"पहेली 9 जनवरी 2018": अवतरणों में अंतर

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+[[बन्दा बहादुर]]
+[[बन्दा बहादुर]]
-[[रणजीत सिंह]]
-[[रणजीत सिंह]]
||[[चित्र:Banda-Singh-Bahadur.jpg|right|100px|border|बन्दा बहादुर]]'बन्दा बहादुर' प्रसिद्ध [[सिक्ख]] सैनिक और राजनीतिक नेता थे। [[भारत]] के [[मुग़ल]] शासकों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने वाले पहले वे सिक्ख सैन्य प्रमुख थे, जिन्होंने सिक्खों के राज्य का अस्थायी विस्तार भी किया। युवावस्था में [[बन्दा बहादुर]] ने पहले समन (योगी) बनने का निश्चय किया था और 1708 ई. में [[गुरु गोबिन्द सिंह]] का शिष्य बनने तक वह माधोदास के नाम से जाने जाते रहे। सिक्ख बिरादरी में शामिल होने के बाद उनका नाम बन्दा सिंह बहादुर हो गया। बन्दा बहादुर ने [[यमुना]] और [[सतलुज]] के प्रदेश को अपने अधीन कर लिया और मुखीशपुर में लोहागढ़ अथवा लोहगढ़ नामक एक मज़बूत क़िला निर्मित कराया, इसके साथ ही राजा की उपाधि ग्रहण कर अपने नाम से सिक्के भी जारी करा दिये।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बन्दा बहादुर]]
||[[चित्र:Banda-Singh-Bahadur.jpg|right|100px|border|बन्दा बहादुर]]'बन्दा बहादुर' प्रसिद्ध [[सिक्ख]] सैनिक और राजनीतिक नेता थे। [[भारत]] के [[मुग़ल]] शासकों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने वाले पहले वे सिक्ख सैन्य प्रमुख थे, जिन्होंने सिक्खों के राज्य का अस्थायी विस्तार भी किया। युवावस्था में [[बन्दा बहादुर]] ने पहले समन (योगी) बनने का निश्चय किया था और 1708 ई. में [[गुरु गोबिन्द सिंह]] का शिष्य बनने तक वह माधोदास के नाम से जाने जाते रहे। सिक्ख बिरादरी में शामिल होने के बाद उनका नाम बन्दा सिंह बहादुर हो गया। बन्दा बहादुर ने [[यमुना]] और [[सतलुज]] के प्रदेश को अपने अधीन कर लिया और मुखलिशपुर में लोहागढ़ अथवा लोहगढ़ नामक एक मज़बूत क़िला निर्मित कराया, इसके साथ ही राजा की उपाधि ग्रहण कर अपने नाम से सिक्के भी जारी करा दिये।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बन्दा बहादुर]]
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