"पहेली 13 अगस्त 2017": अवतरणों में अंतर

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||[[चित्र:Shyam-Prasad-Mukherjee.jpg|100px|right|border|श्यामा प्रसाद मुखर्जी]]'श्यामा प्रसाद मुखर्जी' एक महान शिक्षाविद और चिन्तक होने के साथ-साथ [[भारतीय जनसंघ]] के संस्थापक भी थे। उन्हें आज भी एक प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर देशभक्त के रूप में याद किया जाता है। [[श्यामा प्रसाद मुखर्जी|डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी]] सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतों के पक्के इंसान थे। [[संसद]] में उन्होंने सदैव राष्ट्रीय एकता की स्थापना को ही अपना प्रथम लक्ष्य रखा था। संसद में दिए अपने भाषण में उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा था कि- "राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है।" [[भारतीय इतिहास]] में उनकी छवि एक कर्मठ और जुझारू व्यक्तित्व वाले ऐसे इंसान की है, जो अपनी मृत्यु के इतने वर्षों बाद भी अनेक भारतवासियों के आदर्श और पथप्रदर्शक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्यामा प्रसाद मुखर्जी]]
||[[चित्र:Shyam-Prasad-Mukherjee.jpg|100px|right|border|श्यामा प्रसाद मुखर्जी]]'श्यामा प्रसाद मुखर्जी' एक महान् शिक्षाविद और चिन्तक होने के साथ-साथ [[भारतीय जनसंघ]] के संस्थापक भी थे। उन्हें आज भी एक प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर देशभक्त के रूप में याद किया जाता है। [[श्यामा प्रसाद मुखर्जी|डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी]] सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतों के पक्के इंसान थे। [[संसद]] में उन्होंने सदैव राष्ट्रीय एकता की स्थापना को ही अपना प्रथम लक्ष्य रखा था। संसद में दिए अपने भाषण में उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा था कि- "राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है।" [[भारतीय इतिहास]] में उनकी छवि एक कर्मठ और जुझारू व्यक्तित्व वाले ऐसे इंसान की है, जो अपनी मृत्यु के इतने वर्षों बाद भी अनेक भारतवासियों के आदर्श और पथप्रदर्शक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्यामा प्रसाद मुखर्जी]]
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11:07, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

"राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है।" यह कथन किस महापुरुष का है?

अटल बिहारी वाजपेयी
प्यारेलाल खण्डेलवाल
श्यामा प्रसाद मुखर्जी
दीनदयाल उपाध्याय



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