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| {{सूचना बक्सा साहित्यकार
| | #REDIRECT [[आचार्य रघुवीर]] |
| |चित्र=Aacharya-Raghuveer.jpg
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| |चित्र का नाम=
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| |पूरा नाम=डॉक्टर रघुवीर
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| |अन्य नाम=
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| |जन्म= [[30 दिसंबर]] [[1902]]
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| |जन्म भूमि=
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| |मृत्यु=[[14 मई]], [[1963]]
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| |मृत्यु स्थान=
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| |अभिभावक=
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| |पालक माता-पिता=
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| |पति/पत्नी=
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| |संतान=
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| |कर्म भूमि=
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| |कर्म-क्षेत्र=कोशकार तथा भाषाविद
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| |मुख्य रचनाएँ=
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| |विषय=
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| |भाषा=
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| |विद्यालय=लाहौर विश्वविद्यालय, हॉलैंड विश्वविद्यालय
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| |शिक्षा=एम.ए., पी.एच.डी., डी.लिट
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| |पुरस्कार-उपाधि=
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| |प्रसिद्धि=
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| |विशेष योगदान=सन् [[1934]] में 'इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ़ इंडियन कल्चर' नामक संस्था की स्थापना कर [[भारतीय संस्कृति]] के अनुसंधान का कार्य आरंभ किया।
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| |नागरिकता=भारतीय
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| |संबंधित लेख=
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| |शीर्षक 1=
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| |पाठ 1=
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| |शीर्षक 2=
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| |पाठ 2=
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| |अन्य जानकारी=इन्होंने प्राय: छह लाख शब्दों की रचना की है। इनकी शब्द निर्माण की पद्धति वैज्ञानिक है। इन्होंने विज्ञान की प्रत्येक शाखा के शब्दों की कोश रचना की है।
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| |बाहरी कड़ियाँ=
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| |अद्यतन=
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| }}'''डॉक्टर रघुवीर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dr. Raghuvir'', जन्म: [[30 दिसंबर]] [[1902]], मृत्यु: [[14 मई]], [[1963]]) देश के प्रख्यात विद्वान् तथा राजनीतिक नेता थे। एक ओर इन्होंने कोशों की रचना कर राष्ट्रभाषा [[हिन्दी]] का शब्दभंडार संपन्न किया, तो दूसरी ओर विश्व में विशेषत: [[एशिया]] में फैली हुई [[भारतीय संस्कृति]] की खोज कर उसका संग्रह एवं संरक्षण किया। राजनीतिक नेता के रूप में इनकी दूरदर्शिता, निर्भीकता और स्पष्टवादिता कभी विस्मृत नहीं की जा सकती।
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| ==जन्म और शिक्षा==
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| डॉक्टर रघुवीर महान् कोशकार, शब्दशास्त्री तथा भारतीय [[संस्कृति]] के उन्नायक थे। इनका जन्म 30 दिसंबर सन् 1902 में हुआ था। इनकी शिक्षा [[लाहौर]] में हुई। बाद में उच्चशिक्षा के अध्ययन के निमित्त यह विदेश गए। लाहौर विश्वविद्यालय से एम.ए. करने के बाद इन्होंने [[लंदन]] से पी.एच.डी. और हालैंड विश्वविद्यालय से डी.लिट की उपाधि प्राप्त की।
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| ==बहुमुखी प्रतिभा==
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| सन् [[1931]] में इन्होंने डच भाषा में उपनिवेशवाद के विरुद्ध क्रांतिसमर्थक ग्रंथ लिखा, जिससे हिंदेशिया के स्वतंत्रता आंदोलन को विशेष प्रेरणा एवं शक्ति मिली। डॉक्टर रघुवीर ने सन् [[1934]] में 'इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ़ इंडियन कल्चर' नामक संस्था की स्थापना कर भारतीय संस्कृति के अनुसंधान का कार्य आरंभ किया। इस कार्य के लिए इन्होंने [[यूरोप]], सोवियत संघ, [[चीन]] तथा दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की अनेक बार यात्राएँ कीं। इन यात्राओं में इन्होंने [[भारतीय संस्कृति]] विषय पर अपनी विशेष दृष्टि तो रखी ही, साथ ही उन देशों की राजनीतिक विचारधारा तथा [[भारत]] पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों को भी ध्यान में रखा। विगत दशकों में भारतीय संस्कृति का संदेश इन्होंने जिस प्रभावशाली ढंग से दिया, उतना किसी ने नहीं किया। डॉक्टर रघुवीर महान् कोशकार तथा भाषाविद थे। इन्होंने प्राय: छह लाख शब्दों की रचना की है। इनकी शब्द निर्माण की पद्धति वैज्ञानिक है। इन्होंने विज्ञान की प्रत्येक शाखा के शब्दों की कोश रचना की है।
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| {{main|आचार्य रघुवीर}}
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| *विश्व कोश (खण्ड 10) पेज न., लक्ष्मीशंकर व्यास
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| <references/>
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| ==संबंधित लेख==
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| {{साहित्यकार}}
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| [[Category:राजनीतिज्ञ]]
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| [[Category:राजनीति कोश]]
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| [[Category:साहित्यकार]]
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| [[Category:साहित्य कोश]]
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| [[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]]
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