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'''आभीर''' [[गुजरात]] का दक्षिण-पूर्वी भाग है। [[यूनानी|यूनानियों]] ने इसे अबेरिया कहा है। [[टॉलमी]] ने इस देश को [[सिंध नदी|सिंध-नदी]] के मुहाने के निकट स्थित बताया है।<ref>(मेकिंडल टॉलमी-पृ. 140)</ref> [[ब्रह्मांडपुराण]] 6 में भी इसी तथ्य का उल्लेख है और सिंधु को आभीर देश में बहने वाली नदी कहा गया है। [[महाभारत सभा पर्व|महाभारत सभा पर्व]] 31 में [[आभीर गण|आभीरों]] को [[सरस्वती नदी]] ([[सोमनाथ]] के निकट) के तीर तथा समुद्र-तट के निवासी बताया गया है।<ref>ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 66| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार</ref> | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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07:55, 5 मई 2018 के समय का अवतरण
आभीर गुजरात का दक्षिण-पूर्वी भाग है। यूनानियों ने इसे अबेरिया कहा है। टॉलमी ने इस देश को सिंध-नदी के मुहाने के निकट स्थित बताया है।[1] ब्रह्मांडपुराण 6 में भी इसी तथ्य का उल्लेख है और सिंधु को आभीर देश में बहने वाली नदी कहा गया है। महाभारत सभा पर्व 31 में आभीरों को सरस्वती नदी (सोमनाथ के निकट) के तीर तथा समुद्र-तट के निवासी बताया गया है।[2]
इन्हें भी देखें: आभीर गण
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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