"लता मंगेशकर चौक": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Lata-Mangeshkar-Chowk.jpg|thumb|250px|लता मंगेशकर चौक, [[अयोध्या]]]] | |||
'''लता मंगेशकर चौक''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Lata Mangeshkar Chowk'') [[अयोध्या]], [[उत्तर प्रदेश]] के पर्यटन स्थलों में से एक है। यह [[सरयू नदी]] के किनारे स्थित है। इस चौक का नाम ख्याति प्राप्त गायिका [[लता मंगेशकर]] के नाम पर किया गया है। यह स्मारक पर्यटकों और [[संगीत]] प्रेमियों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है, क्योंकि यह देश का पहला स्थान है जहां अमर सुरीली आवाजों को मंदिर शहर से जोड़ने के लिए इतना विशाल संगीत [[वाद्य यंत्र]] स्थापित किया गया है। | '''लता मंगेशकर चौक''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Lata Mangeshkar Chowk'') [[अयोध्या]], [[उत्तर प्रदेश]] के पर्यटन स्थलों में से एक है। यह [[सरयू नदी]] के किनारे स्थित है। इस चौक का नाम ख्याति प्राप्त गायिका [[लता मंगेशकर]] के नाम पर किया गया है। यह स्मारक पर्यटकों और [[संगीत]] प्रेमियों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है, क्योंकि यह देश का पहला स्थान है जहां अमर सुरीली आवाजों को मंदिर शहर से जोड़ने के लिए इतना विशाल संगीत [[वाद्य यंत्र]] स्थापित किया गया है। | ||
==40 फीट लंबी वीणा== | ==40 फीट लंबी वीणा== |
06:41, 28 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण
लता मंगेशकर चौक (अंग्रेज़ी: Lata Mangeshkar Chowk) अयोध्या, उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों में से एक है। यह सरयू नदी के किनारे स्थित है। इस चौक का नाम ख्याति प्राप्त गायिका लता मंगेशकर के नाम पर किया गया है। यह स्मारक पर्यटकों और संगीत प्रेमियों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है, क्योंकि यह देश का पहला स्थान है जहां अमर सुरीली आवाजों को मंदिर शहर से जोड़ने के लिए इतना विशाल संगीत वाद्य यंत्र स्थापित किया गया है।
40 फीट लंबी वीणा
सरयू नदी के तट के किनारे नया घाट क्षेत्र में स्थित लता मंगेशकर चौक का मुख्य आकर्षण एक विशालकाय वीणा है, जिसे पद्म श्री से सम्मानित शिल्पकार राम सुतार ने बनाया है। इस वीणा पर माता लक्ष्मी और सरस्वती के साथ दो मोर भी बने हुए हैं। एक महीने में 70 कलाकारों द्वारा तैयार की गई इस वीणा की ऊंचाई या लंबाई करीब 12 मीटर यानी 40 फीट है। लता मंगेशकर के निधन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद उनके नाम पर चौक का ऐलान किया था।[1]
चौराहे पर लाइट और साउंड का ऐसा समन्वय है कि यहां से लता मंगेशकर द्वारा गाए गए श्रीराम के भजन और वीणा की मधुर ध्वनि लोगों को लगातार सुनाई देती रहेगी। इसका डिजाइन राम सुतार फाइन आर्ट लिमिटेड कंपनी द्वारा तैयार किया गया है और इसे नोएडा से अयोध्या पहुंचने में तीन दिन लगे थे। वीणा को तैयार करने में करीब आठ करोड़ रुपये की लागत आई थी। वीणा को तैयार करने वाले कलाकार अनिल राम सुतार ने बताया था कि इसकी विशेषता यह है कि यह कांसे का बना हुआ है। इसकी लंबाई 12 मीटर यानी करीब 40 फुट है और वजन 14 टन है। एक महीने में इसे तैयार किया गया है। वीणा के अंदर जो डिजाइन होनी चाहिए, वह बनाने की कोशिश की गई है।
विशेषताएँ
- 7.9 करोड़ से हुआ लता मंगेशकर चौक का निर्माण।[2]
- स्मृति चौक पर गूंजेंगे लता मंगेशकर के भजन।
- मां शारदा की वीणा सुर साम्राज्ञी चौक की पहचान होगी।
- वीणा की लंबाई 10.8 मीटर और ऊंचाई 12 मीटर है।
- 14 टन वजनी वीणा को बनाने में लगे 70 लोग।
- कांसा एवं स्टेनलेस स्टील से एक माह में बनी वीणा।
- पद्म श्री विजेता राम सुतार ने बनाई है वीणा की डिजाइन।
- वीणा के साथ-साथ अन्य शास्त्रीय वाद्य यंत्र भी प्रदर्शित हैं।
- लता जी के जीवन और व्यक्तित्व को चौक में दर्शाया गया है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लता मंगेशकर चौक का होगा शुभारंभ (हिंदी) jantaserishta.com। अभिगमन तिथि: 28 सितंबर, 2021।
- ↑ Lata Mangeshkar Chowk (हिंदी) navpradesh.com। अभिगमन तिथि: 28 सितंबर, 2021।
संबंधित लेख