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{[[भारत]] में हिन्द-यूनानी शासन की स्थापना से पूर्व सिक्कों का प्रसारण किसके द्वारा किया जाता था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-759 | |||
|type="()"} | |||
-शासकों | |||
-व्यक्तिगत व्यापारियों | |||
-व्यापारिक निगमों | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
{[[गुप्तकाल|गुप्तकालीन]] जनपदों की सूची में प्रथम जनपद का सम्मान निम्न में से किसे दिया गया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-944 | |||
|type="()"} | |||
+[[मालवा]] | |||
-[[मगध]] | |||
-[[प्रयाग]] | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
||[[मालवा]] ज्वालामुखी के उद्गार से बना [[पश्चिमी भारत]] का एक अंचल है जो वर्तमान में [[मध्य प्रदेश]] प्रांत के पश्चिमी भाग में स्थित है। इसे प्राचीनकाल में मालवा या मालव के नाम से जाना जाता था। मालव 'देवी [[लक्ष्मी]] के आवास का हिस्सा' कहलाता है। समुद्र तल से इसकी औसत ऊँचाई 496 मीटर है। [[आकरअवंति]] पूर्व तथा पश्चिम मालवा का संयुक्त नाम है। यह [[कर्क रेखा]] द्वारा दो हिस्सों में विभाजित है। इस क्षेत्र में [[इंदौर]], [[भोपाल]], [[ग्वालियर]] व [[जबलपुर]] संभागों के लगभग 18 ज़िले और [[महाराष्ट्र]] व [[राजस्थान]] के कुछ हिस्से शामिल हैं।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मालवा]] | |||
{[[कालिदास]] के किस [[ग्रंथ]] में प्रत्यभिज्ञा दर्शन का निरूपण हुआ है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-861 | |||
|type="()"} | |||
-[[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]] | |||
-[[कुमारसम्भव]] | |||
+[[अभिज्ञान शाकुंतलम्|अभिज्ञान शाकुंतलम]] | |||
-[[मेघदूत]] | |||
||[[अभिज्ञान शाकुन्तलम्]] न केवल [[संस्कृत साहित्य]] का, अपितु विश्वसाहित्य का सर्वोत्कृष्ट नाटक है। यह [[कालिदास]] की अन्तिम रचना है। इसके सात अंकों में [[दुष्यन्त|राजा दुष्यन्त]] और [[शकुन्तला]] की प्रणय-कथा का वर्णन है। इसका कथानक [[महाभारत]] के [[आदि पर्व महाभारत|आदि पर्व]] के शकुन्तलोपाख्यान से लिया गया है। [[कण्व]] के माध्यम से एक पिता का पुत्री को दिया गया उपदेश आज 2,000 वर्षों के बाद भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना उस समय में था। {{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अभिज्ञान शाकुन्तलम्]] | |||
{आरम्भिक तमिल लेखों पर किन [[भाषा|भाषाओं]] का प्रभाव नहीं था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-915 | |||
|type="()"} | |||
-[[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] | |||
-[[प्राकृत भाषा|प्राकृत]] | |||
-[[पालि भाषा|पालि]] | |||
+[[कन्नड़]] | |||
||[[कन्नड़ भाषा]] कन्नड़ी भी कहलाती है। दक्षिण-पश्चिम [[भारत]] के [[कर्नाटक|कर्नाटक राज्य]] की राजभाषा, जो दक्षिण द्रविड़ शाखा से सम्बद्ध है और साहित्यिक परम्परा वाली चार प्रधान द्रविड़ भाषाओं में दूसरी सबसे प्राचीन [[भाषा]] है। हालमिदी स्थित पहला कन्नड़ अभिलेख 450 ई. का है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कन्नड़]] | |||
{[[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] भूमि व्यवस्था के बारे में कौन-सा कथन सत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1002 | |||
|type="()"} | |||
-अर्थव्यवस्था कृषि मूलक थी। | |||
-राज सत्ता भू-सम्पत्ति से घनिष्ठ रूप से संबद्ध हो गयी। | |||
-अभिलेखों में सामूहिक स्वामित्व के साक्ष्य प्राप्त होते हैं। | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
{[[दीनार]] के विषय में निम्नलिखित कथनों में से कौन सही है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1074 | |||
|type="()"} | |||
-इसका आशय एक स्वर्ण सिक्के से था। | |||
-इसका आशय [[गुप्तकाल]] में प्रचालित एक सिक्के से था। | |||
-इसका प्रयोग केवल भूमि के क्रय-विकेय के लिए होता था। | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
{[[चोल|चोलो]] ने निम्न में से किसके सिक्के चलवाये? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1125 | |||
|type="()"} | |||
+[[सोना]], [[चाँदी]], [[ताँबा]] | |||
-सोना, चाँदी, राँगा | |||
-चाँदी, राँगा, ताँबा | |||
-[[सीसा]], [[सोना]], [[चाँदी]] | |||
{[[पाल वंश|पालों]] एवं [[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहारों]] के अंतर्गत '[[पट्टला]]' से आशय क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1169 | |||
|type="()"} | |||
+विषय से छोटे एकाश | |||
-भुक्ति से छोटे एकाश | |||
-मंडल से छोटे एकाश | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{[[बुद्ध]] के अनुसार सभी मानवीय दु:खों का कारण तृष्णा है, जिसका अर्थ है- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-486 | |||
|type="()"} | |||
-सांसारिक वस्तुओं की [[इच्छा]] | |||
+भौतिक सुखों एवं सांसारिक भोग-विलास की इच्छा | |||
-सांसारिक या भौतिक अनुरक्ति | |||
-मन की अतिशय क्रियाशीलता | |||
{[[मौर्य काल|मौर्य]] शासन-व्यवस्था में रूपदर्शक अधिकारी था- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-654 | |||
|type="()"} | |||
-[[चाँदी]] तथा अन्य धातुओं का परीक्षा | |||
-गणिकाओं का अध्यक्ष | |||
-[[रंगमंच]] का प्रबन्धक | |||
+सिक्कों का प्रबन्धक | |||
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12:31, 10 नवम्बर 2017 का अवतरण
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