"पहेली 21 दिसम्बर 2022": अवतरणों में अंतर

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-अल फिहरिश्वत
-अल फिहरिश्वत
-किताब अल बयाँ
-किताब अल बयाँ
-मज्म-उल-बहरीन
-[[मज्म-उल-बहरैन]]
+सिर्र-ए-अकबर
+[[सिर्र-ए-अकबर]]
||[[चित्र:Dara-Shikoh.jpg|border|90px|right|दारा शिकोह]]'दारा शिकोह' [[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] और [[मुमताज़ महल]] का सबसे बड़ा पुत्र था। शाहजहाँ अपने इस पुत्र को बहुत अधिक चाहता था और उसे [[मुग़ल वंश]] का अगला बादशाह बनते हुए देखना चाहता था। शाहजहाँ भी [[दारा शिकोह]] को बहुत प्रिय था। दारा शिकोह ने उपनिषदों का फ़ारसी में अनुवाद 'सिर्र-ए-अकबर' नाम से किया था। 'सिर्र-ए-अकबर' का अर्थ है– 'सबसे बड़ा रहस्य'। दारा शिकोह ने बावन उपनिषदों का फ़ारसी में अनुवाद 'सिर्र-ए-अकबर' नाम से करवाया। उसको उसकी सहिष्णुता एवं उदारता के लिए लेनपूल ने 'लघु अकबर' कहा है। शाहजहां ने दारा शिकोह को 'शाहबुलन्द इकबाल' की उपाधि दी थी। दारा ने एक मौलिक पुस्तक 'मज्म-उल-बहरीन' की भी रचना की थी।→अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दारा शिकोह]]
||[[चित्र:Dara-Shikoh.jpg|border|90px|right|दारा शिकोह]]'दारा शिकोह' [[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] और [[मुमताज़ महल]] का सबसे बड़ा पुत्र था। शाहजहाँ अपने इस पुत्र को बहुत अधिक चाहता था और उसे [[मुग़ल वंश]] का अगला बादशाह बनते हुए देखना चाहता था। शाहजहाँ भी [[दारा शिकोह]] को बहुत प्रिय था। दारा शिकोह ने उपनिषदों का फ़ारसी में अनुवाद 'सिर्र-ए-अकबर' नाम से किया था। 'सिर्र-ए-अकबर' का अर्थ है– 'सबसे बड़ा रहस्य'। दारा शिकोह ने बावन उपनिषदों का फ़ारसी में अनुवाद 'सिर्र-ए-अकबर' नाम से करवाया। उसको उसकी सहिष्णुता एवं उदारता के लिए लेनपूल ने 'लघु अकबर' कहा है। शाहजहां ने दारा शिकोह को 'शाहबुलन्द इकबाल' की उपाधि दी थी। दारा ने एक मौलिक पुस्तक 'मज्म-उल-बहरीन' की भी रचना की थी।→अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दारा शिकोह]], [[सिर्र-ए-अकबर]]
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