"ठाकुर प्रसाद सिंह": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''ठाकुर प्रसाद सिंह''' (जन्म- 26 अक्टूबर, 1924, वाराणसी, [...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा साहित्यकार | |||
|चित्र=Thakur-Prasad-Singh.jpg | |||
|चित्र का नाम=ठाकुर प्रसाद सिंह | |||
|पूरा नाम=ठाकुर प्रसाद सिंह | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=[[26 अक्टूबर]], [[1924]] | |||
|जन्म भूमि=[[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]] | |||
|मृत्यु= | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|अभिभावक= | |||
|पालक माता-पिता= | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|कर्म-क्षेत्र= | |||
|मुख्य रचनाएँ='वंशी और मादल' ([[1977]]), 'महामानव' (प्रबन्धकाव्य) [[1946]], 'हारी हुई लड़ाई लड़ते हुए' (कविता-संग्रह) [[1988]] आदि। | |||
|विषय= | |||
|भाषा= | |||
|विद्यालय= | |||
|शिक्षा= | |||
|पुरस्कार-उपाधि= | |||
|प्रसिद्धि=[[कवि]] तथा साहित्यकार | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=ठाकुर प्रसाद सिंह ने [[नाटक]] तथा [[उपन्यास]] भी लिखे। [[कविता]] के क्षेत्र में 'महामानव' एवं 'वंशी और मादल' विशेष चर्चित रहे। नवगीत विधा के कवियों में इनका प्रमुख स्थान है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''ठाकुर प्रसाद सिंह''' (जन्म- [[26 अक्टूबर]], [[1924]], [[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]]) का नाम [[भारत]] में नवगीत विधा के कवियों में प्रमुखता से लिया जाता है। अपनी कई कृतियों के लेखन के साथ ही इन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। कई [[नाटक]] तथा [[उपन्यास]] भी ठाकुर प्रसाद सिंह ने लिखे। | '''ठाकुर प्रसाद सिंह''' (जन्म- [[26 अक्टूबर]], [[1924]], [[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]]) का नाम [[भारत]] में नवगीत विधा के कवियों में प्रमुखता से लिया जाता है। अपनी कई कृतियों के लेखन के साथ ही इन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। कई [[नाटक]] तथा [[उपन्यास]] भी ठाकुर प्रसाद सिंह ने लिखे। | ||
पंक्ति 9: | पंक्ति 42: | ||
*ठाकुर प्रसाद सिंह की मुख्य रचनाएँ इस प्रकार हैं- | *ठाकुर प्रसाद सिंह की मुख्य रचनाएँ इस प्रकार हैं- | ||
#महामानव ([[1946]]) | #महामानव ([[1946]]) | ||
#वंशी और मादल | #वंशी और मादल ([[1977]]) | ||
#कुब्जा सुन्दरी ([[1963]]) | #कुब्जा सुन्दरी ([[1963]]) | ||
#आदिम ([[1978]]) | #आदिम ([[1978]]) | ||
पंक्ति 22: | पंक्ति 55: | ||
*'सेवक प्रकाशन', [[वाराणसी]] के सौजन्य से प्रकाशित 'मोर पंख' ठाकुर प्रसाद सिंह की प्रतिनिधि गद्य रचनाओं का उत्कृष्ट [[ग्रंथ]] है। | *'सेवक प्रकाशन', [[वाराणसी]] के सौजन्य से प्रकाशित 'मोर पंख' ठाकुर प्रसाद सिंह की प्रतिनिधि गद्य रचनाओं का उत्कृष्ट [[ग्रंथ]] है। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 68: | ||
[[Category:कवि]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:काशी]][[Category:उपन्यासकार]][[Category:नाटककार]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:चरित कोश]] | [[Category:कवि]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:काशी]][[Category:उपन्यासकार]][[Category:नाटककार]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:चरित कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
11:32, 12 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
ठाकुर प्रसाद सिंह
| |
पूरा नाम | ठाकुर प्रसाद सिंह |
जन्म | 26 अक्टूबर, 1924 |
जन्म भूमि | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | 'वंशी और मादल' (1977), 'महामानव' (प्रबन्धकाव्य) 1946, 'हारी हुई लड़ाई लड़ते हुए' (कविता-संग्रह) 1988 आदि। |
प्रसिद्धि | कवि तथा साहित्यकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | ठाकुर प्रसाद सिंह ने नाटक तथा उपन्यास भी लिखे। कविता के क्षेत्र में 'महामानव' एवं 'वंशी और मादल' विशेष चर्चित रहे। नवगीत विधा के कवियों में इनका प्रमुख स्थान है। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
ठाकुर प्रसाद सिंह (जन्म- 26 अक्टूबर, 1924, वाराणसी, उत्तर प्रदेश) का नाम भारत में नवगीत विधा के कवियों में प्रमुखता से लिया जाता है। अपनी कई कृतियों के लेखन के साथ ही इन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। कई नाटक तथा उपन्यास भी ठाकुर प्रसाद सिंह ने लिखे।
- वाराणसी के ईश्वरगंगी मुहल्ले में 26 अक्टूबर, 1924 को ठाकुर प्रसाद सिंह का जन्म हुआ था।
- इन्होंने हिन्दी तथा प्राचीन भारतीय इतिहास व पुरातत्व में उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।
- कई वर्षों तक अध्यापन और पत्रकारिता के बाद ठाकुर प्रसाद सिंह उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग में चले गए। वहाँ हिन्दी संस्थान के निदेशक रहे।
- ठाकुर प्रसाद सिंह ने कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। नाटक तथा उपन्यास भी लिखे।
- कविता के क्षेत्र में इनके 'महामानव (प्रबंध-काव्य) एवं 'वंशी और मादल (गीत-संग्रह) विशेष चर्चित रहे।
- 'नवगीत विधा' के कवियों में ठाकुर प्रसाद सिंह का प्रमुख स्थान है।
- ठाकुर प्रसाद सिंह की मुख्य रचनाएँ इस प्रकार हैं-
- महामानव (1946)
- वंशी और मादल (1977)
- कुब्जा सुन्दरी (1963)
- आदिम (1978)
- हिन्दी निबंध और निबंधकार (1952)
- पुराने घर नये लोग (1960)
- बाबू राव विष्णु प्राणकर (1984)
- स्वतंत्र आन्दोलन और बनारस (1990)
- 15 अगस्त
- पहिए
- कठपुतली
- गहरे सागर के मोती
- 'सेवक प्रकाशन', वाराणसी के सौजन्य से प्रकाशित 'मोर पंख' ठाकुर प्रसाद सिंह की प्रतिनिधि गद्य रचनाओं का उत्कृष्ट ग्रंथ है।
|
|
|
|
|