"रानी बेलुनचियार देवार": अवतरणों में अंतर
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*18वीं शताब्दी के | *18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अंग्रज़ों ने दक्षिण के राजपूतों को कुचलने के हर सम्भव प्रयास किए। | ||
*शिवगंगा (देवार) के राजा मुथु बटुकनाथ ने अंग्रेज़ों की साम्राज्यवादी नीति का जमकर विरोध किया। | *शिवगंगा (देवार) के राजा मुथु बटुकनाथ ने अंग्रेज़ों की साम्राज्यवादी नीति का जमकर विरोध किया। | ||
*बेलुनचियार राजा मुथु बटुकनाथ की पत्नी थी। | *बेलुनचियार राजा मुथु बटुकनाथ की पत्नी थी। |
11:14, 1 जून 2017 का अवतरण
रानी बेलुनचियार देवार का जन्म 1750 में हुआ था।
- 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अंग्रज़ों ने दक्षिण के राजपूतों को कुचलने के हर सम्भव प्रयास किए।
- शिवगंगा (देवार) के राजा मुथु बटुकनाथ ने अंग्रेज़ों की साम्राज्यवादी नीति का जमकर विरोध किया।
- बेलुनचियार राजा मुथु बटुकनाथ की पत्नी थी।
- वह इतनी वीर थी कि अंग्रेज़ समर्थक कुख्यात दस्यु कट्टु को तलवार के एक ही वार में मार दिया था।
- अंग्रेज़ों ने एक विशाल सेना के साथ देवार पर आक्रमण किया तो राजा बटुकनाथ एवं रानी बेलुनचियार ने अंग्रेज़ों से डटकर मुकाबला किया।
- पति के वीरगति प्राप्त होने के बाद भी रानी शत्रु से लड़ती रही अंग्रेज़ों को विजय तो मिली, परंतु वे रानी को नहीं पकड़ सके।
- बेलुनचियार ने हिम्मत नहीं हारी एवं मैसूर के शासक टीपू सुल्तान से जाकर सहायता माँगी।
- अंतत: टीपू सुल्तान की सहायता से उसने अंग्रेज़ों को हराकर शिवगंगा पर पुन: अधिकार करके ही दम लिया।
- विजय के बाद इस महान वीरांगना ने1799 ई. अपने पति की समाधि के पास बैठकर प्राण त्याग दिए।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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