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*[https://www.space.com/39208-super-blue-blood-moon-guide.html Super Blue Blood Moon 2018: When, Where and How to See It Wednesday]
*[http://www.bbc.com/hindi/media-37974957 इसे कहते हैं सुपरमून]
*[http://www.bbc.com/hindi/media-37974957 इसे कहते हैं सुपरमून]
*[https://hindi.oneindia.com/news/features/total-lunar-eclipse-2018-rare-blue-moon-will-been-seen-on-january-31-440644.html 31 जनवरी को दिखेगा 'सुपर ब्लू मून', चांद का रंग होगा नारंगी, जानिए क्यों?]
*[https://hindi.oneindia.com/news/features/total-lunar-eclipse-2018-rare-blue-moon-will-been-seen-on-january-31-440644.html 31 जनवरी को दिखेगा 'सुपर ब्लू मून', चांद का रंग होगा नारंगी, जानिए क्यों?]

11:54, 31 जनवरी 2018 का अवतरण

सुपरमून
सुपरमून
सुपरमून
विवरण दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान एक समय चंद्रमा पृथ्वी से सुदूरवर्ती बिंदु से होकर गुजरता है, तो एक समय ऐसा भी आता है जब चंद्रमा पृथ्वी से न्यूनतम दूरी पर स्थित होता है। जब किसी पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पृथ्वी से निकटतम बिंदु पर या उसके समीप स्थित होता है तो यह परिघटना सुपरमून कहलाती है।
सुपरमून का अर्थ इस दिन चंद्रमा अपने सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा दिखाई देता है, क्योंकि यह पृथ्वी से अपेक्षाकृत अधिक नजदीक होता है। नासा के अनुसार चंद्रमा की कक्षा पूरी तरह गोल नहीं है इसलिए चंद्रमा कभी-कभी अपनी कक्षा में चक्कर लगाते समय अपेक्षाकृत पृथ्वी के अधिक नजदीक होता है।
विशेष चंद्रमा के अपनी कक्षा में पृथ्वी से निकटतम बिंदु पर होने तथा पूर्ण चंद्र के मध्य इतना कम अंतराल होने का ऐसा दुर्लभ संयोग इसके पूर्व 26 जनवरी, 1948 को हुआ था।
संबंधित लेख चन्द्र ग्रहण, ब्लू मून, ब्लड मून, सूर्य ग्रहण
अन्य जानकारी नासा के अनुसार सुपरमून के समय चंद्रमा सामान्य से 14 प्रतिशत बड़ा और चमक में लगभग 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई पड़ता है।
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सुपरमून (अंग्रेज़ी: Supermoon) एक खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच में दूरी सबसे कम हो जाती है। इसके साथ ही पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है, जिसके बाद चांद की चमक शबाब पर होती है। इसे 'सुपर मून' कहते हैं। ऐसी स्थिति में चांद लगभग 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी तक ज्यादा चमकीला दिखता है।[1]

सुपरमून परिघटना

दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान एक समय चंद्रमा पृथ्वी से सुदूरवर्ती बिंदु से होकर गुजरता है, तो एक समय ऐसा भी आता है जब चंद्रमा पृथ्वी से न्यूनतम दूरी पर स्थित होता है। जब किसी पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पृथ्वी से निकटतम बिंदु पर या उसके समीप स्थित होता है तो यह परिघटना सुपरमून कहलाती है।

विशेषताएँ

  • इस घटना की खास बात यह थी कि चंद्रमा के पृथ्वी से निकटतम बिंदु पर पहुंचने के लगभग 2½ घंटे बाद पूर्णिमा (पूर्ण चंद्र) घटित हुई।

चंद्रमा के अपनी कक्षा में पृथ्वी से निकटतम बिंदु पर होने तथा पूर्ण चंद्र के मध्य इतना कम अंतराल होने का ऐसा दुर्लभ संयोग इसके पूर्व 26 जनवरी, 1948 को हुआ था।

  • 14 नवंबर को घटित हुई सुपरमून परिघटना वास्तव में वर्ष 2016 की तीन सुपरमून परिघटनाओं में से दूसरी थी।
  • वर्ष 2016 की पहली सुपरमून परिघटना 16 अक्टूबर को घटित हुई थी जबकि वर्ष की अंतिम सुपरमून परिघटना 14 दिसंबर को घटित होगी। हालांकि अक्टूबर एवं दिसंबर माह में घटित सुपरमून परिघटनाओं में चंद्रमा के पृथ्वी से निकटतम दूरी पर पहुंचने तथा पूर्ण चंद्र के मध्य अंतराल अधिक रहेगा।
  • सुपरमून शब्द सर्वप्रथम अमेरिकी खगोलविद् रिचर्ड नोल द्वारा वर्ष 1979 में प्रयोग किया गया था।
  • सुपरमून कोई आधिकारिक खगोलीय शब्द नहीं है।
  • चंद्रमा की कक्षा दीर्घवृत्ताकार होने के कारण भूम्युच्च की तुलना में उपभू पृथ्वी से लगभग 30,000 मील (50,000 किमी) निकट स्थित है।
  • उपभू वह अवस्था होती है जब चंद्रमा पृथ्वी से न्यूनतम दूरी पर होता है तथा भूम्युच्च वह अवस्था होती है जब चंद्रमा एवं पृथ्वी की दूरी अधिकतम होती है।
  • उपभू पर स्थित पूर्ण चंद्र, भूम्युच्च पर स्थित पूर्ण चंद्र की तुलना में, आकार में लगभग 14 प्रतिशत बड़ा तथा चमक में लगभग 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई पड़ता है।[2]

सुपरमून का अर्थ

सुपर मून का अर्थ है कि इस दिन चंद्रमा अपने सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा दिखाई देता है, क्योंकि यह पृथ्वी से अपेक्षाकृत अधिक नजदीक होता है। नासा के वैज्ञानिक नोआह पेट्रो के अनुसार चंद्रमा की कक्षा पूरी तरह गोल नहीं है इसलिए चंद्रमा कभी कभी अपनी कक्षा में चक्कर लगाते समय अपेक्षाकृत पृथ्वी के अधिक नजदीक होता है। चंद्रमा के आकार में कोई बदलाव नहीं होता है। यह केवल आकाश में थोड़ा बड़ा दिखाई देता है। नासा के अनुसार यह सामान्य से 14 प्रतिशत बड़ा और चमक में लगभग 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई पड़ता है।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 31 जनवरी को एक ही रात में दिखेगा 'सुपर ब्लड ब्लू मून' (हिंदी) फ़र्स्ट पोस्ट। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2018।
  2. तिवारी, अम्बरीश कुमार। सुपरमून परिघटना (हिंदी) सम-सामयिक घटना चक्र। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2018।
  3. दुर्लभ ‘सुपरमून’ चंद्र ग्रहण (हिंदी) वेब दुनिया। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2018।

बाहरी कड़ियाँ

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