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*अश्वक गणराज्य अलक्षेंद्र के [[भारत]] पर आक्रमण के समय (327 ई. पू.) [[सिंधु नदी|सिंध]] और पंजकौरा नदियों के बीच के प्रदेश में बजौरघाटी के अंतर्गत बसा हुआ था।  
*'''अश्वक गणराज्य''' [[अलक्षेंद्र]] के [[भारत]] पर आक्रमण के समय<ref>327 ई. पू.</ref> [[सिंधु नदी|सिंध]] और '''पंजकौरा नदियों''' के बीच के प्रदेश में बजौरघाटी के अंतर्गत बसा हुआ था।  
*ग्रीक लेखकों के अनुसार यहाँ की राजधानी मसागा नाम के सुदृढ़ एवं सुरक्षित नगर में थी।  
*ग्रीक लेखकों के अनुसार यहाँ की राजधानी मसागा नाम के सुदृढ़ एवं सुरक्षित नगर में थी।  
*कैंब्रिज हिस्ट्री आव इंडिया के अनुसार अश्व या [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] अस्प से ही इस जाति का नाम अश्वक हुआ था।  
*'''कैंब्रिज हिस्ट्री ऑफ इंडिया''' के अनुसार '''अश्व''' या [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] '''अस्प''' से ही इस जाति का नाम '''अश्वक''' हुआ था।  
*अलक्षेंद्र मसागा की लड़ाई में तीर लगने से घायल हो गया था और वह वीरों की इस नगरी को केवल धोखे से ही जीत सका था।  
*अलक्षेंद्र मसागा की लड़ाई में तीर लगने से घायल हो गया था और वह वीरों की इस नगरी को केवल धोखे से ही जीत सका था।  


{{संदर्भ ग्रंथ}}
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 50| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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==बाहरी कड़ियाँ==
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08:03, 4 मई 2018 का अवतरण

  • अश्वक गणराज्य अलक्षेंद्र के भारत पर आक्रमण के समय[1] सिंध और पंजकौरा नदियों के बीच के प्रदेश में बजौरघाटी के अंतर्गत बसा हुआ था।
  • ग्रीक लेखकों के अनुसार यहाँ की राजधानी मसागा नाम के सुदृढ़ एवं सुरक्षित नगर में थी।
  • कैंब्रिज हिस्ट्री ऑफ इंडिया के अनुसार अश्व या फ़ारसी अस्प से ही इस जाति का नाम अश्वक हुआ था।
  • अलक्षेंद्र मसागा की लड़ाई में तीर लगने से घायल हो गया था और वह वीरों की इस नगरी को केवल धोखे से ही जीत सका था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 50| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


  1. 327 ई. पू.

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