"ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी''' ([[अंग्रेज़ी]...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sadguru Brahmeshanand Acharya Swami'') [[भारत]] के जाने-माने अध्यात्मिक गुरु हैं। [[गणतंत्र दिवस]] ([[2022]]) की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गयी थी। इसमें 107 नामों को [[पद्म श्री]] से सम्मानित करने के लिए चुना गया था। जिसमें एक नाम सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी का भी रहा। इन्हें अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।  
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=Brahmeshanand-Acharya-Swami.jpg
|चित्र का नाम=ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी
|पूरा नाम=सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी
|अन्य नाम=
|जन्म=
|जन्म भूमि=सिरसैम, उत्तरी [[गोवा]]
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|गुरु=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=अध्यात्म
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|खोज=
|भाषा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि='[[पद्म श्री]]', [[2022]]
|प्रसिद्धि=अध्यात्मिक गुरु
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी=सद्गुरु ब्रह्मेशानंद [[भारतीय शास्त्रीय संगीत]] के एक गहन प्रेमी है। उनके पास [[धर्म]] और आध्यात्मिकता के गहरे पहलुओं पर अपनी बातचीत के साथ अपने दर्शकों को घंटों तक बांधे रखने की कला भी है।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|13:01, 28 मई 2022 (IST)}}
}}'''सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sadguru Brahmeshanand Acharya Swami'') [[भारत]] के जाने-माने अध्यात्मिक गुरु हैं। [[गणतंत्र दिवस]] ([[2022]]) की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गयी थी। इसमें 107 नामों को [[पद्म श्री]] से सम्मानित करने के लिए चुना गया था। जिसमें एक नाम सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी का भी रहा। इन्हें अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।  
==परिचय==
==परिचय==
ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी का जन्म उत्तरी [[गोवा]] के सिरसैम में हुआ था। वह बचपन से ही [[ध्यान]] और आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित थे। दत्त पद्मनाभ संप्रदाय के तत्कालीन प्रमुख ब्रह्मानंदाचार्य स्वामी ने उन्हें अपने अधीन कर लिया। 21 साल की उम्र में, ब्रह्मानंद स्वामी को ब्रह्मानंद आचार्य स्वामी के उत्तराधिकारी के लिए पद्मनाभ शिष्य संप्रदाय का पांचवा पीठाधीश नियुक्त किया गया था। ब्रह्मेशानंद स्वामी ने [[24 मई]], [[2002]] को संप्रदाय की बागडोर संभाली।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/photo-gallery/utility/sadguru-brahmesananda-acharya-swami-honored-with-padma-shri-award-know-about-him?pageId=6 |title=जानिए कौन हैं सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी|accessmonthday=28 मई|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref>
ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी का जन्म उत्तरी [[गोवा]] के सिरसैम में हुआ था। वह बचपन से ही [[ध्यान]] और आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित थे। दत्त पद्मनाभ संप्रदाय के तत्कालीन प्रमुख ब्रह्मानंदाचार्य स्वामी ने उन्हें अपने अधीन कर लिया। 21 साल की उम्र में, ब्रह्मानंद स्वामी को ब्रह्मानंद आचार्य स्वामी के उत्तराधिकारी के लिए पद्मनाभ शिष्य संप्रदाय का पांचवा पीठाधीश नियुक्त किया गया था। ब्रह्मेशानंद स्वामी ने [[24 मई]], [[2002]] को संप्रदाय की बागडोर संभाली।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/photo-gallery/utility/sadguru-brahmesananda-acharya-swami-honored-with-padma-shri-award-know-about-him?pageId=6 |title=जानिए कौन हैं सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी|accessmonthday=28 मई|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref>

07:31, 28 मई 2022 के समय का अवतरण

ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी
ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी
ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी
पूरा नाम सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी
जन्म भूमि सिरसैम, उत्तरी गोवा
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र अध्यात्म
पुरस्कार-उपाधि 'पद्म श्री', 2022
प्रसिद्धि अध्यात्मिक गुरु
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी सद्गुरु ब्रह्मेशानंद भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक गहन प्रेमी है। उनके पास धर्म और आध्यात्मिकता के गहरे पहलुओं पर अपनी बातचीत के साथ अपने दर्शकों को घंटों तक बांधे रखने की कला भी है।
अद्यतन‎

सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी (अंग्रेज़ी: Sadguru Brahmeshanand Acharya Swami) भारत के जाने-माने अध्यात्मिक गुरु हैं। गणतंत्र दिवस (2022) की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गयी थी। इसमें 107 नामों को पद्म श्री से सम्मानित करने के लिए चुना गया था। जिसमें एक नाम सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी का भी रहा। इन्हें अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

परिचय

ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी का जन्म उत्तरी गोवा के सिरसैम में हुआ था। वह बचपन से ही ध्यान और आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित थे। दत्त पद्मनाभ संप्रदाय के तत्कालीन प्रमुख ब्रह्मानंदाचार्य स्वामी ने उन्हें अपने अधीन कर लिया। 21 साल की उम्र में, ब्रह्मानंद स्वामी को ब्रह्मानंद आचार्य स्वामी के उत्तराधिकारी के लिए पद्मनाभ शिष्य संप्रदाय का पांचवा पीठाधीश नियुक्त किया गया था। ब्रह्मेशानंद स्वामी ने 24 मई, 2002 को संप्रदाय की बागडोर संभाली।[1]

हिंदू धर्म के विद्वान ब्रह्मेशानंद स्वामी ने उपनिषद, न्यायशास्त्र, अष्टांग योगशास्त्र, पूर्व मीमांसा, उत्तर मीमांसा, वेदांतशास्त्र, यज्ञ-यग, कर्मकांड, पौरोहित्य, काव्यशास्त्र, नारदीय कीर्ति परगना, काव्यशास्त्र, नारदीय कीर्तन के अध्ययन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

गृह त्याग

बताया जाता है कि ब्रह्मेशानंद स्वामी के जन्मजात दिव्य गुण कम उम्र में ही दिखने लगे थे। सात साल की उम्र में स्वामीजी हारमोनियम बजाने और भगवद गीता पढ़ने का हुनर रखते थे। आगे चलके वे ध्यान, साधना और तपस्या के जीवन की आकांक्षा करने लगे, जिसके लिये उन्होंने अपने घर को त्याग दिया और एक तपस्वी के जीवन को अपनाने, विभिन्न कठोर आध्यात्मिक पथों के अध्ययन और अभ्यास के लिए समर्पित कर दिया।

विभिन्न क्षेत्रों में सक्रियता

सद्गुरु ब्रह्मेशानंद भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक गहन प्रेमी है। उनके पास धर्म और आध्यात्मिकता के गहरे पहलुओं पर अपनी बातचीत के साथ अपने दर्शकों को घंटों तक बांधे रखने की कला भी है।[1]

ब्रह्मेशानंद स्वामी आध्यात्मिक, शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सक्रिय 21 संस्थानों के प्रमुख हैं, जो भारत और विदेशों में पद्मनाभ संप्रदाय का काम करते हैं। साथ ही संघर्ष समाधान और प्रगति के लिए अंतर-धार्मिक संवाद के एक मजबूत समर्थक, द्रष्टा विभिन्न अंतर-धार्मिक अंतर्राष्ट्रीय शांति बैठकों में नियमित रूप से प्रतिष्ठित वक्ता हैं।

वह हाल ही में कोलंबो, श्रीलंका में हिंदू-बौद्ध सभाओं के लिए "शांति संयोजक" भी थे। अपने हजारों युवा अनुयायियों के लिए, ब्रह्मेशानंद स्वामी श्रद्धा में डूबे हुए एक प्रतीक हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 जानिए कौन हैं सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 28 मई, 2022।

संबंधित लेख