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*इस विशाल चर्च में दस हज़ार लोगों के बैठने की क्षमता है। | *इस विशाल चर्च में दस हज़ार लोगों के बैठने की क्षमता है। | ||
*सेन्ट जॉन चर्च का निर्माण मेरठ छावनी स्थापित होने के | *सेन्ट जॉन चर्च का निर्माण मेरठ छावनी स्थापित होने के पश्चात् 1815 ई. में आरम्भ हुआ तथा इसका कौन्सिग्रेशन 1823 ई. में हुआ। | ||
*यह मेरठ छावनी के अंग्रेजी सेना क्षेत्र के मध्य स्थित था। | *यह मेरठ छावनी के अंग्रेजी सेना क्षेत्र के मध्य स्थित था। | ||
*इसमें तत्कालीन फर्नीचर एवं दीवारों पर लगे [[शिलालेख]] आज भी देखे जा सकते हैं। | *इसमें तत्कालीन फर्नीचर एवं दीवारों पर लगे [[शिलालेख]] आज भी देखे जा सकते हैं। |
07:35, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
सेन्ट जॉन चर्च
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विवरण | यह मेरठ छावनी के अंग्रेजी सेना क्षेत्र के मध्य स्थित था। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | मेरठ |
निर्माता | रेव हेनरी फिशर |
निर्माण काल | सन 1819 - 1821 |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 29°00′45″; पूर्व- 77°42′32″ |
मार्ग स्थिति | सेन्ट जॉन चर्च मेरठ जंक्शन से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित है। |
गूगल मानचित्र | |
अन्य जानकारी | सेन्ट जॉन चर्च उत्तर भारत के सबसे प्राचीन चर्चो में से एक है। |
सेन्ट जॉन चर्च उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ शहर में स्थित उत्तर भारत के सबसे प्राचीन चर्चो में से एक है।
- सन 1819 में इस चर्च को ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से 'चेपलिन रेव हेनरी फिशर' ने स्थापित किया था।
- इस विशाल चर्च में दस हज़ार लोगों के बैठने की क्षमता है।
- सेन्ट जॉन चर्च का निर्माण मेरठ छावनी स्थापित होने के पश्चात् 1815 ई. में आरम्भ हुआ तथा इसका कौन्सिग्रेशन 1823 ई. में हुआ।
- यह मेरठ छावनी के अंग्रेजी सेना क्षेत्र के मध्य स्थित था।
- इसमें तत्कालीन फर्नीचर एवं दीवारों पर लगे शिलालेख आज भी देखे जा सकते हैं।
- इसमें दो महत्त्वपूर्ण शिलालेख पुरातन देवनागरी तथा फारसी लिपियों में हैं।
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