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'''पी. परमेश्वरन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''P. Parameswaran'', जन्म- [[3 अक्टूबर]], [[1927]]; मृत्यु- [[9 फ़रवरी]], [[2020]]) | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | ||
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पी. परमेश्वरन
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पूरा नाम | पी. परमेश्वरन |
जन्म | 3 अक्टूबर, 1927 |
मृत्यु | 9 फ़रवरी, 2020 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | लेखन, काव्य व शोध |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, (2004) |
प्रसिद्धि | लेखक, कवि, शोधकर्ता और प्रसिद्ध संघ विचारक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | पी. परमेश्वरन अपने छात्र जीवन में ही संघ से जुड़ गए थे। आपातकाल के दिनों में अखिल भारतीय सत्याग्रह के लिए उन्हें 16 महीने के लिए जेल भी हुई। |
अद्यतन | 13:22, 12 जनवरी 2022 (IST)
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पी. परमेश्वरन (अंग्रेज़ी: P. Parameswaran, जन्म- 3 अक्टूबर, 1927; मृत्यु- 9 फ़रवरी, 2020) जनसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष थे। वे एक दिग्गज लेखक, कवि, शोधकर्ता और प्रसिद्ध संघ विचारक थे। उन्हें 20 मार्च, 2018 को साहित्य में योगदान के लिए पद्म विभूषण प्रदान किया गया था। संघ परिवार के लोग उन्हें 'परमेश्वर जी' के नाम से बुलाते थे।
परिचय
- सन 2015 में पी. परमेश्वरन को 'गांधी शान्ति पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
- सन 1967 से 1971 के बीच पी. परमेश्वरन भारतीय जनसंघ के सचिव थे।
- वर्ष 1971 से 1977 तक के बीच वे उपाध्यक्ष रहे। वे 1977 से 1982 के बीच दीनदयाल शोध संस्थान के निदेशक भी रहे।
- पी. परमेश्वरन अपने छात्र जीवन में ही संघ से जुड़ गए थे। आपातकाल के दिनों में अखिल भारतीय सत्याग्रह के लिए उन्हें 16 महीने के लिए जेल भी हुई।
- उन्होंने केरलवासियों में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए 1982 में ‘भारतीय विचार केन्द्रम्’ की स्थापना की थी।
- पी. परमेश्वरन ने भारतीय दर्शन एवं भारतीय समाज के बारे में अनेक पुस्तकें लिखीं हैं। वे 'केसरी' तथा 'मन्थन' नामक पत्रिकाओं के सम्पादक थे।
- वे 'युवा भारती' तथा 'विवेकानन्द केन्द्र पत्रिका' नामक पत्रिका के सम्पादक थे।
सम्मान एवं पुरस्कार
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सिनेट के सदस्य चुने गए, 2000
- अमृत कीर्त्ति पुरस्कार, 2002
- पद्म श्री, 2004
- आर्ष संस्कार परमश्रेष्ठ पुरस्कार, 2013
- पद्म विभूषण, 2018
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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