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{पौराणिक रूप से प्रथम चित्रकार हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-196,प्रश्न-84
{पौराणिक रूप से प्रथम चित्रकार किसको माना जाता हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-196,प्रश्न-84
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+ब्रह्मा
+[[ब्रह्मा]]
-विष्णु
-[[विष्णु]]
-महेश
-[[महेश]]
-नारद
-[[नारद]]
||पौराणिक ग्रंथों में ब्रह्मा को सृष्टि के निर्माणकर्ता के रूप में माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा के शरीर से चारों वर्णों की उत्पत्ति हुई है। अत: पौराणिक रूप में प्रथम चित्रकार 'ब्रह्मा' को माना जा सकता है। विष्णु को 'सृष्टि पालक' तथा महेश को 'सृष्टि का संहारक' कहते हैं।
||पौराणिक ग्रंथों में [[ब्रह्मा]] को सृष्टि के निर्माणकर्ता के रूप में माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा के [[मानव शरीर|शरीर]] से चारों वर्णों की उत्पत्ति हुई है। अत: पौराणिक रूप में प्रथम चित्रकार 'ब्रह्मा' को माना जा सकता है। [[विष्णु]] को 'सृष्टि पालक' तथा [[महेश]] को 'सृष्टि का संहारक' कहते हैं।


{मनुष्य निर्मित सर्वाधिक प्राचीन स्थापत्य कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-234,प्रश्न-359
{मनुष्य निर्मित सर्वाधिक प्राचीन स्थापत्य कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-234,प्रश्न-359
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-द हेड ऑफ़ वार्का
-द हेड ऑफ़ वार्का
-द डांसिंग गर्ल
-द डांसिंग गर्ल
||'द वीनस ऑफ विलेन्डार्फ' एक स्त्री की मूर्ति है, जिसका निर्माण 2800 ई.पू. से 25000 ई.पू. के मध्य किया गया जबकि द हेड ऑफ़ वार्का (3100 ई.पू.) तथा द डांसिंग गर्ल (2500 ई.पू.) इसके बाद की स्थापत्य हैं।
||'द वीनस ऑफ़ विलेन्डार्फ' एक स्त्री की मूर्ति है, जिसका निर्माण 2800 ई.पू. से 25000 ई.पू. के मध्य किया गया जबकि द हेड ऑफ़ वार्का (3100 ई.पू.) तथा द डांसिंग गर्ल (2500 ई.पू.) इसके बाद की स्थापत्य हैं।


{प्रागैतिहासिक चित्र सामान्यतया निर्मित किए गए हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-11
{प्रागैतिहासिक चित्र सामान्यतया किसके द्वारा निर्मित किए गए हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-11
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-तैल-पेस्टल्स से
-तैल-पेस्टल्स
-जल रंग से
-जल रंग
-स्याही से
-स्याही  
+गेरू व चारकोल से
+[[गेरू]] व चारकोल
||आदिमानव चित्रांकन के लिए कई तरह के रंगों का उपयोग करता था। अधिकतर रंग गेरू से बनाए जाते थे जिनकी अलग-अलग रंगते होती थीं। खड़िया मिट्टी और कई फरह की रंगीन मिट्टी का उपयोग वे चित्र बनाने के लिए करते थे। आग जलाना सीखने के बाद वे हड्डी को जलाकर काला रंग भी बना लेते थे। वे लकड़ी के कोयले का प्रयोग भी कभी-कभी करते थे। बाद में स्थायित्व लाने के लिए वे जानवरों की चर्बी में रंग मिलाकर उसका प्रयोग करने लगे थे।
||आदिमानव चित्रांकन के लिए कई तरह के [[रंग|रंगों]] का उपयोग करता था। अधिकतर रंग [[गेरू]] से बनाए जाते थे जिनकी अलग-अलग रंगते होती थीं। [[खड़िया|खड़िया मिट्टी]] और कई तरह की रंगीन मिट्टी का उपयोग वे चित्र बनाने के लिए करते थे। आग जलाना सीखने के बाद वे हड्डी को जलाकर [[काला रंग]] भी बना लेते थे। वे लकड़ी के [[कोयला|कोयले]] का प्रयोग भी कभी-कभी करते थे। बाद में स्थायित्व लाने के लिए वे जानवरों की चर्बी में रंग मिलाकर उसका प्रयोग करने लगे थे।


{'वृषमों वाला कक्ष' किस गुफा में स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-1
{'वृषभों वाला कक्ष' किस गुफ़ा में स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-1
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-तीन भाइयों की गुफा
-तीन भाइयों की गुफ़ा
-नियो की गुफाएं
-नियो की गुफ़ाएं
+लासकाक्स की गुफाएं
+लासकाक्स की गुफ़ाएं
-अल्टामीरा की गुफाएं
-अल्टामीरा की गुफ़ाएं
||फ्रांस के लासकाक्स की गुफाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ्रांस में स्थित यह गुफा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।
||[[फ़्राँस]] के लासकाक्स की गुफ़ाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष [[1940]] में की थी। दक्षिणी फ़्राँस में स्थित यह गुफ़ा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफ़ा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फ़ीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।


{गोथिक कला की मूर्तिकला का उच्चतम शास्त्रीय रूप यहां पाया जाता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-16
{[[गोथिक कला]] की मूर्तिकला का उच्चतम शास्त्रीय रूप कहाँ पाया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-16
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-नाट्रेडम गिर्जा में
-नाट्रेडम गिर्जा
+रीम्स गिर्जा में
+रीम्स गिर्जा  
-एमिएंस गिर्जाज में
-एमिएंस गिर्जाज
-बूर्जेस गिर्जा में
-बूर्जेस गिर्जा
||उच्च गोथिक काल में 'रीम्स गिर्जा' अपने संतुलित अनुपात से आंतरिक साह-सज्जा के शास्त्रीय युग का प्रतिनिधित्व करता हैं।
||उच्च गोथिक काल में 'रीम्स गिर्जा' अपने संतुलित अनुपात से आंतरिक साह-सज्जा के शास्त्रीय युग का प्रतिनिधित्व करता हैं।


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-दिल्ली शैली
-दिल्ली शैली
+कोटा शैली
+कोटा शैली
||प्रस्तुत विकल्पों में से 'कोटा शैली' चित्रकला की एक शैली है, जिसकी संबंध राजस्थानी चित्रकला से है जबकि लखनऊ शैली, दिल्ली शैली तथा आगरा शैली का संबंध आधुनिक चित्रकला शैली से है।
||प्रस्तुत विकल्पों में से 'कोटा शैली' चित्रकला की एक शैली है, जिसका संबंध [[राजस्थानी चित्रकला]] से है जबकि लखनऊ शैली, दिल्ली शैली तथा आगरा शैली का संबंध आधुनिक चित्रकला शैली से है।


{मुगल चित्रकला दो शैलियों के मिश्रण से बनी- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-11
{[[मुग़ल चित्रकला]] किन दो शैलियों के मिश्रण से बनी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-11
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-राजस्थानी-दक्खिनी
-[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी]]-दक्खिनी
-कश्मीरी-पंजाबी
-कश्मीरी-पंजाबी
-जैन-पाल
-जैन-पाल
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||मुगल शैली भारतीय (राजस्थानी) एवं पर्शियान (ईरानी) शैली के सम्मिश्रण से उत्पन्न हुई। चूंकि मुगलों का प्रभाव सबसे पहले उत्तरी भारत के क्षेत्रों पर हुआ जहां पर पहले से ही राजस्थानी चित्रकला प्रचलन में थी और मुगलों ने ईरानी शैली के चित्रकारों को पहले से प्रश्रय दिया था। ऐसे में इन दोनों शैलियों के मिश्रण से इंडो-पर्शियन शैली आगे चलकर मुगल शैली के रूप में विकसित हुई।
||मुगल शैली भारतीय (राजस्थानी) एवं पर्शियान (ईरानी) शैली के सम्मिश्रण से उत्पन्न हुई। चूंकि मुगलों का प्रभाव सबसे पहले उत्तरी भारत के क्षेत्रों पर हुआ जहां पर पहले से ही राजस्थानी चित्रकला प्रचलन में थी और मुगलों ने ईरानी शैली के चित्रकारों को पहले से प्रश्रय दिया था। ऐसे में इन दोनों शैलियों के मिश्रण से इंडो-पर्शियन शैली आगे चलकर मुगल शैली के रूप में विकसित हुई।


{सबसे अधिक कृष्णलीला के चित्र किस शैली में बने? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-12
{सबसे अधिक [[कृष्णलीला]] के चित्र किस शैली में बने? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-12
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-मुगल
-[[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल शैली]]
+पहाड़ी
+[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]]
-राजस्थानी
-[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी शैली]]
-अपभ्रंश
-[[अपभ्रंश चित्रकला|अपभ्रंश शैली]]
||सबसे अधिक कृष्णलीला के चित्र पहाड़ी शैली में बने हैं। कमोवेश यह विशेषता पहाड़ी चित्र शैली की लगभग सभी शैलियों में पाई गई। कृष्णलीला चित्रकारी राजस्थानी चित्र शैली में भी प्राप्त होती है।
||सबसे अधिक [[कृष्णलीला]] के चित्र [[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]] में बने हैं। कमोवेश यह विशेषता पहाड़ी चित्र शैली की लगभग सभी शैलियों में पाई गई। कृष्णलीला चित्रकारी राजस्थानी चित्र शैली में भी प्राप्त होती है।


{भारतीय चित्रकला के पुनर्जागरण का श्रेय किसे जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-1
{भारतीय चित्रकला के पुनर्जागरण का श्रेय किसे जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-1
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||भारतीय चित्रकला के पुर्जागरण का श्रेय बंगाल शैली को दिया जाता है। इसी शैली को 'टैगोर शैली', वॉश शैली', 'पुनरुत्थान या पुनर्जागरण शैली' भी कहा जाता है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुई और भारतीय चित्रकला ने पाश्चात्य के प्रभाव से मुक्ति पाई। यहीं से भारतीय आधुनिक चित्रकला का इतिहास आरंभ होता है। बंगाल पुनरुत्थान युग के प्रवर्तक अबनीन्द्रनाथ टैगोर थे।
||भारतीय चित्रकला के पुर्जागरण का श्रेय बंगाल शैली को दिया जाता है। इसी शैली को 'टैगोर शैली', वॉश शैली', 'पुनरुत्थान या पुनर्जागरण शैली' भी कहा जाता है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुई और भारतीय चित्रकला ने पाश्चात्य के प्रभाव से मुक्ति पाई। यहीं से भारतीय आधुनिक चित्रकला का इतिहास आरंभ होता है। बंगाल पुनरुत्थान युग के प्रवर्तक अबनीन्द्रनाथ टैगोर थे।


{ईसा के जीवन पर आधारित चित्र किस कलाकार ने बनाए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-81
{[[ईसा मसीह]] के जीवन पर आधारित चित्र किस कलाकार ने बनाए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-81
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-एम.एफ. हुसैन
-[[एम.एफ. हुसैन]]
-बेंद्रे
-बेंद्रे
-जामिनी राय
-जामिनी राय
+गगनेन्द्रनाथ टैगोर
+[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]]
||ईसा के जीवन क्राइस्ट इन द चर्च) पर आधारित चित्र गगनेन्द्रनाथ टैगोर ने बनाया था। गगनेन्द्रनाथ के प्रमुख चित्र हैं- रबींद्रनाथ टैगोर की रचना 'जीवन स्मृति' पर चित्र शृंखला तथा चैतन्य चरित माला का चित्रण, द प्लेस ऑफ स्नो, द सैंड ऑफ़ हिमालय, क्लस्टर ऑफ़ पुरी टेंपल, टेंपल क्यूबिस्टिक, मीटिंग इन द स्टेयर केस, द कॉल टू प्रेयर आदि।
||[[ईसा मसीह]] के जीवन (क्राइस्ट इन द चर्च) पर आधारित चित्र [[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]] ने बनाया था। गगनेन्द्रनाथ के प्रमुख चित्र हैं- [[रबींद्रनाथ टैगोर]] की रचना 'जीवन स्मृति' पर चित्र शृंखला तथा चैतन्य चरित माला का चित्रण, द प्लेस ऑफ़ स्नो, द सैंड ऑफ़ हिमालय, क्लस्टर ऑफ़ पुरी टेंपल, टेंपल क्यूबिस्टिक, मीटिंग इन द स्टेयर केस, द कॉल टू प्रेयर आदि।




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+लखनिया
+लखनिया
-सारनाथ
-सारनाथ
||मिर्जापुर क्षेत्र के प्रागैतिहासिक चित्रों का कई स्थानों पर उल्लेख है। यहां के शैल चित्रों को नवपाषाण काल का अनुमानित किया गया है जो कम से अम 3000 वर्ष पूर्व के बताए गए हैं (इम्पीरियल गजेटियर-1909 में कार्लाइल का शोध विवरण)। यहां के चित्रकारी गुफाओं को सर्वप्रथम प्राचीन मानव निवास स्थल बताया गया है। यहां के छातु ग्राम के समीप लखनिया से अपबा सर्वेक्षण प्रारंभ कर विजयगढ़ तक के ही शैल चित्रों का अध्ययन प्रस्तुत किया, जिसमें लखनिया, कोहबर आदि के चित्रों को खोज निकाला और बहुत से चित्रों को अनुकृति करवाया।
||मिर्जापुर क्षेत्र के प्रागैतिहासिक चित्रों का कई स्थानों पर उल्लेख है। यहां के शैल चित्रों को नवपाषाण काल का अनुमानित किया गया है जो कम से अम 3000 वर्ष पूर्व के बताए गए हैं (इम्पीरियल गजेटियर-1909 में कार्लाइल का शोध विवरण)। यहां के चित्रकारी गुफ़ाओं को सर्वप्रथम प्राचीन मानव निवास स्थल बताया गया है। यहां के छातु ग्राम के समीप लखनिया से अपबा सर्वेक्षण प्रारंभ कर विजयगढ़ तक के ही शैल चित्रों का अध्ययन प्रस्तुत किया, जिसमें लखनिया, कोहबर आदि के चित्रों को खोज निकाला और बहुत से चित्रों को अनुकृति करवाया।


{यूरोप की प्रागैतिहासिक कला का लासकाक्स क्षेत्र स्थित है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-2
{यूरोप की प्रागैतिहासिक कला का लासकाक्स क्षेत्र स्थित है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-2
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-उत्तर इटली में
-उत्तर इटली में
-पूर्व स्पेन में
-पूर्व स्पेन में
||फ्रांस के लासकाक्स की गुफाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ्रांस में स्थित यह गुफा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।
||फ़्राँस के लासकाक्स की गुफ़ाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ़्राँस में स्थित यह गुफ़ा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफ़ा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।


{गोथिक कला के किस चित्रकार ने इंद्रघबुषी रंगो में चित्रण किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-17
{गोथिक कला के किस चित्रकार ने इंद्रघबुषी रंगो में चित्रण किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-17
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.एक अन्य अज्ञात कलाकार ने पिएटा चित्रित किया है।
.एक अन्य अज्ञात कलाकार ने पिएटा चित्रित किया है।
.रस्किन के मतानुसार पोक द लिम्बर्ग (Pol de limbourg) प्रथम चित्रकार था जिसने सूर्य को आकाश में ठीक तरह से स्थान दिया।
.रस्किन के मतानुसार पोक द लिम्बर्ग (Pol de limbourg) प्रथम चित्रकार था जिसने सूर्य को आकाश में ठीक तरह से स्थान दिया।
.फूके को पहला महान फ्रांसीसी चित्रकार कहा गया है। उसकी आकृतियां पंद्रहवीं शती की बरगण्डी की आधुनिक वेशभूषा पहने हैं।
.फूके को पहला महान फ़्राँसीसी चित्रकार कहा गया है। उसकी आकृतियां पंद्रहवीं शती की बरगण्डी की आधुनिक वेशभूषा पहने हैं।
.किंग रेने (King Rene) ने जलती हुई झाड़ी के मध्य कुमारी तथा शिशु का चित्र बनाया।
.किंग रेने (King Rene) ने जलती हुई झाड़ी के मध्य कुमारी तथा शिशु का चित्र बनाया।


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-यूनान एवं मेमोपोटामिया में
-यूनान एवं मेमोपोटामिया में
-उत्तर फ्रांस एवं इंग्लैंड में
-उत्तर फ़्राँस एवं इंग्लैंड में
+उत्तरी स्पेन एवं दक्षिणी फ्रांस में
+उत्तरी स्पेन एवं दक्षिणी फ़्राँस में
-इटली एवं फ्रांस में
-इटली एवं फ़्राँस में
||यूरोपीय प्रागैतिहासिक चित्र उत्तरी स्पेन तथा दक्षिणी-पश्चिमी फ्रांस की कलात्मक गुफाओं से प्राप्त हुए हैं। इन गुफाओं की दीवारों तथा छतों पर अंकित चित्रों के रूप में हिमयुग तक की प्राचीन सामग्री सुरक्षित है।
||यूरोपीय प्रागैतिहासिक चित्र उत्तरी स्पेन तथा दक्षिणी-पश्चिमी फ़्राँस की कलात्मक गुफ़ाओं से प्राप्त हुए हैं। इन गुफ़ाओं की दीवारों तथा छतों पर अंकित चित्रों के रूप में हिमयुग तक की प्राचीन सामग्री सुरक्षित है।


{'लासकाक्स' गुफा की खोज हुई थी- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-3
{'लासकाक्स' गुफ़ा की खोज हुई थी- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-3
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-1810 में
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-1832 में
-1832 में
+1940 में
+1940 में
||फ्रांस के लासकाक्स की गुफाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ्रांस में स्थित यह गुफा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।
||फ़्राँस के लासकाक्स की गुफ़ाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ़्राँस में स्थित यह गुफ़ा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफ़ा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।


{भारत में लघु चित्रों की शुरुआत किसने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-1
{भारत में लघु चित्रों की शुरुआत किसने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-1
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||'मेमोपोटामिया' का यूनानी अर्थ है- 'दो नदियों के बीच'। यह क्षेत्र दजला (टिगरिस) और फरात (इयुफ्रेटीस) नदियों के बीच में पड़ता है। मेसोपोटामिया को अब 'इराक' कहते हैं। यह कांस्य युगीन सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। यहां सुमेर, अक्कदी सभ्यता, बेबीलोन तथा असीरिया के साम्राज्य अलग-अलग समय में स्थापित हुए थे। यहां का प्रसिद्ध प्राचीन नगर 'उर' है, जिसे 'इब्राहिम का नगर' भी कहते हैं। निमरुद (मारी), उरुक, सूसा (ईरान) तथा लगाश यहां के प्राचीन उत्खनन के विशेष क्षेत्र रहे हैं।
||'मेमोपोटामिया' का यूनानी अर्थ है- 'दो नदियों के बीच'। यह क्षेत्र दजला (टिगरिस) और फरात (इयुफ्रेटीस) नदियों के बीच में पड़ता है। मेसोपोटामिया को अब 'इराक' कहते हैं। यह कांस्य युगीन सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। यहां सुमेर, अक्कदी सभ्यता, बेबीलोन तथा असीरिया के साम्राज्य अलग-अलग समय में स्थापित हुए थे। यहां का प्रसिद्ध प्राचीन नगर 'उर' है, जिसे 'इब्राहिम का नगर' भी कहते हैं। निमरुद (मारी), उरुक, सूसा (ईरान) तथा लगाश यहां के प्राचीन उत्खनन के विशेष क्षेत्र रहे हैं।


{फ्रांस की 'लासकाक्स गुफा' की खोज कब हुई थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-4
{फ़्राँस की 'लासकाक्स गुफ़ा' की खोज कब हुई थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-4
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-1841 ई. में
-1841 ई. में
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+1940 ई. में
+1940 ई. में
-1741 ई. में
-1741 ई. में
||फ्रांस के लासकाक्स की गुफाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ्रांस में स्थित यह गुफा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।
||फ़्राँस के लासकाक्स की गुफ़ाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ़्राँस में स्थित यह गुफ़ा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफ़ा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।


{सर्वप्रथम लघुचित्र किस पर बनाए गए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-2
{सर्वप्रथम लघुचित्र किस पर बनाए गए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-2
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||'मेमोपोटामिया' का यूनानी अर्थ है- 'दो नदियों के बीच'। यह क्षेत्र दजला (टिगरिस) और फरात (इयुफ्रेटीस) नदियों के बीच में पड़ता है। मेसोपोटामिया को अब 'इराक' कहते हैं। यह कांस्य युगीन सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। यहां सुमेर, अक्कदी सभ्यता, बेबीलोन तथा असीरिया के साम्राज्य अलग-अलग समय में स्थापित हुए थे। यहां का प्रसिद्ध प्राचीन नगर 'उर' है, जिसे 'इब्राहिम का नगर' भी कहते हैं। निमरुद (मारी), उरुक, सूसा (ईरान) तथा लगाश यहां के प्राचीन उत्खनन के विशेष क्षेत्र रहे हैं।
||'मेमोपोटामिया' का यूनानी अर्थ है- 'दो नदियों के बीच'। यह क्षेत्र दजला (टिगरिस) और फरात (इयुफ्रेटीस) नदियों के बीच में पड़ता है। मेसोपोटामिया को अब 'इराक' कहते हैं। यह कांस्य युगीन सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। यहां सुमेर, अक्कदी सभ्यता, बेबीलोन तथा असीरिया के साम्राज्य अलग-अलग समय में स्थापित हुए थे। यहां का प्रसिद्ध प्राचीन नगर 'उर' है, जिसे 'इब्राहिम का नगर' भी कहते हैं। निमरुद (मारी), उरुक, सूसा (ईरान) तथा लगाश यहां के प्राचीन उत्खनन के विशेष क्षेत्र रहे हैं।


{लासकाक्स की गुफाओं में दीर्घकाय पशु आकृतियां हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-5
{लासकाक्स की गुफ़ाओं में दीर्घकाय पशु आकृतियां हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-5
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-सिंह की
-सिंह की
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-डायनासोर की
-डायनासोर की
+बाइसन की
+बाइसन की
||फ्रांस के लासकाक्स की गुफाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ्रांस में स्थित यह गुफा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।
||फ़्राँस के लासकाक्स की गुफ़ाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष 1940 में की थी। दक्षिणी फ़्राँस में स्थित यह गुफ़ा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफ़ा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।


{भारत में सचित्र पुस्तकें सर्वप्रथम किस माध्यम पर बनीं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-3
{भारत में सचित्र पुस्तकें सर्वप्रथम किस माध्यम पर बनीं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-3

11:33, 19 अप्रैल 2017 का अवतरण

1 पौराणिक रूप से प्रथम चित्रकार किसको माना जाता हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-196,प्रश्न-84

ब्रह्मा
विष्णु
महेश
नारद

2 मनुष्य निर्मित सर्वाधिक प्राचीन स्थापत्य कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-234,प्रश्न-359

द रेनडियर
द वीनस ऑफ़ विलेन्डार्फ
द हेड ऑफ़ वार्का
द डांसिंग गर्ल

3 प्रागैतिहासिक चित्र सामान्यतया किसके द्वारा निर्मित किए गए हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-11

तैल-पेस्टल्स
जल रंग
स्याही
गेरू व चारकोल

4 'वृषभों वाला कक्ष' किस गुफ़ा में स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-1

तीन भाइयों की गुफ़ा
नियो की गुफ़ाएं
लासकाक्स की गुफ़ाएं
अल्टामीरा की गुफ़ाएं

5 गोथिक कला की मूर्तिकला का उच्चतम शास्त्रीय रूप कहाँ पाया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-16

नाट्रेडम गिर्जा
रीम्स गिर्जा
एमिएंस गिर्जाज
बूर्जेस गिर्जा

6 इनमें से कौन असंबद्ध है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-11

आगरा शैली
लखनऊ शैली
दिल्ली शैली
कोटा शैली

7 मुग़ल चित्रकला किन दो शैलियों के मिश्रण से बनी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-11

राजस्थानी-दक्खिनी
कश्मीरी-पंजाबी
जैन-पाल
भारतीय-पर्शियन

8 सबसे अधिक कृष्णलीला के चित्र किस शैली में बने? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-12

मुग़ल शैली
पहाड़ी शैली
राजस्थानी शैली
अपभ्रंश शैली

9 भारतीय चित्रकला के पुनर्जागरण का श्रेय किसे जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-1

क्षेत्रीय मुगल शैली
कंपनी शैली
यूरोपियन शैली
बंगाल शैली

10 ईसा मसीह के जीवन पर आधारित चित्र किस कलाकार ने बनाए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-81

एम.एफ. हुसैन
बेंद्रे
जामिनी राय
गगनेन्द्रनाथ टैगोर

11 'निमातनामा' पाक कला संबंधी वस्तुओं से संबंधित है। यह पांडुलिपि मालवा के सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी के काल में लिखना प्रारंभ की गई थी। (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-196,प्रश्न-86

प्रेम दृश्य
युद्ध दृश्य
पाक कला संबंधी वस्तुएं
दरबारी दृश्य

12 श्री आर.के. लक्ष्मण किस रूप में प्रसिद्ध हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-234,प्रश्न-360

वास्तुकार
कार्टूनिस्ट
उपन्यासकार
आंतरिक सज्जाकार

13 प्रागैतिहासिक चित्र उत्तर प्रदेश में कहां हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-13

सिंहारिया
चंदौली
लखनिया
सारनाथ

14 यूरोप की प्रागैतिहासिक कला का लासकाक्स क्षेत्र स्थित है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-2

पश्चिमोत्तर जर्मनी में
दक्षिणी फांस में
उत्तर इटली में
पूर्व स्पेन में

15 गोथिक कला के किस चित्रकार ने इंद्रघबुषी रंगो में चित्रण किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-17

जॉन प्यूसिल
मास्टर ऑफ़ मोलिन्स
जेरार्ड डेविड
एन्जर्स

16 राजस्थान के किस क्षेत्र की कला शैली पर जहांगीर एवं शाहजहां कालीन मुगल प्रभाव अधिक दिखाई देता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-12

कोटा-बूंदी
किशनगढ़
उदयपुर
जयपुर

17 स्थिर चित्रण प्रमुख रूप से देखने को मिलता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-12

बंगाल शैली में
मुगल शैली में
पाश्चात्य शैली में
अजंता शैली में

18 'गुलेर शैली' के लगभाग कितने चित्र प्राप्त हैं, जो रामायण पर आधारित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-1

15
206
11
14

19 बंगाल पुनरुत्थान युग के प्रवर्तक थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-2

अमृता शेरगिल
अबनीन्द्रनाथ टैगोर
नंदलाल बोस
यामिनी राय

20 अबनीन्द्रनाथ ठाकुर के शिष्यों में कौन नहीं है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-82

देवी प्रसाद रायचौधरी
नंदलाल बोस
एल.एम. सेन
गोपाल घोष

21 निम्न कथन किसका है? "कलाकार कोई विशेष प्रकार का मनुष्य नहीं होता, बल्कि हर मनुष्य एक विशेष प्रकार का कलाकार होता है।" (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-197,प्रश्न-87

आनंद कुमारस्वामी का
असित कुमार हल्दर का
वासुदेवशरण अग्रवाल का
रायकृष्ण दास का

22 इनमें से प्रसिद्ध व्यंग चित्रकार कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-234,प्रश्न-261

बी.एन. आर्य
मदन लाल नागर
पी.सी. लिटिल
आर.के. लक्ष्मण

23 यूरोपीय प्रागैतिहासिक चित्रों के प्रमुख केंद्र कहां पर स्थित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-7,प्रश्न-14

यूनान एवं मेमोपोटामिया में
उत्तर फ़्राँस एवं इंग्लैंड में
उत्तरी स्पेन एवं दक्षिणी फ़्राँस में
इटली एवं फ़्राँस में

24 'लासकाक्स' गुफ़ा की खोज हुई थी- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-3

1810 में
1936 में
1832 में
1940 में

25 भारत में लघु चित्रों की शुरुआत किसने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-1

राजपूत
मुगल
पाल
मौर्य

26 साहिब राम किस शैली के लघु चित्रों के चित्रकार थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-13

जोधपुर
किशनगढ़
मेवाड़
जयपुर

27 मुगल काल का स्वर्ण युग था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-13

अकबर का समय
जहांगीर का समय
बाबर का समय
शाहजहां का समय

28 शिकरे के साथ महिला किस शैली का चित्र है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-2

गुलेर
बसौली
जयपुर
चम्बा

29 भारतीय कला में पुनरुत्थान किससे आरंभ होता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-3

पटना स्कूल
बिहार स्कूल
बंगाल स्कूल
ईस्टर्न स्कूल

30 शांतिनिकेतन में मध्य युगीन हिंदू संत के भिति चित्रों को किसने चित्रित किया है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-83

नंदलाल बोस
रबींद्रनाथ टैगोर
बिनोद बिहारी मुखर्जी
के.जी. सुब्रमण्यन

31 प्रसिद्ध कलाकृति 'चक्का फेंकने वाला' का कलाकार कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-197,प्रश्न-88

पालीक्लीटस
रूबेन्स
सफेल
मायरॉन

32 एक ऐसे नेता का नाम बताइए जिसने अपनी जीविका का प्रारंभ एक कार्टून चित्रकार के रूप में किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-235,प्रश्न-362

आर.के. लक्ष्मण
बाल ठाकरे
वी.पी. सिंह
आए.के. गुजराल

33 दजला और फरात नदियों के दोआब में पनपी सभ्यता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-7,प्रश्न-15

मिस्त्र की
ग्रीक की
भारत की
मेसोपोटामिया की

34 फ़्राँस की 'लासकाक्स गुफ़ा' की खोज कब हुई थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-4

1841 ई. में
1930 ई. में
1940 ई. में
1741 ई. में

35 सर्वप्रथम लघुचित्र किस पर बनाए गए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-2

कागज
तालपत्र
कांच
वस्त्र

36 'निहालचंद' कलाकार किस शैली से संबंधित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-14

जैन शैली
उपभ्रंश शैली
आधुनिक शैली
राजस्थानी शैली

37 मुगल चित्रकला शैली का स्वर्ण युग कहा जाता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-14

बाबर का
अकबर का
जहांगीर का
शाहजहां का

38 निम्न में से कौन-सा राजस्थानी चित्रकला का केंद्र नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-3

किशनगढ़
बूंदी
चावंड
गुलेर

39 बंगाल चित्र-शैली इनमें से एक विशेषता के कारण जानी जाती है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-4

ऑयल तकनीक
वॉश तकनीक
मिनिएचर तकनीक
म्यूरल तकनीक

40 इनमें से कौन बंगाल शैली का चित्रकार नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-84

शारदा उकील
सुधीर खास्तगीर
मुकुल डे
ईश्वरी प्रसाद

41 'वाल्ट डिजनी' जनक है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-197,प्रश्न-89

स्टिल फोटोग्राफी के
एनीमेशन प्रक्रिया के
वीडियों फिल्मिंग के
ब्लॉक मेकिंग के

42 सबसे ऊंची बुद्ध की मूर्ति जो हाल में ध्वस्त की गई थी, कहां स्थित थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-235,प्रश्न-363

काबुल
कुंदुल
बामियान
कैसर

43 मेसोपोटामिया की सभ्यता किस देश की है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-7,प्रश्न-16

पाकिस्तान
ईरान
अफगानिस्तान
इराक

44 लासकाक्स की गुफ़ाओं में दीर्घकाय पशु आकृतियां हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-5

सिंह की
हाथी की
डायनासोर की
बाइसन की

45 भारत में सचित्र पुस्तकें सर्वप्रथम किस माध्यम पर बनीं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-40,प्रश्न-3

कपड़े पर
ताल-पत्रों पर
कागज पर
लकड़ी के पट्टों पर

46 राजपूत शैली किसका सम्मिलित नाम है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-49,प्रश्न-15

राजस्थानी-मुगल
अपभ्रंश-किशनगढ़
राजस्थानी-पहाड़ी
जयपुर-ईरानी

47 मुगल काल में चित्रकला का उत्कर्ष किसके राज्यकाल में हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-15

अकबर
शाहजहां
औरंगजेब
जहांगीर

48 नैनसुख किस शैली का चित्रकार था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-4

गुलेर
कांगड़ा
बसौली
गढ़वाल

49 बंगाल कला शैली किस तकनीक से जानी जाती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-5

तैल तकनीक
लघु चित्रण तकनीक
वॉश तकनीक
टेम्परा तकनीक

50 जामिनी राय की प्रसिद्ध कृति 'मां एवं शिशु' चित्र का माध्यम- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-85

कैनवास पर तैल रंग
कैनवास पर टेम्परा
टेम्परा
वॉश