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-[[भगत सिंह]]
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-[[लाला लाजपत राय]]
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||[[चित्र:Subhash-Chandra-Bose-2.jpg|150px|right|सुभाष चंद्र बोस]]'सुभाष चंद्र बोस' के अतिरिक्त [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं हुआ, जो एक साथ महान सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पुरुषों, नेताओं के समकक्ष साधिकार बैठकर कूटनीति तथा चर्चा करने वाला रहा हो। [[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए [[सुभाष चंद्र बोस]] ने क़रीब-क़रीब पूरे [[यूरोप]] में अलख जगाया। वे प्रकृति से साधु, ईश्वर भक्त तथा तन-मन से देश प्रेमी थे। [[महात्मा गाँधी]] के '[[नमक सत्याग्रह]]' को 'नेपोलियन की पेरिस यात्रा' की संज्ञा देने वाले सुभाष चंद्र बोस का एक ऐसा व्यक्तित्व था, जिसका मार्ग कभी भी स्वार्थों ने नहीं रोका, जिसके पाँव लक्ष्य से पीछे नहीं हटे, जिसने जो भी स्वप्न देखे, उन्हें साधा और जिसमें सच्चाई के सामने खड़े होने की अद्भुत क्षमता थी। गाँधी जी और सुभाष चंद्र बोस के विचार भिन्न-भिन्न थे, लेकिन वे अच्छी तरह जानते थे कि गाँधी जी और उनका मक़सद एक ही है, यानी देश की आज़ादी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभाष चंद्र बोस]]
||[[चित्र:Subhash-Chandra-Bose-2.jpg|150px|right|सुभाष चंद्र बोस]]'सुभाष चंद्र बोस' के अतिरिक्त [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं हुआ, जो एक साथ महान् सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पुरुषों, नेताओं के समकक्ष साधिकार बैठकर कूटनीति तथा चर्चा करने वाला रहा हो। [[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए [[सुभाष चंद्र बोस]] ने क़रीब-क़रीब पूरे [[यूरोप]] में अलख जगाया। वे प्रकृति से साधु, ईश्वर भक्त तथा तन-मन से देश प्रेमी थे। [[महात्मा गाँधी]] के '[[नमक सत्याग्रह]]' को 'नेपोलियन की पेरिस यात्रा' की संज्ञा देने वाले सुभाष चंद्र बोस का एक ऐसा व्यक्तित्व था, जिसका मार्ग कभी भी स्वार्थों ने नहीं रोका, जिसके पाँव लक्ष्य से पीछे नहीं हटे, जिसने जो भी स्वप्न देखे, उन्हें साधा और जिसमें सच्चाई के सामने खड़े होने की अद्भुत क्षमता थी। गाँधी जी और सुभाष चंद्र बोस के विचार भिन्न-भिन्न थे, लेकिन वे अच्छी तरह जानते थे कि गाँधी जी और उनका मक़सद एक ही है, यानी देश की आज़ादी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभाष चंद्र बोस]]
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14:02, 30 जून 2017 का अवतरण