7.0 | -7.0 | ||
-7.3 | -7.3 | ||
|| | ||ताज़े [[दूध]] का pH मान 6.5 एवं 6.7 के मध्य होता है। | ||
{[[ | {[[ओज़ोन परत]] पर प्रभाव डालते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-09 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जेट वायुयान | -जेट वायुयान | ||
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+इनमें से कोई नहीं | +इनमें से कोई नहीं | ||
{'अम्बेडकर | {'अम्बेडकर फ़ाउंडेशन' ने कौन-सी योजना शुरू की है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-10 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अम्बेडकर सार्वजनिक पुस्तकालय | -अम्बेडकर सार्वजनिक पुस्तकालय | ||
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{यदि [[पारा|मरकरी]] (Hg) का स्तर अचानक गिर जाता है, तो (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-1 | {यदि [[पारा|मरकरी]] (Hg) का स्तर अचानक गिर जाता है, तो (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-1 | ||
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-अधिकतम गर्मी होती है। | -अधिकतम [[गर्मी]] होती है। | ||
+[[तूफ़ान|तूफ़ानी]] दशा होती है। | +[[तूफ़ान|तूफ़ानी]] दशा होती है। | ||
-भारी | -भारी [[वर्षा]] होती है। | ||
-स्वच्छ मौसम होता है। | -स्वच्छ मौसम होता है। | ||
||[[पारा|मरकरी]] (Hg) का स्तर [[तूफ़ान]] स्थिति में अचानक कम हो जाता है, क्योंकि तेज़ हवा के कारण उस पर दबाव पड़ता है। | ||[[पारा|मरकरी]] (Hg) का स्तर [[तूफ़ान]] स्थिति में अचानक कम हो जाता है, क्योंकि तेज़ हवा के कारण उस पर दबाव पड़ता है। | ||
{ज़ायद [[मक्का]] के लिए संस्तुत उर्वरक (एन.पी.के.) की मात्रा होती है | {ज़ायद [[मक्का]] के लिए संस्तुत उर्वरक (एन. पी. के.) की मात्रा कितनी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-2 | ||
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-100:50:50 एन.पी.के./हेक्टेयर | -100:50:50 एन.पी.के./हेक्टेयर | ||
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-नियंत्रित सिंचाई | -नियंत्रित सिंचाई | ||
-बेसिन सिंचाई | -बेसिन सिंचाई | ||
||समोच्च के साथ आवंटित सिड़ी में पानी देने को सिड़ीदार सिंचाई कहते हैं। | ||समोच्च के साथ आवंटित सिड़ी में पानी देने को सिड़ीदार [[भारत में सिंचाई के साधन|सिंचाई]] कहते हैं। | ||
{बुवाई के बाद [[आलू]] की उपयुक्त सिंचाई को आवश्यकता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-4 | {बुवाई के बाद [[आलू]] की उपयुक्त [[भारत में सिंचाई के साधन|सिंचाई]] को आवश्यकता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-4 | ||
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-25 से.मी. | -25 से.मी. | ||
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-जल प्रयोग क्षमता | -जल प्रयोग क्षमता | ||
-कॉनवेंस क्षमता | -कॉनवेंस क्षमता | ||
||फ़सल की उपज में प्रति यूनिट पानी जो फ़सल के वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन में | ||फ़सल की उपज में प्रति यूनिट पानी जो फ़सल के वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन में इस्तेमाल होता है उसे जल उपभोग क्षमता के रूप में जाना जाता है। | ||
{फ़सल का सम्पूर्ण शुष्क उत्पादित पदार्थ कहलाता है | {फ़सल का सम्पूर्ण शुष्क उत्पादित पदार्थ क्या कहलाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-6 | ||
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-शुष्क पदार्थ उपज | -शुष्क पदार्थ उपज | ||
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{[[उत्तर प्रदेश]] में कुल समस्याग्रस्त भूमि है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-7 | {[[उत्तर प्रदेश]] में कुल समस्याग्रस्त भूमि है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-7 | ||
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-10.57 | -10.57 हैक्टेयर | ||
+13.57 | +13.57 हैक्टेयर | ||
-23.00 | -23.00 हैक्टेयर | ||
-15.47 | -15.47 हैक्टेयर | ||
||[[उत्तर प्रदेश]] में कुल 26.045 | ||[[उत्तर प्रदेश]] में कुल 26.045 हैक्टेयर भूमि खेती करने योग्य है जिसमें से 16.731 हज़ार हैक्टेयर भूमि में खेती की जाती है। प्रदेश की कुल 11,605 हज़ार हेक्टेयर भूमि क्षारीयता से ग्रसित है, 793 हज़ार हेक्टेयर [[ऊसर मिट्टी|भूमि ऊसर]] है, 623 हज़ार हेक्टेयर भूमि [[बीहड़|बीहड़ भूमि]] है। 1,723 हज़ार हेक्टेयर भूमि परती है। | ||
{समोच्च मेड़बंदी एवं सिड़ीदार साधन है | {समोच्च मेड़बंदी एवं सिड़ीदार साधन क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-8 | ||
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-सस्य साधन | -सस्य साधन | ||
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||थिरम एक कवकनाशी रसायन है, जिसका प्रयोग बीज शोधन में किया जाता है। | ||थिरम एक कवकनाशी रसायन है, जिसका प्रयोग बीज शोधन में किया जाता है। | ||
{एल. ई. आर. की आवश्यकता होती है | {एल. ई. आर. की आवश्यकता किस प्रणाली में होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-10 | ||
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+अंतरासस्यन प्रणाली में | +अंतरासस्यन प्रणाली में | ||
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||'फ्यूराडेंटिन' बांध्य-रसायन होता है | ||'फ्यूराडेंटिन' बांध्य-रसायन होता है | ||
{किस 'बग' ( | {किस 'बग' (bugs) में भोजन और लार नलिका बनती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-2 | ||
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-मेन्डिबिल्स से | -मेन्डिबिल्स से | ||
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||मेंडिबिल्स एवं मैक्सिली से बग में भोजन और लार नलिका बनती है। | ||मेंडिबिल्स एवं मैक्सिली से बग में भोजन और लार नलिका बनती है। | ||
{'थ्रिप्स' किस गण में आते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-3 | |||
{'थ्रिप्स' किस गण में आते | |||
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-थाइजान्यूरा | -थाइजान्यूरा | ||
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-स्ट्रेप्सीटेरा | -स्ट्रेप्सीटेरा | ||
-प्लीकोप्टेरा | -प्लीकोप्टेरा | ||
{'इण्डियन ग्रेन स्टोरेज एण्ड रिसर्च इन्स्टीट्यूट (IGSRI) स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-4 | {'इण्डियन ग्रेन स्टोरेज एण्ड रिसर्च इन्स्टीट्यूट (IGSRI) कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-4 | ||
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-कोलकाता | -[[कोलकाता]] | ||
-मुम्बई | -[[मुम्बई]] | ||
+ | +[[हापुड़|]] | ||
-लखनऊ | -[[लखनऊ]] | ||
{किसके अगले जोड़े पंख एलीट्रा कहलाते है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-5 | {किसके अगले जोड़े पंख एलीट्रा कहलाते है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-5 | ||
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-कॉलिओप्टेरा | -कॉलिओप्टेरा | ||
-आइसोप्टेरा | -आइसोप्टेरा | ||
||'हेमीप्टेरा' के अगले | ||'हेमीप्टेरा' के अगले जोड़े पंख एलीट्रा कहलाते हैं। | ||
{खोदने वाली टाँगें पायी जाती हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-6 | {खोदने वाली टाँगें पायी जाती हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-6 |
13:04, 2 अप्रैल 2017 का अवतरण
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