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'''डॉ. कलाम''' एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। वेशभूषा, बोलचाल के लहजे, अच्छे-खासे सरकारी आवास को छोड़कर हॉस्टल का सादगीपूर्ण जीवन, ये बातें उनके संपर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर एक सम्मोहक प्रभाव छोड़ती हैं। [[विज्ञान]], प्रौद्योगिकी, देश के विकास और युवा मस्तिष्कों को प्रज्ज्वलित करने में अपनी तल्लीनता के साथ साथ वे [[पर्यावरण]] की चिंता भी खूब करते हैं, [[साहित्य]] में रुचि रखते हैं, [[कविता]] लिखते हैं, [[वीणा]] बजाते हैं, तथा अध्यात्म से बहुत गहरे जुड़े हुए हैं। डॉ. कलाम में अपने काम के प्रति जबर्दस्त दीवानगी है। उनके लिए कोई भी समय काम का समय होता है। वह अपना अधिकांश समय कार्यालय में बिताते हैं। देर शाम तक विभिन्न कार्यक्रमों में डॉ. कलाम की सक्रियता तथा स्फूर्ति काबिलेतारीफ है। ऊर्जा का ऐसा प्रवाह केवल गहरी प्रतिबद्धता तथा समर्पण से ही आ सकता है। डॉ. कलाम खानपान में पूर्णत: शाकाहारी व्यक्ति हैं। वे मदिरापान से बिलकुल परहेज करते हैं। उनका निजी जीवन अनुकरणीय है। डॉ. कलाम की याददाश्त बहुत तेज है। वे घटनाओं तथा बातों को याद रखते हैं।<ref name="ebook"/>[[चित्र:Dr.kalam-with indira gandhi.png|thumb|300px|[[इंदिरा गांधी]] को एस.एल.वी.-3 के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. कलाम]]     
'''डॉ. कलाम''' एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। वेशभूषा, बोलचाल के लहजे, अच्छे-खासे सरकारी आवास को छोड़कर हॉस्टल का सादगीपूर्ण जीवन, ये बातें उनके संपर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर एक सम्मोहक प्रभाव छोड़ती हैं। [[विज्ञान]], प्रौद्योगिकी, देश के विकास और युवा मस्तिष्कों को प्रज्ज्वलित करने में अपनी तल्लीनता के साथ साथ वे [[पर्यावरण]] की चिंता भी खूब करते हैं, [[साहित्य]] में रुचि रखते हैं, [[कविता]] लिखते हैं, [[वीणा]] बजाते हैं, तथा अध्यात्म से बहुत गहरे जुड़े हुए हैं। डॉ. कलाम में अपने काम के प्रति जबर्दस्त दीवानगी है। उनके लिए कोई भी समय काम का समय होता है। वह अपना अधिकांश समय कार्यालय में बिताते हैं। देर शाम तक विभिन्न कार्यक्रमों में डॉ. कलाम की सक्रियता तथा स्फूर्ति काबिलेतारीफ है। ऊर्जा का ऐसा प्रवाह केवल गहरी प्रतिबद्धता तथा समर्पण से ही आ सकता है। डॉ. कलाम खानपान में पूर्णत: शाकाहारी व्यक्ति हैं। वे मदिरापान से बिलकुल परहेज करते हैं। उनका निजी जीवन अनुकरणीय है। डॉ. कलाम की याददाश्त बहुत तेज है। वे घटनाओं तथा बातों को याद रखते हैं।<ref name="ebook"/>[[चित्र:Dr.kalam-with indira gandhi.png|thumb|left|[[इंदिरा गांधी]] को एस.एल.वी.-3 के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. कलाम]]     
====सर्वधर्म समभाव के प्रतीक====
====सर्वधर्म समभाव के प्रतीक====
डॉ. कलाम बातचीत में बड़े विनोदप्रिय स्वभाव के हैं। अपनी बात को बड़ी सरलता तथा साफगोई से सामने रखते हैं। प्राय: उनकी बातों में हास्य का पुट होता है। लेकिन बात बहुत सटीक तौर पर करते हैं। डॉ. कलाम सभी मुद्दों को मानवीयता की कसौटी पर परखते हैं। उनके लिए जाति, धर्म, वर्ग, समुदाय मायने नहीं रखते। वे सर्वधर्म समभाव के प्रतीक हैं। वह इंसान के जीवन को ऊंचा उठाना चाहते हैं। उसे बेहतरी की ओर ले जाना चाहते हैं। उनका मानवतावाद मनुष्यों की समानता के आधारभूत सिद्धांत पर आधारित है। [[25 जुलाई]], [[2002]] की शाम को [[भारत के राष्ट्रपति]] का सर्वोच्च पद सँभालने के दिन घटित एक बात से इसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। उस दिन [[राष्ट्रपति भवन]] में एक प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी जिसमें रामेश्वरम् मसजिद के मौलवी, रामेश्वरम् मंदिर के पुजारी, सेंट जोसेफ कॉलेज के फॉदर रेक्टर तथा अन्य लोगों ने भाग लिया था। उनके बारे में जो पहलू सबसे कम प्रचारित है वह है उनकी उदारता या परोपकार की भावना।<ref name="ebook"/>
डॉ. कलाम बातचीत में बड़े विनोदप्रिय स्वभाव के हैं। अपनी बात को बड़ी सरलता तथा साफगोई से सामने रखते हैं। प्राय: उनकी बातों में हास्य का पुट होता है। लेकिन बात बहुत सटीक तौर पर करते हैं। डॉ. कलाम सभी मुद्दों को मानवीयता की कसौटी पर परखते हैं। उनके लिए जाति, धर्म, वर्ग, समुदाय मायने नहीं रखते। वे सर्वधर्म समभाव के प्रतीक हैं। वह इंसान के जीवन को ऊंचा उठाना चाहते हैं। उसे बेहतरी की ओर ले जाना चाहते हैं। उनका मानवतावाद मनुष्यों की समानता के आधारभूत सिद्धांत पर आधारित है। [[25 जुलाई]], [[2002]] की शाम को [[भारत के राष्ट्रपति]] का सर्वोच्च पद सँभालने के दिन घटित एक बात से इसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। उस दिन [[राष्ट्रपति भवन]] में एक प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी जिसमें रामेश्वरम् मसजिद के मौलवी, रामेश्वरम् मंदिर के पुजारी, सेंट जोसेफ कॉलेज के फॉदर रेक्टर तथा अन्य लोगों ने भाग लिया था। उनके बारे में जो पहलू सबसे कम प्रचारित है वह है उनकी उदारता या परोपकार की भावना।<ref name="ebook"/>

13:45, 15 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

अब्दुल कलाम विषय सूची
अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व
पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम
अन्य नाम मिसाइल मैन
जन्म 15 अक्तूबर, 1931

(आयु- 93 वर्ष)

जन्म भूमि रामेश्वरम, तमिलनाडु
मृत्यु 27 जुलाई, 2015
मृत्यु स्थान शिलांग, मेघालय
अभिभावक जैनुलाब्दीन
पति/पत्नी अविवाहित
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के जनक
पद भारत के 11वें राष्ट्रपति
कार्य काल 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007
शिक्षा स्नातक
विद्यालय मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी, तमिल
पुरस्कार-उपाधि भारत रत्न (1997), पद्म विभूषण (1990), पद्म भूषण (1981), इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार एवं देशी-विदेशी कई विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि
संबंधित लेख अब्दुल कलाम के अनमोल वचन
पुस्तकें 'विंग्स ऑफ़ फ़ायर' (जीवनी), 'इण्डिया 2020- ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम', भारत की आवाज़, टर्निंग प्वॉइंट्स, हम होंगे कामयाब
अन्य जानकारी डॉक्टर कलाम ने भारत के विकास स्तर को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच प्रदान की। यह भारत सरकार के 'मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार' भी रहे।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट

डॉ. कलाम एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। वेशभूषा, बोलचाल के लहजे, अच्छे-खासे सरकारी आवास को छोड़कर हॉस्टल का सादगीपूर्ण जीवन, ये बातें उनके संपर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर एक सम्मोहक प्रभाव छोड़ती हैं। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, देश के विकास और युवा मस्तिष्कों को प्रज्ज्वलित करने में अपनी तल्लीनता के साथ साथ वे पर्यावरण की चिंता भी खूब करते हैं, साहित्य में रुचि रखते हैं, कविता लिखते हैं, वीणा बजाते हैं, तथा अध्यात्म से बहुत गहरे जुड़े हुए हैं। डॉ. कलाम में अपने काम के प्रति जबर्दस्त दीवानगी है। उनके लिए कोई भी समय काम का समय होता है। वह अपना अधिकांश समय कार्यालय में बिताते हैं। देर शाम तक विभिन्न कार्यक्रमों में डॉ. कलाम की सक्रियता तथा स्फूर्ति काबिलेतारीफ है। ऊर्जा का ऐसा प्रवाह केवल गहरी प्रतिबद्धता तथा समर्पण से ही आ सकता है। डॉ. कलाम खानपान में पूर्णत: शाकाहारी व्यक्ति हैं। वे मदिरापान से बिलकुल परहेज करते हैं। उनका निजी जीवन अनुकरणीय है। डॉ. कलाम की याददाश्त बहुत तेज है। वे घटनाओं तथा बातों को याद रखते हैं।[1]

इंदिरा गांधी को एस.एल.वी.-3 के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. कलाम

सर्वधर्म समभाव के प्रतीक

डॉ. कलाम बातचीत में बड़े विनोदप्रिय स्वभाव के हैं। अपनी बात को बड़ी सरलता तथा साफगोई से सामने रखते हैं। प्राय: उनकी बातों में हास्य का पुट होता है। लेकिन बात बहुत सटीक तौर पर करते हैं। डॉ. कलाम सभी मुद्दों को मानवीयता की कसौटी पर परखते हैं। उनके लिए जाति, धर्म, वर्ग, समुदाय मायने नहीं रखते। वे सर्वधर्म समभाव के प्रतीक हैं। वह इंसान के जीवन को ऊंचा उठाना चाहते हैं। उसे बेहतरी की ओर ले जाना चाहते हैं। उनका मानवतावाद मनुष्यों की समानता के आधारभूत सिद्धांत पर आधारित है। 25 जुलाई, 2002 की शाम को भारत के राष्ट्रपति का सर्वोच्च पद सँभालने के दिन घटित एक बात से इसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। उस दिन राष्ट्रपति भवन में एक प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी जिसमें रामेश्वरम् मसजिद के मौलवी, रामेश्वरम् मंदिर के पुजारी, सेंट जोसेफ कॉलेज के फॉदर रेक्टर तथा अन्य लोगों ने भाग लिया था। उनके बारे में जो पहलू सबसे कम प्रचारित है वह है उनकी उदारता या परोपकार की भावना।[1]

समाज सेवा

उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तकें बहुत लोकप्रिय रही हैं। वे अपनी किताबों की रॉयल्टी का अधिकांश हिस्सा स्वयंसेवी संस्थाओं को मदद में दे देते हैं। मदर टेरेसा द्वारा स्थापित 'सिस्टर्स ऑफ़ चैरिटी' उनमें से एक है। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं। इनमें से कुछ पुरस्कारों के साथ नकद राशियां भी थीं। वह इन पुरस्कार राशियों को परोपकार के कार्यों के लिए अलग रखते हैं। जब-जब देश में प्राकृतिक आपदाएँ आई हैं, तब-तब डॉ. कलाम की मानवीयता एवं करुणा निखरकर सामने आई है। वह अन्य मनुष्यों के कष्ट तथा पीड़ा के विचार मात्र से दुःखी हो जाते हैं। वह प्रभावित लोगों को राहत पहुचाँने के लिए डी.आर.डी.ओ. के नियंत्रण में मौजूद सभी संसाधनों को एकत्रित करते। जब वे रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन में कार्यरत थे तो उन्होंने हर राष्ट्रीय आपदा में विभाग की ओर से बढ़ चढ़कर राहत कोष में मदद की।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम : व्यक्तित्व एवं कृतित्व (हिंदू) शैक्षिक ई-सामग्री। अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर, ।

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