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||[[द्रुपद]] [[पांचाल]] के राजा और | ||[[द्रुपद]] [[पांचाल]] के राजा और परिशत के पुत्र थे। ये [[शिखंडी]], [[धृष्टद्युम्न]] व [[द्रौपदी]] के पिता थे। द्रुपद [[परशुराम]] के शिष्य थे। शिक्षा काल में द्रुपद और द्रोण की गहरी मित्रता थी। द्रोण ग़रीब होने के कारण प्राय: दुखी रहते थे तो द्रुपद ने उन्हें राजा बनने पर आधा राज्य देने का वचन दिया परंतु कालांतर में वे अपने वचन से न केवल मुकर गए वरन् उन्होंने द्रोण का अपमान भी किया। फिर द्रुपद ने अर्जुन आदि को शिक्षा दी और गुरु दीक्षा में द्रोपद को बंदी बनाने का आदेश दिया। तब अर्जुन ने द्रुपद को परास्त कर बंदी बना लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[द्रुपद]], [[अर्जुन]], [[द्रोणाचार्य]] | ||
{[[महाभारत]] युद्ध में जिस [[हाथी]] को [[भीम]] ने मारा था, उसका नाम क्या था? | {[[महाभारत]] युद्ध में जिस [[हाथी]] को [[भीम]] ने मारा था, उसका नाम क्या था? | ||
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-[[द्रोणाचार्य]] | -[[द्रोणाचार्य]] | ||
-[[अश्वत्थामा]] | -[[अश्वत्थामा]] | ||
||[[कर्ण]]] की दानवीरता के भी अनेक सन्दर्भ मिलते हैं। उनकी दानशीलता की ख्याति सुनकर [[इन्द्र]] उनके पास [[कुण्डल]] और कवच माँगने गये थे। कर्ण ने अपने पिता [[सूर्य देवता|सूर्य]] के द्वारा इन्द्र की प्रवंचना का रहस्य जानते हुए भी उनको कुण्डल और कवच दे दिये। इन्द्र ने उसके बदले में एक बार प्रयोग के लिए अपनी अमोघ शक्ति दे दी थी। उससे किसी का वध अवश्यम्भावी था। कर्ण उस शक्ति का प्रयोग [[अर्जुन]] पर करना चाहते थे किन्तु [[दुर्योधन]] के निर्देश पर उन्होंने उसका प्रयोग [[भीम (पांडव)|भीम]] के पुत्र [[घटोत्कच]] पर किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कर्ण]] | |||
{[[ | {[[हिडिंबा]] के पति का क्या नाम था? | ||
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+[[भीम]] | +[[भीम]] | ||
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-[[दुर्योधन]] | -[[दुर्योधन]] | ||
-[[दुशासन]] | -[[दुशासन]] | ||
||[[महाभारत]] में [[हिडिंबा]] नामक एक राक्षस का उल्लेख मिलता है, जिसका वध [[भीम (पांडव)|भीम]] ने किया था। हिडिंबा इसी हिडिम्ब नामक राक्षस की बहन थी। हिडिम्ब की मृत्यु के अनन्तर इसने एक सुन्दरी का रूप धारण कर भीम से विवाह किया। हिडिम्बा से भीम के [[घटोत्कच]] नामक पुत्र उत्पन्न हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[हिडिंबा]] | |||
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11:12, 21 दिसम्बर 2017 का अवतरण
5 द्रौपदी का महान कार्य क्या था?
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