"पहेली 27 अक्टूबर 2018": अवतरणों में अंतर
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||'मेघनाद' अथवा 'इन्द्रजित' [[लंका]] के राजा [[रावण]] का पुत्र था। जब [[मेघनाद]] का जन्म हुआ था तो वह मेघ गर्जन के समान ज़ोर से रोया, इसी से उसका नाम 'मेघनाद' रखा गया। उसने युवास्था में ही [[दैत्य|दैत्यों]] के गुरु [[शुक्राचार्य]] की सहायता से 'सप्तयज्ञ' किए और भगवान [[शिव]] के आशीर्वाद से रथ, दिव्यास्त्र और तामसी माया प्राप्त की थी। [[इन्द्रजित]] ने [[राम]] की सेना से मायावी युद्ध किया था। कभी वह अंतर्धान हो जाता तो कभी प्रकट हो जाता। मेघनाद विशाल भयानक [[वट|वटवृक्ष]] के पास भूतों को बलि देकर युद्ध में जाता था, इसी से वह अदृश्य होकर युद्ध कर सकने में समर्थ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[इन्द्रजित]] | ||'मेघनाद' अथवा 'इन्द्रजित' [[लंका]] के राजा [[रावण]] का पुत्र था। जब [[मेघनाद]] का जन्म हुआ था तो वह मेघ गर्जन के समान ज़ोर से रोया, इसी से उसका नाम 'मेघनाद' रखा गया। उसने युवास्था में ही [[दैत्य|दैत्यों]] के गुरु [[शुक्राचार्य]] की सहायता से 'सप्तयज्ञ' किए और भगवान [[शिव]] के आशीर्वाद से रथ, दिव्यास्त्र और तामसी माया प्राप्त की थी। [[इन्द्रजित]] ने [[राम]] की सेना से मायावी युद्ध किया था। कभी वह अंतर्धान हो जाता तो कभी प्रकट हो जाता। मेघनाद विशाल भयानक [[वट|वटवृक्ष]] के पास भूतों को बलि देकर युद्ध में जाता था, इसी से वह अदृश्य होकर युद्ध कर सकने में समर्थ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[इन्द्रजित]] | ||
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10:53, 16 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
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राज्यों के सामान्य ज्ञान
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