"केशिनी नदी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कात्या सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 225| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत की नदियाँ}} | {{भारत की नदियाँ}} | ||
[[Category:भारत की नदियाँ]][[Category:भूगोल कोश]] | [[Category:भारत की नदियाँ]][[Category:भूगोल कोश]] | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
12:37, 15 अप्रैल 2019 के समय का अवतरण
केशिनी नदी का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है। इसी नदी को अयोध्या के निकट प्रवाहित बताया गया है-
'तत्र तां रजनीमुष्यकेशिन्यां रघुनंदन:,
प्रभाते पुनरुत्थाय लक्ष्मण: प्रययौ तदा।
ततोऽर्ध दिवसे प्राप्ते प्रविवेश महारथ:,
अयोध्यां रत्नसंपूर्णा हष्टपुष्टजनावृताम्’[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 225| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ वाल्मीकि रामायण, उत्तर. 52, 1-2.
संबंधित लेख