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-[[गुप्तकाल]] में भूमि 'हस्त' से नापी जाती थी।
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-हस्त से बड़ी इकाई धनु थी।
-'हस्त' से बड़ी इकाई धनु थी।
-भूमिमाप हेतु सरकंडों का उपयोग किया जाता था।
-भूमिमाप हेतु सरकंडों का उपयोग किया जाता था।
+उपयुक्त सभी
+उपयुक्त सभी
||[[गुप्त साम्राज्य]] का उदय तीसरी [[सदी]] के अन्त में [[प्रयाग]] के निकट [[कौशाम्बी]] में हुआ। गुप्त [[कुषाण|कुषाणों]] के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं। यही से गुप्त शासक कार्य संचालन करते रहे। और अनेक दिशाओं में बढ़ते गए। गुप्त शासकों ने अपना अधिपत्य अनुगंगा (मध्य गंगा मैदान), प्रयाग ([[इलाहाबाद]]), [[साकेत]] (आधुनिक [[अयोध्या]]) और [[मगध]] पर स्थापित किया।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[गुप्त साम्राज्य]]


{प्राचीन एवं पूर्व [[मध्यकालीन भारत]] में अकृष्ट एवं कर मुक्त भूमि की संज्ञा थी-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1078
{प्राचीन एवं पूर्व [[मध्यकालीन भारत]] में अकृष्ट एवं कर मुक्त भूमि की संज्ञा थी-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1078
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+खिलक्षेत्र
+खिलक्षेत्र
-सीताध्यक्ष
-सीताध्यक्ष
||लगभग 632 ई. में''' '[[हज़रत मुहम्मद]]' की मृत्यु के उपरान्त 6 वर्षों के अन्दर ही उनके उत्तराधिकारियों ने सीरिया, [[मिस्र]], उत्तरी अफ़्रीका, [[स्पेन]] एवं [[ईरान]] को जीत लिया। इस समय ख़लीफ़ा साम्राज्य [[फ़्राँस]] के लायर नामक स्थान से लेकर आक्सस एवं [[काबुल नदी]] तक फैल गया था। अपने इस विजय अभियान से प्रेरित अरबियों की ललचाई आँखें भारतीय सीमा पर पड़ीं। उन्होंने जल एवं थल दोनों मार्गों का उपयोग करते हुए [[भारत]] पर अनेक धावे बोले, पर 712 ई. तक उन्हें कोई महत्त्वपूर्ण सफलता प्राप्त नहीं हुई। मध्यकालीन भारत में यही वह समय था, जब भारत में [[सूफ़ी आन्दोलन]] की शुरुआत हुई।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[मध्यकालीन भारत]]


{[[चोल साम्राज्य]] में वस्तु-विनियम का मुख्य आधार क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1130
{[[चोल साम्राज्य]] में वस्तु-विनियम का मुख्य आधार क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1130
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+[[धान]]
+[[धान]]
-[[स्वर्ण]]
-[[स्वर्ण]]
||[[चोल साम्राज्य]] का अभ्युदय नौवीं शताब्दी में हुआ और दक्षिण प्राय:द्वीप का अधिकांश भाग इसके अधिकार में था। [[चोल वंश|चोल शासकों]] ने [[श्रीलंका]] पर भी विजय प्राप्त कर ली थी और [[मालदीव]] द्वीपों पर भी इनका अधिकार था। कुछ समय तक इनका प्रभाव [[कलिंग]] और [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्र]] [[दोआब]] पर भी छाया था। इनके पास शक्तिशाली नौसेना थी और ये दक्षिण पूर्वी [[एशिया]] में अपना प्रभाव क़ायम करने में सफल हो सके। चोल साम्राज्य [[दक्षिण भारत]] का निःसन्देह सबसे शक्तिशाली साम्राज्य था।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[चोल साम्राज्य]]


{निम्नलिखित कथनों में से कौन [[नागभट्ट द्वितीय]] के सन्दर्भ में लागू नहीं होता? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1173
{निम्नलिखित कथनों में से कौन [[नागभट्ट द्वितीय]] के सन्दर्भ में लागू नहीं होता? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1173
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+उसने 810 ई. में [[गोविन्द तृतीय]] को पराजित किया था।
+उसने 810 ई. में [[गोविन्द तृतीय]] को पराजित किया था।
-उसके बाद उसका पुत्र रामभद्र गद्दी पर बैठा।
-उसके बाद उसका पुत्र रामभद्र गद्दी पर बैठा।
-उसने [[पाल वंश|पाल]] [[धर्मपाल|सम्राट धर्मपाल]] को पराजित किया।
-उसने [[पाल वंश|पालसम्राट]] [[धर्मपाल]] को पराजित किया।
||[[नागभट्ट द्वितीय]] (795 से 833 ई.), [[वत्सराज]] का पुत्र एवं उसका उत्तराधिकारी था। उसने [[गुर्जर प्रतिहार वंश]] की प्रतिष्ठा को बहुत आगे बढ़ाया। [[ग्वालियर]] अभिलेख के अनुसार उसने [[कन्नौज]] से चक्रायुध को भगाकर उसे अपनी राजधानी बनाया। नागभट्ट द्वितीय ने सम्राट की हैसियत से 'परभट्टारक', 'महाराजाधिराज' तथा 'परमेश्वर' आदि की उपाधियाँ धारण की थीं।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[नागभट्ट द्वितीय]]


{बौद्ध धर्मग्रंथों का महानतम टीकाकार कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-490
{बौद्ध धर्मग्रंथों का महानतम टीकाकार कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-490
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-[[वसुमित्र ]]
-[[वसुमित्र ]]
-नागार्जुन
-नागार्जुन
||[[बुद्धघोष]] प्रसिद्ध बौद्धाचार्य, जिन्होंने [[पालि]] साहित्य को समृद्ध किया था। [[बौद्ध]] आचार्य बुद्धघोष का जीवन चरित्र गंधवंश, बुद्धघोसुपत्ति सद्धम्मसंग्रह आदि में मिलता है। बुद्धघोष ने अपनी अल्पावस्था में ही [[वेद|वेदों]] का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। उसने [[योग दर्शन|योग]] का भी गहन अभ्यास किया था। अपनी ज्ञानवृद्धि के लिए देश में परिभ्रमण व विद्वानों से बुद्धघोष ने कई बार वादविवाद भी किया। अपने गुरु रैवत के कहने से ये [[श्रीलंका]] गए थे और वहाँ [[अनुराधपुर]] के महाविहार में संघपाल नामक स्थविर से सिंहली अट्ठकथाओं और स्थविरवाद की परंपरा का श्रवण किया।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[बुद्धघोष]]


{निम्नलिखित में से किसने कहा था कि [[भारत]] में दास प्रथा नहीं है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-658
{निम्नलिखित में से किसने कहा था कि [[भारत]] में [[दास प्रथा]] नहीं है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-658
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-स्ट्रेबो
-स्ट्रेबो
+[[मेगस्थनीज]]
+[[मैगस्थनीज़]]
-[[फाह्यान]]
-[[फाह्यान]]
-[[ह्वेनसांग]]
-[[ह्वेनसांग]]
||[[मैगस्थनीज़]] ने '[[इण्डिका]]' में भारतीय जीवन, परम्पराओं, रीति-रिवाजों का वर्णन किया है। मैगस्थनीज़ को अपने समय का एक बेहतरीन [[विदेशी यात्री]] और [[यूनानी]] भूगोलविद माना जाता था। [[चंद्रगुप्त मौर्य]] एवं [[सेल्युकस]] के मध्य हुई संधि के अंतर्गत, जहाँ सेल्यूकस ने अनेक क्षेत्र 'एरिया', 'अराकोसिया', 'जेड्रोशिया', 'पेरापनिसदाई' आदि चन्द्रगुप्त को प्रदान किये, वहीं उसने '''मैगस्थनीज़''' नामक [[यूनानी]] राजदूत भी [[मौर्य काल|मौर्य]] दरबार में भेजा।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[मैगस्थनीज़]]
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11:55, 17 नवम्बर 2017 का अवतरण

1 एक प्राचीन भारतीय राजवंश के शासकों ने उसके साम्राज्य में निवास करने वाले विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा पूजित 35 देवी-देवताओं की आकृतियों को अपने सिक्के पर अंकित कराया था। वह राजवंश कौन-सा था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-763

मौर्य
शक
कुषाण
गुप्त

2 धन्वन्तरि निम्न में से किसके कारण प्रसिद्ध थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-948

गणितज्ञ होने के कारण
आयुर्वेद के विद्वान एवं चिकित्सक होने के कारण
ज्योतिष का प्रसिद्ध विद्वान होने के कारण
प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ होने के कारण

3 संगम युग में 'वरियम' शब्द किसका सूचक था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-865

ब्राह्मणों को अनुदान में दिए गए राजस्व मुक्त ग्राम।
राजस्व प्रदान करने वाली क्षेत्रीय इकाई।
भू-राजस्व वसूल करने वाला प्रभारी अधिकारी।
ग्राम सभाओं की प्रबंधक समिति।

4 गुप्त किसके सामंत थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-919

मौर्य
कुषाण वंश
सातवाहन वंश
उपर्युक्त में से कोई नहीं

5 गुप्तकालीन भू-माप के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1006

गुप्तकाल में भूमि 'हस्त' से नापी जाती थी।
'हस्त' से बड़ी इकाई धनु थी।
भूमिमाप हेतु सरकंडों का उपयोग किया जाता था।
उपयुक्त सभी

6 प्राचीन एवं पूर्व मध्यकालीन भारत में अकृष्ट एवं कर मुक्त भूमि की संज्ञा थी-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1078

सीता
खर्वटक
खिलक्षेत्र
सीताध्यक्ष

7 चोल साम्राज्य में वस्तु-विनियम का मुख्य आधार क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1130

गाय
काशु
धान
स्वर्ण

8 निम्नलिखित कथनों में से कौन नागभट्ट द्वितीय के सन्दर्भ में लागू नहीं होता? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1173

यह वत्सराज का पुत्र था एवं इसकी माता का नाम सुन्दर देवी था।
उसने 810 ई. में गोविन्द तृतीय को पराजित किया था।
उसके बाद उसका पुत्र रामभद्र गद्दी पर बैठा।
उसने पालसम्राट धर्मपाल को पराजित किया।

9 बौद्ध धर्मग्रंथों का महानतम टीकाकार कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-490

अश्वघोष
बुद्धघोष
वसुमित्र
नागार्जुन

10 निम्नलिखित में से किसने कहा था कि भारत में दास प्रथा नहीं है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-658

स्ट्रेबो
मैगस्थनीज़
फाह्यान
ह्वेनसांग