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'''पतायत साहू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Patayat Sahu'') वर्ष [[2023]] में [[पद्म श्री]] से सम्मानित होने वाले व्यक्ति हैं। वह [[ओडिशा]] के कालाहांडी जिले के रहने वाले हैं। इनके गांव का नाम नान्दोल है। पतायत साहू ने अपने घर के पीछे 1।5 एकड़ के ज़मीन में 3000 से भी ज्यादा चिकित्सकीय पौधे उगाए हैं। यह काम वे पिछले 40 साल से कर रहे हैं, पतायत साहू आर्गेनिक खेती पर जोर देते हैं। अपने प्लांट में वह कभी भी केमिकल [[उर्वरक]] का इस्तेमाल नहीं करते। पतायत साहू दिन में खेती करते हैं और रात में अपने औषधीय पौधे की मदद से वैद्य बन जाते हैं।
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
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|चित्र का नाम=पतायत साहू
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}}'''पतायत साहू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Patayat Sahu'') वर्ष [[2023]] में [[पद्म श्री]] से सम्मानित होने वाले व्यक्ति हैं। वह [[ओडिशा]] के कालाहांडी जिले के रहने वाले हैं। इनके गांव का नाम नान्दोल है। पतायत साहू ने अपने घर के पीछे 1.5 एकड़ के ज़मीन में 3000 से भी ज्यादा चिकित्सकीय पौधे उगाए हैं। यह काम वे पिछले 40 साल से कर रहे हैं, पतायत साहू आर्गेनिक खेती पर जोर देते हैं। अपने प्लांट में वह कभी भी केमिकल [[उर्वरक]] का इस्तेमाल नहीं करते। पतायत साहू दिन में खेती करते हैं और रात में अपने औषधीय पौधे की मदद से वैद्य बन जाते हैं।
==औषधीय पौधों का संग्रह==
==औषधीय पौधों का संग्रह==
देश में युगों-युगों से औषधीय उत्पादन और उपभोग हो रहा है। अभी तक [[हिमालय]] के पहाड़ी और बर्फीले इलाके ही औषधियों का भंडार माने जाते थे, लेकिन इनके बारे में जागरुकता बढ़ने से अब मैदानी इलाकों में इनकी खेती होने लगी है। उड़ीसा के कालाहांडी के रहने वाले पतायत साहू ने तो यह काम कई दशक पहले ही चालू कर दिया था। लोगों की बीमारी का इलाज करने के लिए पतायत साहू किसी से पैसे की मांग नहीं करते। उनके खेत में जो 3000 प्लांट है उसमें से 500 उन्होंने [[भारत]] के अलग-अलग जगह से संग्रह किये हैं। बाकी सब पौधे कालाहांडी के जंगल से संग्रह किए गए हैं। उनके बगीचे में ऐसे कई चिकित्सकीय पौधे हैं जो कहीं और नहीं मिलते।<ref name="pp">{{cite web |url= https://hindi.economictimes.com/kheti-kisani/patayat-sahu-of-kalahandi-odisha-got-padma-shri-awards-2023-for-organic-herbs-farming/articleshow/97410187.cms|title=दिन में मेडिसिनल प्लांट की खेती और रात में लोगों का फ्री इलाज|accessmonthday=22 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= hindi.economictimes.com|language=हिंदी}}</ref>
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07:43, 22 जुलाई 2023 का अवतरण

पतायत साहू
पतायत साहू
पतायत साहू
पूरा नाम पतायत साहू
कर्म भूमि भारत
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 2023
प्रसिद्धि औषधीय पौधों के संग्रहकर्ता
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख पद्म पुरस्कार, [पद्म]]
अन्य जानकारी अपने प्लांट में पतायत साहू कभी भी केमिकल उर्वरक का इस्तेमाल नहीं करते। पतायत साहू दिन में खेती करते हैं और रात में अपने औषधीय पौधे की मदद से वैद्य बन जाते हैं।
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पतायत साहू (अंग्रेज़ी: Patayat Sahu) वर्ष 2023 में पद्म श्री से सम्मानित होने वाले व्यक्ति हैं। वह ओडिशा के कालाहांडी जिले के रहने वाले हैं। इनके गांव का नाम नान्दोल है। पतायत साहू ने अपने घर के पीछे 1.5 एकड़ के ज़मीन में 3000 से भी ज्यादा चिकित्सकीय पौधे उगाए हैं। यह काम वे पिछले 40 साल से कर रहे हैं, पतायत साहू आर्गेनिक खेती पर जोर देते हैं। अपने प्लांट में वह कभी भी केमिकल उर्वरक का इस्तेमाल नहीं करते। पतायत साहू दिन में खेती करते हैं और रात में अपने औषधीय पौधे की मदद से वैद्य बन जाते हैं।

औषधीय पौधों का संग्रह

देश में युगों-युगों से औषधीय उत्पादन और उपभोग हो रहा है। अभी तक हिमालय के पहाड़ी और बर्फीले इलाके ही औषधियों का भंडार माने जाते थे, लेकिन इनके बारे में जागरुकता बढ़ने से अब मैदानी इलाकों में इनकी खेती होने लगी है। उड़ीसा के कालाहांडी के रहने वाले पतायत साहू ने तो यह काम कई दशक पहले ही चालू कर दिया था। लोगों की बीमारी का इलाज करने के लिए पतायत साहू किसी से पैसे की मांग नहीं करते। उनके खेत में जो 3000 प्लांट है उसमें से 500 उन्होंने भारत के अलग-अलग जगह से संग्रह किये हैं। बाकी सब पौधे कालाहांडी के जंगल से संग्रह किए गए हैं। उनके बगीचे में ऐसे कई चिकित्सकीय पौधे हैं जो कहीं और नहीं मिलते।[1]

दस्तावेज

पतायत साहू ने अपने घर के पीछे के हिस्से में चिकित्सकीय बगीचा बनाया हुआ है। उड़ीसा के पतायत साहू को देश के सबसे बड़े सम्मान में से एक मिला है। उड़ीसा के कालाहांडी जिले के पतायत साहू ने घर के पीछे के हिस्से में कई औषधीय पौधे लगा रखे हैं जिनकी मदद से वे लोगों का इलाज करते हैं। उन्होंने अपने औषधीय पौधे का एक दस्तावेज भी बना रखा है।

हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में पतायत साहू का जिक्र किया था। पतायत साहू का पूरा समय अपने 1।5 एकड़ के बगीचे में ही बीतता है। इस उम्र में भी पतायत साहू मुंह जुबानी हर औषधि की विस्तृत जानकारी बता सकते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दिन में मेडिसिनल प्लांट की खेती और रात में लोगों का फ्री इलाज (हिंदी) hindi.economictimes.com। अभिगमन तिथि: 22 जुलाई, 2023।

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