"चल अकेला चल अकेला": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - " जगत " to " जगत् ")
 
पंक्ति 24: पंक्ति 24:
|पाठ 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=
|संबंधित लेख=
|अन्य जानकारी=कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप [[हिंदी साहित्य]] जगत और हिंदी फ़िल्म जगत के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप '[[ऐ मेरे वतन के लोगों]]' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।
|अन्य जानकारी=कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप [[हिंदी साहित्य]] जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप '[[ऐ मेरे वतन के लोगों]]' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
|अद्यतन=

13:48, 30 जून 2017 के समय का अवतरण

चल अकेला चल अकेला
कवि प्रदीप
कवि प्रदीप
विवरण चल अकेला चल अकेला एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है।
रचनाकार कवि प्रदीप
फ़िल्म संबंध (1969)
संगीतकार ओ. पी. नैय्यर
गायक/गायिका मुकेश
अन्य जानकारी कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।

चल अकेला चल अकेला चल अकेला
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला

हज़ारों मील लम्बे रस्ते तुझको बुलाते
यहाँ दुखड़े सहने के वास्ते तुझको बुलाते
है कौन सा वो इन्सान यहाँ पे
जिसने दुःख ना झेला
चल अकेला चल अकेला चल अकेला...

तेरा कोई साथ न दे तो
तू खुद से प्रीत जोड़ ले
बिछौना धरती को करके
अरे आकाश ओढ़ ले
पूरा खेल अभी जीवन का
तूने कहाँ है खेला
चल अकेला चल अकेला चल अकेला
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख