"दिनशा वाचा का परिचय": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ |चित्र=Dinshaw-Edulji-Wacha.jpg |चित्र का...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 24: पंक्ति 24:
|जेल यात्रा=
|जेल यात्रा=
|पुरस्कार-उपाधि=
|पुरस्कार-उपाधि=
|विशेष योगदान= [[फ़िरोजशाह मेहता|फ़िरोजशाह मेहता]] तथा [[दादा भाई नौरोजी]] के सहयोग से सर दिनशा वाचा ने [[भारत]] की गरीबी और गरीब जनता से सरकारी करों के रूप में वसूल किए गए धन के अपव्यय के विरुद्ध स्वदेश में और शासक [[ब्रिटेन|देश ब्रिटेन]] में लोकमत जगाने के लिए अथक परिश्रम किया।
|विशेष योगदान=  
|संबंधित लेख= [[दादाभाई नौरोजी]], [[फ़िरोजशाह मेहता|फ़िरोजशाह मेहता]], [[मुंबई]], [[सुरेंद्रनाथ बनर्जी]]  
|संबंधित लेख= [[दादाभाई नौरोजी]], [[फ़िरोजशाह मेहता|फ़िरोजशाह मेहता]], [[मुंबई]], [[सुरेंद्रनाथ बनर्जी]]  
|शीर्षक 1=
|शीर्षक 1=
पंक्ति 37: पंक्ति 37:
दिनशा इडलजी वाचा का जन्म 1844 में हुआ था। दिनशा आर्थिक और वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ थे और इन विषयों में उनकी सूझ बड़ी ही पैनी थी। ये भारत में [[ब्रिटिश शासन]] के विशेषत: [[ब्रिटेन]] द्वारा भारत के आर्थिक शोषण के अत्यंत कटु आलोचक थे। दिनशा वाचा इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर लेख लिखकर और भाषण देकर लोगों का ध्यान आकर्षित करते थे। [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] की स्थापना में प्रमुख योगदान देने वाले [[मुंबई]] के तीन मुख्य पारसी नेताओं में से एक थे। अपने अन्य दोनों साथी पारसी नेताओं, [[फ़िरोजशाह मेहता|फ़िरोजशाह मेहता]] तथा [[दादा भाई नौरोजी]] के सहयोग से सर दिनशा वाचा ने [[भारत]] की गरीबी और गरीब जनता से सरकारी करों के रूप में वसूल किए गए धन के अपव्यय के विरुद्ध स्वदेश में और शासक देश ब्रिटेन में लोकमत जगाने के लिए अथक परिश्रम किया।  
दिनशा इडलजी वाचा का जन्म 1844 में हुआ था। दिनशा आर्थिक और वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ थे और इन विषयों में उनकी सूझ बड़ी ही पैनी थी। ये भारत में [[ब्रिटिश शासन]] के विशेषत: [[ब्रिटेन]] द्वारा भारत के आर्थिक शोषण के अत्यंत कटु आलोचक थे। दिनशा वाचा इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर लेख लिखकर और भाषण देकर लोगों का ध्यान आकर्षित करते थे। [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] की स्थापना में प्रमुख योगदान देने वाले [[मुंबई]] के तीन मुख्य पारसी नेताओं में से एक थे। अपने अन्य दोनों साथी पारसी नेताओं, [[फ़िरोजशाह मेहता|फ़िरोजशाह मेहता]] तथा [[दादा भाई नौरोजी]] के सहयोग से सर दिनशा वाचा ने [[भारत]] की गरीबी और गरीब जनता से सरकारी करों के रूप में वसूल किए गए धन के अपव्यय के विरुद्ध स्वदेश में और शासक देश ब्रिटेन में लोकमत जगाने के लिए अथक परिश्रम किया।  


== वित्तीय स्थिति प्रस्ताव ==
==राजकीय घोषणा द्वारा जाँच कमीशन==
कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में ही दादाभाई नौरोजी ने देश की वित्तीय स्थिति और प्रकासकीय व्यय के संबंध में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करके इस विषय की जाँच कराए जाने का अनुरोध किया कि भारत के प्रशासन तथा सेना में होने वाले व्यय का कितना भार भारतीय जनता वहन करे और कितना शासक देश ब्रिटेन के जिम्मे हो। इस विषय का आंदोलन दस वर्ष से अधिक समय तक लगातार जारी रहा और [[दादाभाई नौरोजी]] ने ब्रिटिश पार्लमेंट में भी इसे विवाद के लिए प्रस्तुत किया। फलत: [[24 मई]], [[1895]] को राजकीय घोषणा द्वारा एक जाँच कमीशन नियुक्त हुआ जिसे [[भारत]] में होने वाले सैनिक और प्रशासकीय व्यय की जाँच करके इस निर्णय का काम सौंपा गया कि उस व्यय का कितना अंश भारत वहन करे और कितना ब्रिटेन।
कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में ही दादाभाई नौरोजी ने देश की वित्तीय स्थिति और प्रकासकीय व्यय के संबंध में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करके इस विषय की जाँच कराए जाने का अनुरोध किया कि भारत के प्रशासन तथा सेना में होने वाले व्यय का कितना भार भारतीय जनता वहन करे और कितना शासक देश ब्रिटेन के जिम्मे हो। इस विषय का आंदोलन दस वर्ष से अधिक समय तक लगातार जारी रहा और [[दादाभाई नौरोजी]] ने ब्रिटिश पार्लमेंट में भी इसे विवाद के लिए प्रस्तुत किया। फलत: [[24 मई]], [[1895]] को राजकीय घोषणा द्वारा एक जाँच कमीशन नियुक्त हुआ जिसे [[भारत]] में होने वाले सैनिक और प्रशासकीय व्यय की जाँच करके इस निर्णय का काम सौंपा गया कि उस व्यय का कितना अंश भारत वहन करे और कितना ब्रिटेन।


पंक्ति 50: पंक्ति 50:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस}}{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अध्यक्ष}}
{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस}}{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अध्यक्ष}}
[[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस अध्यक्ष]][[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]]
[[Category:जीवनी कोश]][[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]]
__INDEX__
__INDEX__

10:58, 9 जून 2017 का अवतरण

दिनशा वाचा का परिचय
दिनशा इडलजी वाचा
दिनशा इडलजी वाचा
पूरा नाम दिनशा इडलजी वाचा
अन्य नाम दिनशा वाचा
जन्म 1844
मृत्यु 1936
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
संबंधित लेख दादाभाई नौरोजी, फ़िरोजशाह मेहता, मुंबई, सुरेंद्रनाथ बनर्जी
अन्य जानकारी दिनशा इडलजी वाचा भारत में ब्रिटिश शासन के विशेषत: ब्रिटेन द्वारा भारत के आर्थिक शोषण के अत्यंत कटु आलोचक थे। वे इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर लेख लिखकर और भाषण देकर लोगों का ध्यान आकर्षित करते थे।
अद्यतन‎ 04:42, 4 जून 2017 (IST)

दिनशा इडलजी वाचा का जन्म 1844 में हुआ था। दिनशा आर्थिक और वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ थे और इन विषयों में उनकी सूझ बड़ी ही पैनी थी। ये भारत में ब्रिटिश शासन के विशेषत: ब्रिटेन द्वारा भारत के आर्थिक शोषण के अत्यंत कटु आलोचक थे। दिनशा वाचा इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर लेख लिखकर और भाषण देकर लोगों का ध्यान आकर्षित करते थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में प्रमुख योगदान देने वाले मुंबई के तीन मुख्य पारसी नेताओं में से एक थे। अपने अन्य दोनों साथी पारसी नेताओं, फ़िरोजशाह मेहता तथा दादा भाई नौरोजी के सहयोग से सर दिनशा वाचा ने भारत की गरीबी और गरीब जनता से सरकारी करों के रूप में वसूल किए गए धन के अपव्यय के विरुद्ध स्वदेश में और शासक देश ब्रिटेन में लोकमत जगाने के लिए अथक परिश्रम किया।

राजकीय घोषणा द्वारा जाँच कमीशन

कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में ही दादाभाई नौरोजी ने देश की वित्तीय स्थिति और प्रकासकीय व्यय के संबंध में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करके इस विषय की जाँच कराए जाने का अनुरोध किया कि भारत के प्रशासन तथा सेना में होने वाले व्यय का कितना भार भारतीय जनता वहन करे और कितना शासक देश ब्रिटेन के जिम्मे हो। इस विषय का आंदोलन दस वर्ष से अधिक समय तक लगातार जारी रहा और दादाभाई नौरोजी ने ब्रिटिश पार्लमेंट में भी इसे विवाद के लिए प्रस्तुत किया। फलत: 24 मई, 1895 को राजकीय घोषणा द्वारा एक जाँच कमीशन नियुक्त हुआ जिसे भारत में होने वाले सैनिक और प्रशासकीय व्यय की जाँच करके इस निर्णय का काम सौंपा गया कि उस व्यय का कितना अंश भारत वहन करे और कितना ब्रिटेन।

इस जाँच कमीशन के सामने भारत की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत करने को दो भारतीय नेता अप्रैल, 1817 में लंदन भेजे गए। इनमें से एक थे सर दिनशा इडलजी वाचा और दूसरे थे गोपाल कृष्ण गोखले। इन दोनों तथा सक्ष्य के लिए गए दो अन्य भारतीय नेताओं सुरेंद्रनाथ बनर्जी तथा सुब्रह्मण्य अय्यर के सहयोग से दादाभाई नौरोजी ने भारतीय जनता की गरीबी और आर्थिक तबाही का सही चित्र ब्रिटिश जनता के सामने प्रस्तुत करने के लिए धुँआधार प्रचार का आयोजन किया।


पीछे जाएँ
पीछे जाएँ
दिनशा वाचा का परिचय
आगे जाएँ
आगे जाएँ
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख