"पहेली 13 फ़रवरी 2018": अवतरणों में अंतर

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-[[मेरठ]]
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-[[इलाहाबाद]]
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||[[चित्र:Sher darwaja.jpg|right|100px|border|शेर दरवाज़ा]][[लखनऊ]] में ग्लोब वाले पार्क के दक्षिण में उपेक्षित-सा पड़ा हुआ एक केसरिया फाटक है, जिस पर शेरों का एक जोड़ा बैठा हुआ है। इसी वजह से इस डेढ़ सौ साल पुराने द्वार को 'शेर दरवाज़ा' कहा जाता है। [[शेर दरवाज़ा लखनऊ|शेर दरवाज़ा]] सन‍् [[1857 का स्वतंत्रता संग्राम|1857]] की जनक्रांति का केंद्र बिंदु रहा है। ब्रिटिश सेनाधिकारी ब्रिगेडियर जनरल नील को उसी द्वार के पीछे क्रांतिकारियों ने मृत्यु के घाट उतारा था। अंग्रेज़ी शासन काल में जनरल नील की शहादत का कर्ज अदा करने के ल‌िए ‌ब्रिटिश पदाधिकारियों ने इस द्वार को 'नील गेट' कहना शुरू कर दिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शेर दरवाज़ा लखनऊ|शेर दरवाज़ा]], [[लखनऊ]]
||[[चित्र:Sher darwaja.jpg|right|100px|border|शेर दरवाज़ा]][[लखनऊ]] में ग्लोब वाले पार्क के दक्षिण में उपेक्षित-सा पड़ा हुआ एक केसरिया फाटक है, जिस पर शेरों का एक जोड़ा बैठा हुआ है। इसी वजह से इस डेढ़ सौ साल पुराने द्वार को 'शेर दरवाज़ा' कहा जाता है। [[शेर दरवाज़ा लखनऊ|शेर दरवाज़ा]] सन‍् [[1857 का स्वतंत्रता संग्राम|1857]] की जनक्रांति का केंद्र बिंदु रहा है। ब्रिटिश सेनाधिकारी ब्रिगेडियर जनरल नील को उसी द्वार के पीछे क्रांतिकारियों ने मृत्यु के घाट उतारा था। शेर दरवाज़ा आज भी शेर दरवाज़ा है, क्‍योंकि सिंहद्वार पर बने शेर हिंदुस्तानी सपूतों की दास्तान से जुड़े हैं, जिन्होंने गदर में अपनी बहादुरी के कमाल दिखाए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शेर दरवाज़ा लखनऊ|शेर दरवाज़ा]], [[लखनऊ]]
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