|
|
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| '''हसन इमाम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Hasan Imam'', जन्म- [[31 अगस्त]], [[1871]], नियोरा, [[पटना]]; मृत्यु- [[19 अप्रैल]], [[1933]]) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के अध्यक्ष थे।
| | {{सूचना बक्सा कलाकार |
| ==परिचय== | | |चित्र=Blankimage.png |
| इमदाद इमाम के बेटे और सर अली इमाम के छोटे भाई
| | |चित्र का नाम=श्रीदेवी |
| | | |पूरा नाम= |
| हसन इमाम का जन्म [[31 अगस्त]], [[1871]] को ज़िला पटना के नियोरा में हुआ था। शिया मुस्लिम मत को मानने वाला यह परिवार प्रतिष्ठित, शिक्षित मध्यम वर्ग का था।
| | |प्रसिद्ध नाम=श्रीदेवी |
| | | |अन्य नाम= |
| स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद खराब स्वास्थ्य के कारण उनकी पढ़ाई में अक्सर बाधा रहती थी, वे जुलाई 1889 में इंग्लैंड चले गये और मिडिल टेंपल में शामिल हो गए। वहां रहते हुए वे दादाभाई नैरोजी के लिये 1891 में इंग्लैंड के आम चुनाव के दौरान सक्रिय रूप से अभियान चलाते रहे। उन्हें 1892 में बार में बुला लिया गया; इसी साल वे वापस घर लौट आये और कलकत्ता उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू कर दी।
| | |जन्म= [[13 अगस्त]], [[1963]] |
| | | |जन्म भूमि= [[तमिलनाडु]] |
| हसन इमाम कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। मार्च 1916 में पटना उच्च न्यायालय की स्थापना पर इमाम ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से इस्तीफा दिया और पटना में प्रैक्टिस शुरू कर दी।
| | |मृत्यु= |
| | | |मृत्यु स्थान= |
| 1921 में वह बिहार व उड़ीसा विधान परिषद के सदस्य मनोनीत किये गये। 1908 के बाद से उन्होंने राजनीतिक मामलों में हिस्सा लिया। अक्टूबर 1909 में उन्हें बिहार कांग्रेस समिति का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया और अगले महीने उन्होंने बिहार छात्र सम्मेलन के चौथे सत्र की अध्यक्षता की।
| | |अभिभावक= पित- अय्यपन, माता- राजेश्वरी |
| | | |पति/पत्नी= बोनी कपूर |
| उन्होंने 1916 में न्यायाधीश पद से इस्तीफे के बाद बड़े पैमाने पर राजनीतिक गतिविधि की फिर से शुरुआत की। नवंबर 1917 में भारत राज्य के सचिव मोंटेगू द्वारा बुलाये गये प्रमुख भारतीय नेताओं में से हसन इमाम एक थे और उसके द्वारा ‘‘भारतीय राजनीतिक परिदृश्य के वास्तविक दिग्गजों’’ के बीच इमाम को भी सूचीबद्ध किया गया था।
| | |संतान= पुत्री- जाह्नवी कपूर, ख़ुशी कपूर; पुत्र- अर्जुन कपूर |
| | | |कर्म भूमि= [[भारत]] |
| उन्होंने मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार योजना पर विचार करने के लिए 1918 में बंबई में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष सत्र की अध्यक्षता की। यह बेहद महत्वपूर्ण और बेहद ही मुश्किल सत्र था क्योंकि इसमें योजना की विशेषताओं पर मतभिन्नता थी। हसन इमाम ने इसमें उदारवादी भूमिका निभाई।
| | |कर्म-क्षेत्र= [[भारतीय सिनेमा]] |
| | | |मुख्य रचनाएँ= |
| एक कट्टर संविधानविद् के नाते उन्होंने असहयोग आंदोलन की विचारधारा का विरोध किया था। हसन इमाम ने [[खिलाफत आंदोलन]] में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। वे 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल हो गए और पटना में गठित स्वदेशी लीग के सचिव चुने गए।
| | |मुख्य फ़िल्में= 'जूली', 'सोलवां सावन', 'सदमा', 'हिम्मतवाला', 'नगीना', 'मिस्टर इंडिया', 'निगाहें', 'चालबाज़', 'चांदनी', 'लाडला', 'इंग्लिश विंग्लिश'। |
| | | |विषय= |
| उन्होंने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और खादी के इस्तेमाल के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाया। इससे पहले वे 1927 में बिहार में साइमन कमीशन के बहिष्कार की सफलता के वास्तविक सूत्रधार थे। हसन इमाम विशेष रूप से सामाजिक सुधारों, महिलाओं और दलित वर्गों की स्थिति की सुधार की वकालत करते थे।
| | |शिक्षा= |
| | | |विद्यालय= |
| टिकरी बोर्ड न्यास के सदस्य के रूप में उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए योजनाओं को बढ़ावा दिया। उन्होंने कंपनी और शाही शासन दोनों के तहत देश के आर्थिक शोषण को उजागर किया। वे बिहार के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक बेहरे के न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष थे, वह सफल सर्चलाइट के संस्थापकों में से भी एक थे।
| | |पुरस्कार-उपाधि= [[पद्मश्री]] |
| | | |प्रसिद्धि= अभिनेत्री |
| 19 अप्रैल 1933 को उनका निधन हो गया और उन्हें जिला शाहाबाद के जपाला में दफनाया गया।
| | |विशेष योगदान= |
| | |नागरिकता= भारतीय |
| | |संबंधित लेख= |
| | |शीर्षक 1= |
| | |पाठ 1= |
| | |शीर्षक 2= |
| | |पाठ 2= |
| | |अन्य जानकारी= श्रीदेवी ने मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा कई आर्ट फ़िल्मों मे भी काम किया, जिसे [[भारत]] में पैरलल सिनेमा कहा जाता हैै। |
| | |बाहरी कड़ियाँ= [http://mayapurionline.com/sridevi-birthday-12-august/#prettyphoto/0/ श्रीदेवी] |
| | |अद्यतन= |
| | }} |