"अवतार": अवतरणों में अंतर
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*[[वामन अवतार]] भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की [[द्वादशी]] में हुआ था। | *[[वामन अवतार]] भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की [[द्वादशी]] में हुआ था। | ||
*[[परशुराम अवतार]] वैशाख में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था। | *[[परशुराम|परशुराम अवतार]] वैशाख में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था। | ||
*[[राम अवतार]] चैत्र में शुक्ल पक्ष की [[नवमी]] में हुआ था। | *[[राम|राम अवतार]] चैत्र में शुक्ल पक्ष की [[नवमी]] में हुआ था। | ||
*[[बलराम अवतार]] भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की [[द्वितीया]] में हुआ था। | *[[बलराम|बलराम अवतार]] भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की [[द्वितीया]] में हुआ था। | ||
*[[कृष्ण अवतार]] [[श्रावण]] में [[कृष्ण पक्ष]] की [[अष्टमी]] में हुआ था। | *[[कृष्ण|कृष्ण अवतार]] [[श्रावण]] में [[कृष्ण पक्ष]] की [[अष्टमी]] में हुआ था। | ||
*[[बुद्ध अवतार]] [[ज्येष्ठ]] में शुक्ल पक्ष की द्वितीया में हुआ था। | *[[बुद्ध|बुद्ध अवतार]] [[ज्येष्ठ]] में शुक्ल पक्ष की द्वितीया में हुआ था। | ||
*कुछ ग्रन्थों में ऐसा आया है कि [[ | *कुछ ग्रन्थों में ऐसा आया है कि [[कल्कि अवतार]] अभी प्रकट होने वाला है, किन्तु ग्रन्थ इसकी जयन्ती के लिए श्रावण में शुक्ल पक्ष की [[षष्ठी]] तिथि मानते हैं। [[वराहपुराण]], कृत्यकल्पतरु जहाँ दशावतारों की पूजा का उल्लेख है। <ref>वराहपुराण (48|20-22), कृत्यकल्पतरु(व्रतखण्ड 333, हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1049)।</ref> | ||
12:00, 7 सितम्बर 2010 का अवतरण
देवताओं के प्रकट होने की तिथियों को अवतार कहते हैं। इन्हें जयन्ती भी कहते हैं। [1]
- मत्स्य अवतार चैत्र में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।
- कूर्म अवतार वैशाख की पूर्णिमा में हुआ था।
- वराह अवतार भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।
- नरसिंह अवतार वैशाख में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी में हुआ था।
- वामन अवतार भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की द्वादशी में हुआ था।
- परशुराम अवतार वैशाख में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।
- राम अवतार चैत्र में शुक्ल पक्ष की नवमी में हुआ था।
- बलराम अवतार भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की द्वितीया में हुआ था।
- कृष्ण अवतार श्रावण में कृष्ण पक्ष की अष्टमी में हुआ था।
- बुद्ध अवतार ज्येष्ठ में शुक्ल पक्ष की द्वितीया में हुआ था।
- कुछ ग्रन्थों में ऐसा आया है कि कल्कि अवतार अभी प्रकट होने वाला है, किन्तु ग्रन्थ इसकी जयन्ती के लिए श्रावण में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि मानते हैं। वराहपुराण, कृत्यकल्पतरु जहाँ दशावतारों की पूजा का उल्लेख है। [2]
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