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1. हिस्सेदार, सहदायभागी, -(पुनर्विभागकरणे) सर्वे वा स्युः समाशिनः - याज्ञवल्क्यस्मृति 2/114
1. हिस्सेदार, सहदायभागी, -(पुनर्विभागकरणे) सर्वे वा स्युः समाशिनः - याज्ञवल्क्यस्मृति<ref>याज्ञवल्क्यस्मृति 2/114</ref>


2. भागों वाला, साझीदार।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=02|url=|ISBN=}}</ref>
2. भागों वाला, साझीदार।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=02|url=|ISBN=}}</ref>

10:38, 31 जुलाई 2023 का अवतरण

अंशिन् (विशेषण) [अंश्+इनि]

1. हिस्सेदार, सहदायभागी, -(पुनर्विभागकरणे) सर्वे वा स्युः समाशिनः - याज्ञवल्क्यस्मृति[1]

2. भागों वाला, साझीदार।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. याज्ञवल्क्यस्मृति 2/114
  2. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 02 |

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