"पहेली 24 अप्रॅल 2016": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | right|120px <quiz display=simple> {'फिर न...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "150px" to "100px")
 
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
-[[श्यामसुन्दर दास]]
-[[श्यामसुन्दर दास]]
-[[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]
-[[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]
||[[चित्र:Gulabrai.jpg|right|150px|बाबू गुलाबराय]]'बाबू गुलाबराय' [[भारत]] के प्रसिद्ध साहित्यकार, निबंधकार और व्यंग्यकार थे। वे हमेशा सरल [[साहित्य]] को प्रमुखता देते थे, जिससे [[हिन्दी भाषा]] जन-जन तक पहुँच सके। [[आधुनिक काल]] के [[निबंध]] लेखकों और आलोचकों में [[बाबू गुलाबराय]] का स्थान बहुत ऊँचा है। उन्होंने आलोचना और निबंध दोनों ही क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और मौलिकता का परिचय दिया है। 'ठलुआ क्लब', 'कुछ उथले-कुछ गहरे' तथा '''फिर निराश क्यों''' उनकी चर्चित रचनाएँ हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा 'मेरी असफलताएँ' नाम से लिखी थी। आनंदप्रियता बाबू गुलाबराय के [[परिवार]] की एक ख़ास विशेषता रही थी। वह सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाबू गुलाबराय]]
||[[चित्र:Gulabrai.jpg|right|100px|बाबू गुलाबराय]]'बाबू गुलाबराय' [[भारत]] के प्रसिद्ध साहित्यकार, निबंधकार और व्यंग्यकार थे। वे हमेशा सरल [[साहित्य]] को प्रमुखता देते थे, जिससे [[हिन्दी भाषा]] जन-जन तक पहुँच सके। [[आधुनिक काल]] के [[निबंध]] लेखकों और आलोचकों में [[बाबू गुलाबराय]] का स्थान बहुत ऊँचा है। उन्होंने आलोचना और निबंध दोनों ही क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और मौलिकता का परिचय दिया है। 'ठलुआ क्लब', 'कुछ उथले-कुछ गहरे' तथा '''फिर निराश क्यों''' उनकी चर्चित रचनाएँ हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा 'मेरी असफलताएँ' नाम से लिखी थी। आनंदप्रियता बाबू गुलाबराय के [[परिवार]] की एक ख़ास विशेषता रही थी। वह सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाबू गुलाबराय]]
</quiz>
</quiz>



11:29, 15 दिसम्बर 2017 के समय का अवतरण