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||चित्र:Ustad-Bismillah-khan.jpg|border|right|100px|बिस्मिल्लाह ख़ाँ]]'बिस्मिल्लाह ख़ाँ' [[भारत रत्न]] से सम्मानित प्रख्यात [[शहनाई वादक]] थे। सन [[1969]] में 'एशियाई संगीत सम्मेलन' के 'रोस्टम पुरस्कार' तथा अनेक अन्य पुरस्कारों से सम्मानित [[बिस्मिल्लाह ख़ाँ]] ने [[शहनाई]] को [[भारत]] के बाहर एक विशिष्ट पहचान दिलवाने में मुख्य योगदान दिया। [[1947]] में देश की आज़ादी की पूर्व संध्या पर जब [[लाल किला दिल्ली|लालकिले]] पर भारत का [[तिरंगा]] फहरा रहा था, तब बिस्मिल्लाह ख़ाँ की शहनाई भी वहाँ आज़ादी का संदेश बाँट रही थी। तब से लगभग हर साल [[15 अगस्त]] को [[प्रधानमंत्री]] के भाषण के बाद बिस्मिल्लाह ख़ाँ का शहनाई वादन एक प्रथा बन गयी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिस्मिल्लाह ख़ाँ]]
||[[चित्र:Ustad-Bismillah-khan.jpg|border|right|100px|बिस्मिल्लाह ख़ाँ]]'बिस्मिल्लाह ख़ाँ' [[भारत रत्न]] से सम्मानित प्रख्यात [[शहनाई वादक]] थे। सन [[1969]] में 'एशियाई संगीत सम्मेलन' के 'रोस्टम पुरस्कार' तथा अनेक अन्य पुरस्कारों से सम्मानित [[बिस्मिल्लाह ख़ाँ]] ने [[शहनाई]] को [[भारत]] के बाहर एक विशिष्ट पहचान दिलवाने में मुख्य योगदान दिया। [[1947]] में देश की आज़ादी की पूर्व संध्या पर जब [[लाल किला दिल्ली|लालकिले]] पर भारत का [[तिरंगा]] फहरा रहा था, तब बिस्मिल्लाह ख़ाँ की शहनाई भी वहाँ आज़ादी का संदेश बाँट रही थी। तब से लगभग हर साल [[15 अगस्त]] को [[प्रधानमंत्री]] के भाषण के बाद बिस्मिल्लाह ख़ाँ का शहनाई वादन एक प्रथा बन गयी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिस्मिल्लाह ख़ाँ]]
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06:48, 10 जनवरी 2022 के समय का अवतरण