"चन्द्र ग्रहण": अवतरणों में अंतर

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[[चन्द्रमा]] और [[सूर्य ग्रह|सूर्य]] के बीच में [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] के आ जाने को ही '''चन्द्र ग्रहण''' कहते हैं। चंद्र ग्रहण तब होता है, जब सूर्य व चन्द्रमा के बीच पृथ्वी इस प्रकार से आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है। जब इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चन्द्रमा तक पहुँचने में अवरोध लगा देती है तो पृथ्वी के उस हिस्से में चन्द्र ग्रहण नज़र आता है। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चन्द्र ग्रहण केवल [[पूर्णिमा]] की रात्रि को घटित हो सकता है।
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'''चंद्र ग्रहण''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chandra Grahan'' / ''Lunar eclipse'') एक खगोलीय घटना है। जब [[सूर्य]] [[चन्द्रमा]] के बीच [[पृथ्वी]] इस प्रकार से आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है। जब इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चन्द्रमा तक पहुँचने में अवरोध लगा देती है तो पृथ्वी के उस हिस्से में चन्द्र ग्रहण नज़र आता है। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चन्द्र ग्रहण केवल [[पूर्णिमा]] की रात्रि को घटित हो सकता है। [[चन्द्रमा]] और [[सूर्य ग्रह|सूर्य]] के बीच में [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] के आ जाने की खगोलीय घटना को ही '''चन्द्र ग्रहण''' कहते हैं।
==प्रकार==
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चन्द्र ग्रहण का प्रकार एवं अवधि चन्द्र आसंधियों के सापेक्ष चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चन्द्र ग्रहण दो प्रकार का नज़र आता है-
चन्द्र ग्रहण का प्रकार एवं अवधि चन्द्र आसंधियों के सापेक्ष चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चन्द्र ग्रहण दो प्रकार का नज़र आता है-
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#आंशिक रूप से ढक जाने पर 'खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण'
#आंशिक रूप से ढक जाने पर 'खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण'


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==अवधि==
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==सुपर ब्लड ब्लू मून==
==सुपर ब्लड ब्लू मून==
[[31 जनवरी]], [[2018]] को इस साल का पहला चंद्रग्रहण दिखाई देगा, लेकिन इस बार का चंद्रग्रहण कुछ खास और कुछ निराला दिखने वाला है। वैसे कोई इसे 'ब्लड मून' कह रहा है, तो कोई इसे 'ब्लू मून' और 'सुपर मून' कह रहा है। लेकिन इस बार '[[सुपरमून]]', '[[ब्लू मून]]' और '[[ब्लड मून]]' एक ही रात में दिखेंगे। इसलिए इस बार के चंद्रग्रहण को 'सुपर ब्लड ब्लू मून' कहा जा रहा है। दरअसल यह सिर्फ चंद्रग्रहण ही नहीं बल्कि पूर्ण चंद्रग्रहण है, जो तीन सालों बाद दिखाई देगा। [[भारत]], इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और [[ऑस्ट्रेलिया]] में यह पूर्ण चंद्रग्रहण साफ-साफ देखा जा सकता है। लेकिन यह सिर्फ 77 मिनट तक ही दिखाई देगा। जो शाम 5.58 से शुरू हो कर 8.41 तक ही दिखेगा। चंद्रग्रहण के बारे में खास बात यही है कि इसे नग्न आंखों से देखा जा सकता है।<ref>{{cite web |url=https://hindi.firstpost.com/world/super-blood-blue-moon-can-be-seen-on-31st-january-will-be-the-first-lunar-eclipse-of-this-year-no-84881.html |title=31 जनवरी को एक ही रात में दिखेगा 'सुपर ब्लड ब्लू मून'|accessmonthday=30 जनवरी|accessyear=2018 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=फ़र्स्ट पोस्ट|language=हिंदी }}</ref>   
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12:06, 31 जनवरी 2018 का अवतरण

चन्द्र ग्रहण
चन्द्र ग्रहण
चन्द्र ग्रहण
विवरण चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी के आ जाने की खगोलीय घटना को ही चन्द्र ग्रहण कहते हैं।
सर्वग्रास चन्द्र ग्रहण पूरा चन्द्रमा ढक जाने पर सर्वग्रास चन्द्र ग्रहण कहलाता है।
खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण आंशिक रूप से चन्द्रमा ढक जाने पर 'खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण' कहलाता है।
विशेष चन्द्र ग्रहण को सूर्य ग्रहण के विपरीत किसी विशेष सुरक्षा उपकरण के बिना नंगी आँखों से भी देखा जा सकता है, क्योंकि चन्द्र ग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है।
संबंधित लेख सूर्य ग्रहण, सुपरमून, ब्लू मून, ब्लड मून
अन्य जानकारी पृथ्वी की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर पर भ्रमण करती है तथा पूर्णिमा को चन्द्रमा की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर होते हुए जिस पूर्णमासी को सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों के अंश, कला एवं विकला पृथ्वी के समान होते हैं अर्थात् एक सीध में होते हैं, उसी पूर्णमासी को चन्द्र ग्रहण लगता है।
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चंद्र ग्रहण (अंग्रेज़ी: Chandra Grahan / Lunar eclipse) एक खगोलीय घटना है। जब सूर्यचन्द्रमा के बीच पृथ्वी इस प्रकार से आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है। जब इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चन्द्रमा तक पहुँचने में अवरोध लगा देती है तो पृथ्वी के उस हिस्से में चन्द्र ग्रहण नज़र आता है। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चन्द्र ग्रहण केवल पूर्णिमा की रात्रि को घटित हो सकता है। चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी के आ जाने की खगोलीय घटना को ही चन्द्र ग्रहण कहते हैं।

प्रकार

चन्द्र ग्रहण का प्रकार एवं अवधि चन्द्र आसंधियों के सापेक्ष चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चन्द्र ग्रहण दो प्रकार का नज़र आता है-

  1. पूरा चन्द्रमा ढक जाने पर 'सर्वग्रास चन्द्रग्रहण'
  2. आंशिक रूप से ढक जाने पर 'खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण'

पृथ्वी की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर पर भ्रमण करती है तथा पूर्णिमा को चन्द्रमा की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर होते हुए जिस पूर्णमासी को सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों के अंश, कला एवं विकला पृथ्वी के समान होते हैं अर्थात् एक सीध में होते हैं, उसी पूर्णमासी को चन्द्र ग्रहण लगता है।

अवधि

विश्व में किसी सूर्य ग्रहण के विपरीत, जो कि पृथ्वी के एक अपेक्षाकृत छोटे भाग से ही दिख पाता है, चन्द्र ग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है। जहाँ चन्द्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्य ग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चन्द्र ग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है। इसके अतिरिक्त चन्द्र ग्रहण को सूर्य ग्रहण के विपरीत किसी विशेष सुरक्षा उपकरण के बिना नंगी आँखों से भी देखा जा सकता है, क्योंकि चन्द्र ग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है।

सुपर ब्लड ब्लू मून

31 जनवरी, 2018 को इस साल का पहला चंद्रग्रहण दिखाई देगा, लेकिन इस बार का चंद्रग्रहण कुछ खास और कुछ निराला दिखने वाला है। वैसे कोई इसे 'ब्लड मून' कह रहा है, तो कोई इसे 'ब्लू मून' और 'सुपर मून' कह रहा है। लेकिन इस बार 'सुपरमून', 'ब्लू मून' और 'ब्लड मून' एक ही रात में दिखेंगे। इसलिए इस बार के चंद्रग्रहण को 'सुपर ब्लड ब्लू मून' कहा जा रहा है। दरअसल यह सिर्फ चंद्रग्रहण ही नहीं बल्कि पूर्ण चंद्रग्रहण है, जो तीन सालों बाद दिखाई देगा। भारत, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में यह पूर्ण चंद्रग्रहण साफ-साफ देखा जा सकता है। लेकिन यह सिर्फ 77 मिनट तक ही दिखाई देगा। जो शाम 5.58 से शुरू हो कर 8.41 तक ही दिखेगा। चंद्रग्रहण के बारे में खास बात यही है कि इसे नग्न आंखों से देखा जा सकता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 31 जनवरी को एक ही रात में दिखेगा 'सुपर ब्लड ब्लू मून' (हिंदी) फ़र्स्ट पोस्ट। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2018।

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