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'''हेमोप्रोवा चुटिया'''  ([[अंग्रेज़ी]]: ''Hemoprava Chutia'') भारत के असम राज्य की ऐसी बुनकर महिला हैं जिन्हें उनके कार्य के लिये साल [[2023]] में [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया है। वह बुनकर की ऐसी महिला हैं जिसने अपने बुनाई कौशल के लिए विभिन्न स्तरों पर कई पुरस्कार जीते हैं।  
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*उनके उल्लेखनीय कार्यों में से एक 280 फीट लंबाई और 2 फीट चौड़े कपड़े के टुकड़े में [[अंग्रेज़ी भाषा]] में पूरी भगवद गीता की बुनाई थी। इसे पूरा करने में उन्हें दो साल से ज्यादा का समय लगा।
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*[[असम]] के डिब्रूगढ़ जिले के मोरन की निवासी हेमोप्रोवा चुटिया को पहले असम सरकार द्वारा 'असम गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। इससे पहले उन्हें बुनाई में अपनी विशेषज्ञता के लिए कई सम्मान और पहचान मिली थी।
*बुनाई के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्टता के लिए उन्हें 'बकुल बॉन अवार्ड', 'आई कनकलता अवार्ड' और राज्य सरकार का 'हैंड-लूम एंड टेक्सटाइल अवार्ड' मिला है।
*बुनाई के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्टता के लिए उन्हें 'बकुल बॉन अवार्ड', 'आई कनकलता अवार्ड' और राज्य सरकार का 'हैंड-लूम एंड टेक्सटाइल अवार्ड' मिला है।
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09:45, 27 जुलाई 2023 के समय का अवतरण

हेमोप्रोवा चुटिया
हेमोप्रोवा चुटिया
हेमोप्रोवा चुटिया
पूरा नाम हेमोप्रोवा चुटिया
कर्म भूमि असम, भारत
कर्म-क्षेत्र हस्तकला
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 2023

असम गौरव पुरस्कार
बकुल बॉन अवार्ड
आई कनकलता अवार्ड
हैंड-लूम एंड टेक्सटाइल अवार्ड

प्रसिद्धि महिला बुनकर
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी हेमोप्रोवा चुटिया के उल्लेखनीय कार्यों में से एक 280 फीट लंबाई और 2 फीट चौड़े कपड़े के टुकड़े में अंग्रेज़ी भाषा में पूरी भगवद गीता की बुनाई थी। इसे पूरा करने में उन्हें दो साल से ज्यादा का समय लगा।

हेमोप्रोवा चुटिया (अंग्रेज़ी: Hemoprava Chutia) भारत के असम राज्य की ऐसी बुनकर महिला हैं जिन्हें उनके कार्य के लिये साल 2023 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। वह बुनाई की ऐसी महिला हैं जिसने अपने बुनाई कौशल के लिए विभिन्न स्तरों पर कई पुरस्कार जीते हैं।

  • हेमोप्रोवा चुटिया ने सूती, रेशमी, ऊनी और बारीक कटे बांस के टुकड़ों सहित विभिन्न कपड़ों का उपयोग करके कई सुंदर रचनाएँ बनाई हैं।
  • उन्होंने पहले भगवद गीता का संस्कृत में एक 700 श्लोक वाला हिंदू ग्रंथ बनाया था, जो रेशम में महाभारत का हिस्सा है। उन्होंने पूरे पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए इस कार्य को पूरा किया था।
  • उनके उल्लेखनीय कार्यों में से एक 280 फीट लंबाई और 2 फीट चौड़े कपड़े के टुकड़े में अंग्रेज़ी भाषा में पूरी भगवद गीता की बुनाई थी। इसे पूरा करने में उन्हें दो साल से ज्यादा का समय लगा।
  • असम के डिब्रूगढ़ जिले के मोरन की निवासी हेमोप्रोवा चुटिया को पहले असम सरकार द्वारा 'असम गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। इससे पहले उन्हें बुनाई में अपनी विशेषज्ञता के लिए कई सम्मान और पहचान मिली थी।
  • बुनाई के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्टता के लिए उन्हें 'बकुल बॉन अवार्ड', 'आई कनकलता अवार्ड' और राज्य सरकार का 'हैंड-लूम एंड टेक्सटाइल अवार्ड' मिला है।
  • अन्य बुनकरों और हेमोप्रोवा चुटिया के बीच एक और महत्वपूर्ण अंतर यह है कि उन्होंने कपास और रेशम गमोचा में सुंदर डिजाइन बनाने के लिए मोतियों का इस्तेमाल किया, जो इस क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सामान्य रूपांकनों और डिजाइनों से बहुत अलग है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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