"नागरिक शास्त्र सामान्य ज्ञान 29": अवतरणों में अंतर
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{निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही है? | {निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही है? | ||
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-'मनुष्यों का सामूहिक भाईचारा'- काण्ट | -'मनुष्यों का सामूहिक भाईचारा'- काण्ट | ||
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||लॉक के अनुसार, प्राकृतिक अवस्था में मनुष्यों को प्राकृतिक अधिकार प्राप्त थे और प्रत्येक व्यक्ति अन्य व्यक्तियों के अधिकारों का आदर आता था। इसमें मुख्य रूप से तीन प्राकृतिक अधिकार जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति के थे। | ||लॉक के अनुसार, प्राकृतिक अवस्था में मनुष्यों को प्राकृतिक अधिकार प्राप्त थे और प्रत्येक व्यक्ति अन्य व्यक्तियों के अधिकारों का आदर आता था। इसमें मुख्य रूप से तीन प्राकृतिक अधिकार जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति के थे। | ||
{"राजनीतिक दल ही देश में तानाशाही के उदय से हमारी रक्षा का सबसे बड़ा साधन हैं।" यह किसने कहा है? | {"राजनीतिक दल ही देश में तानाशाही के उदय से हमारी रक्षा का सबसे बड़ा साधन हैं।" यह किसने कहा है? | ||
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-मैकाइवर | -मैकाइवर | ||
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||'राजनीतिक दल ही देश में तानाशाही के उदय से हमारी रक्षा का सबसे बड़ा साधन है।" यह कथन लास्की का है। वास्तव में राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण कहा जाता है। प्रो. मुनरो ने कहा है कि लोकतंत्रात्मक शासन दलीय शासन का ही दूसरा नाम है। मैकाइवर ने कहा है कि जिस राज्य में दल प्रणाली नहीं होती उसमें क्रांति ही सरकार को बदलने का एक मात्र तरीका है। दल प्रणाली से क्रांति की आवश्यकता नहीं होती और संवैधानिक तरीके से शासन में परिवर्तन किया जा सकता है।" | ||'राजनीतिक दल ही देश में तानाशाही के उदय से हमारी रक्षा का सबसे बड़ा साधन है।" यह कथन लास्की का है। वास्तव में राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण कहा जाता है। प्रो. मुनरो ने कहा है कि लोकतंत्रात्मक शासन दलीय शासन का ही दूसरा नाम है। मैकाइवर ने कहा है कि जिस राज्य में दल प्रणाली नहीं होती उसमें क्रांति ही सरकार को बदलने का एक मात्र तरीका है। दल प्रणाली से क्रांति की आवश्यकता नहीं होती और संवैधानिक तरीके से शासन में परिवर्तन किया जा सकता है।" | ||
{"समानता स्वतंत्रता की तरह एक ही चीज नहीं है। मैं लॉर्ड एक्टन के इस कथन से सहमत नहीं हूँ कि समानता की उत्कृष्ट अभिलाषा के कारण स्वतंत्रता की आशा ही व्यर्थ हो गई है।" यह किसका कथन है? | {"समानता स्वतंत्रता की तरह एक ही चीज नहीं है। मैं लॉर्ड एक्टन के इस कथन से सहमत नहीं हूँ कि समानता की उत्कृष्ट अभिलाषा के कारण स्वतंत्रता की आशा ही व्यर्थ हो गई है।" यह किसका कथन है? | ||
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-मैजिनी | -मैजिनी | ||
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||लास्की का कहना है "डी टाकविले और लॉर्ड एक्टन के [[मस्तिष्क]] में स्वतंत्रता के प्रति उत्कृष्ट अभिलाषा होने के कारण ही उनके द्वारा स्वतंत्रता और समानता को परस्पर विरोधी समझा गया किंतु यह एक ग़लत निष्कर्ष है। उनके द्वारा समानता का तात्पर्य ग़लत रूप से लेने के कारण ही ऐसा किया गया है।" इस तरह लास्की ने स्वतंत्रता और समानता को एक-दूसरे का पूरक बताया है। | ||लास्की का कहना है "डी टाकविले और लॉर्ड एक्टन के [[मस्तिष्क]] में स्वतंत्रता के प्रति उत्कृष्ट अभिलाषा होने के कारण ही उनके द्वारा स्वतंत्रता और समानता को परस्पर विरोधी समझा गया किंतु यह एक ग़लत निष्कर्ष है। उनके द्वारा समानता का तात्पर्य ग़लत रूप से लेने के कारण ही ऐसा किया गया है।" इस तरह लास्की ने स्वतंत्रता और समानता को एक-दूसरे का पूरक बताया है। | ||
{"शक्ति भ्रष्ट करती है और असीमित शक्ति असीमित रूप से भ्रष्ट करती है।" यह कथन किसका है? | {"शक्ति भ्रष्ट करती है और असीमित शक्ति असीमित रूप से भ्रष्ट करती है।" यह कथन किसका है? | ||
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+लॉर्ड एक्टन | +लॉर्ड एक्टन | ||
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||"शक्ति भ्रष्ट करती है और असीमित शक्ति असीमित रूप से भ्रष्ट करती है।" यह कथन लॉर्ड कथन लॉर्ड ऐक्टन का है। लॉर्ड एक्टन मानते है कि शक्ति ही बुराई की जड़ है। कोई राजा या पोप जिसमें शक्ति केंद्रीकृत होती है वहां उसका दुरुपयोग करने के लिए प्रेरित होता है। इसी संदर्भ में ऐक्टन ने कहा है कि शक्ति भ्रष्ट करती है। | ||"शक्ति भ्रष्ट करती है और असीमित शक्ति असीमित रूप से भ्रष्ट करती है।" यह कथन लॉर्ड कथन लॉर्ड ऐक्टन का है। लॉर्ड एक्टन मानते है कि शक्ति ही बुराई की जड़ है। कोई राजा या पोप जिसमें शक्ति केंद्रीकृत होती है वहां उसका दुरुपयोग करने के लिए प्रेरित होता है। इसी संदर्भ में ऐक्टन ने कहा है कि शक्ति भ्रष्ट करती है। | ||
{[[संसद|भारतीय संसद]] के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक किस संबंध में आहूत होती है? | {[[संसद|भारतीय संसद]] के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक किस संबंध में आहूत होती है? | ||
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-संविधान संशोधन विधेयक | -संविधान संशोधन विधेयक |
11:24, 11 नवम्बर 2017 का अवतरण
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