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{एक प्राचीन भारतीय राजवंश के शासकों ने उसके साम्राज्य में निवास करने वाले विभिन्न [[धर्म|धर्मों]] के लोगों द्वारा पूजित 35 [[देवी]]-[[देवता|देवताओं]] की आकृतियों को अपने सिक्के पर अंकित कराया था। वह राजवंश कौन-सा था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-763 | |||
|type="()"} | |||
-[[मौर्य राजवंश|मौर्य]] | |||
-[[शक साम्राज्य|शक]] | |||
+[[कुषाण वंश|कुषाण]] | |||
-[[गुप्त राजवंश|गुप्त]] | |||
||'युइशि जाति', जिसे '[[यूची क़बीला]]' के नाम से भी जाना जाता है, का मूल अभिजन [[तिब्बत]] के उत्तर-पश्चिम में '[[तकलामकान रेगिस्तान|तकलामकान]]' की मरुभूमि के सीमान्त क्षेत्र में था। [[हूण|हूणों]] के आक्रमण प्रारम्भ हो चुके थे। युइशि लोगों के लिए यह सम्भव नहीं था कि वे बर्बर और प्रचण्ड हूण आक्रान्ताओं का मुक़ाबला कर सकते। वे अपने अभिजन को छोड़कर पश्चिम व दक्षिण की ओर जाने के लिए विवश हुए। उस समय सीर नदी की घाटी में [[शक|शक जाति]] का निवास था। यूची क़बीले के लोगों ने कुषाण वंश प्रारम्भ किया।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[कुषाण वंश]] | |||
{धन्वन्तरि निम्न में से किसके कारण प्रसिद्ध थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-948 | |||
|type="()"} | |||
-गणितज्ञ होने के कारण | |||
+[[आयुर्वेद]] के विद्वान एवं चिकित्सक होने के कारण | |||
-[[ज्योतिष]] का प्रसिद्ध विद्वान होने के कारण | |||
-प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ होने के कारण | |||
{[[संगम युग]] में 'वरियम' शब्द किसका सूचक था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-865 | |||
|type="()"} | |||
-[[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को अनुदान में दिए गए राजस्व मुक्त ग्राम। | |||
+राजस्व प्रदान करने वाली क्षेत्रीय इकाई। | |||
-भू-राजस्व वसूल करने वाला प्रभारी अधिकारी। | |||
-ग्राम सभाओं की प्रबंधक समिति। | |||
||सुदूर [[दक्षिण भारत]] में [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] एवं [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] नदियों के बीच के क्षेत्र को '[[तमिल नाडु|तमिल प्रदेश]]' कहा जाता था। इस प्रदेश में अनेक छोटे-छोटे राज्यों का अस्तित्व था, जिनमें [[चेर वंश|चेर]], [[चोल साम्राज्य|चोल]] और [[पांड्य साम्राज्य|पांड्य]] प्रमुख थे। दक्षिण भारत के इस प्रदेश में [[तमिल भाषा|तमिल]] कवियों द्वारा सभाओं तथा गोष्ठियों का आयोजन किया जाता था। इन गोष्ठियों में विद्वानों के मध्य विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाता था, इसे ही 'संगम' के नाम से जाना जाता है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[संगम युग]] | |||
{[[गुप्त]] किसके सामंत थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-919 | |||
|type="()"} | |||
-[[मौर्य]] | |||
+[[कुषाण वंश]] | |||
-[[सातवाहन वंश]] | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
||'युइशि जाति', जिसे '[[यूची क़बीला]]' के नाम से भी जाना जाता है, का मूल अभिजन [[तिब्बत]] के उत्तर-पश्चिम में '[[तकलामकान रेगिस्तान|तकलामकान]]' की मरुभूमि के सीमान्त क्षेत्र में था। [[हूण|हूणों]] के आक्रमण प्रारम्भ हो चुके थे। युइशि लोगों के लिए यह सम्भव नहीं था कि वे बर्बर और प्रचण्ड हूण आक्रान्ताओं का मुक़ाबला कर सकते। वे अपने अभिजन को छोड़कर पश्चिम व दक्षिण की ओर जाने के लिए विवश हुए। उस समय सीर नदी की घाटी में [[शक|शक जाति]] का निवास था। यूची क़बीले के लोगों ने कुषाण वंश प्रारम्भ किया।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[कुषाण वंश]] | |||
{[[गुप्तकाल|गुप्तकालीन]] भू-माप के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1006 | |||
|type="()"} | |||
-[[गुप्तकाल]] में भूमि 'हस्त' से नापी जाती थी। | |||
-हस्त से बड़ी इकाई धनु थी। | |||
-भूमिमाप हेतु सरकंडों का उपयोग किया जाता था। | |||
+उपयुक्त सभी | |||
{प्राचीन एवं पूर्व [[मध्यकालीन भारत]] में अकृष्ट एवं कर मुक्त भूमि की संज्ञा थी-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1078 | |||
|type="()"} | |||
-सीता | |||
-खर्वटक | |||
+खिलक्षेत्र | |||
-सीताध्यक्ष | |||
{[[चोल साम्राज्य]] में वस्तु-विनियम का मुख्य आधार क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1130 | |||
|type="()"} | |||
-[[गाय]] | |||
-काशु | |||
+[[धान]] | |||
-[[स्वर्ण]] | |||
{निम्नलिखित कथनों में से कौन [[नागभट्ट द्वितीय]] के सन्दर्भ में लागू नहीं होता? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1173 | |||
|type="()"} | |||
-यह [[वत्सराज]] का [[पुत्र]] था एवं इसकी [[माता]] का नाम सुन्दर देवी था। | |||
+उसने 810 ई. में [[गोविन्द तृतीय]] को पराजित किया था। | |||
-उसके बाद उसका पुत्र रामभद्र गद्दी पर बैठा। | |||
-उसने [[पाल वंश|पाल]] [[धर्मपाल|सम्राट धर्मपाल]] को पराजित किया। | |||
{बौद्ध धर्मग्रंथों का महानतम टीकाकार कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-490 | |||
|type="()"} | |||
-[[अश्वघोष]] | |||
+[[बुद्धघोष]] | |||
-[[वसुमित्र ]] | |||
-नागार्जुन | |||
{निम्नलिखित में से किसने कहा था कि [[भारत]] में दास प्रथा नहीं है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-658 | |||
|type="()"} | |||
-स्ट्रेबो | |||
+[[मेगस्थनीज]] | |||
-[[फाह्यान]] | |||
-[[ह्वेनसांग]] | |||
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12:32, 16 नवम्बर 2017 का अवतरण
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