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+[[पुरुषपुर]]
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-[[सारनाथ]]
-[[सारनाथ]]
||[[चित्र:Kanishka-Coin.jpg|border|100px|right|कनिष्क का सिक्का]]'कनिष्क' को [[कुषाण वंश]] का तीसरा शासक माना जाता था किन्तु राबाटक शिलालेख के बाद यह चौथा शासक साबित होता है। संदेह नहीं कि [[कनिष्क]] कुषाण वंश का महानतम शासक था। उसके ही कारण कुषाण वंश का [[भारत]] के सांस्कृतिक एवं राजनीतिक इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान है। उसका राज्यारोहण काल संदिग्ध है। 100 ई. से 127 ई. तक इसे कहीं पर भी रखा जा सकता है, किन्तु सम्भावना यह भी मानी गई थी कि तथाकथित शक संवत, जो 78 ई. में आरम्भ हुआ माना जाता है, [[कनिष्क]] के राज्यारोहण की तिथि हो सकती है। कनिष्क के राज्यारोहण के समय कुषाण साम्राज्य में [[अफ़ग़ानिस्तान]], [[सिंध]] का भाग, बैक्ट्रिया एवं पार्थिया के प्रदेश सम्मिलित थे। कनिष्क ने भारत में अपना राज्य [[मगध]] तक विस्तृत कर दिया। वहाँ से वह प्रसिद्ध विद्वान् [[अश्वघोष]] को अपनी राजधानी [[पुरुषपुर]] ले गया।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कनिष्क]]


{[[तमिल भाषा|तमिल]] का गौरवग्रंथ ‘जीवक चिन्तामणि’ किससे संबंधित है?
{[[तमिल भाषा|तमिल]] का गौरवग्रंथ ‘जीवक चिन्तामणि’ किससे संबंधित है?
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-[[हिन्दू धर्म|हिन्दू]]
-[[हिन्दू धर्म|हिन्दू]]
-[[ईसाई धर्म|ईसाई]]
-[[ईसाई धर्म|ईसाई]]
||[[चित्र:Jain-Symbol.jpg|border|100px|right|जैन धर्म का प्रतीक चिह्न]]'जैन धर्म' [[भारत]] की श्रमण परम्परा से निकला [[धर्म]] और [[दर्शन]] है। 'जैन' उन्हें कहते हैं, जो 'जिन' के अनुयायी हों। 'जिन' शब्द बना है 'जि' धातु से। 'जि' यानी जीतना। 'जिन' अर्थात् जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी वाणी को जीत लिया और अपनी काया को जीत लिया, वे हैं 'जिन'। [[जैन धर्म]] अर्थात् 'जिन' भगवान का धर्म। वस्त्र-हीन बदन, शुद्ध शाकाहारी भोजन और निर्मल वाणी एक जैन-अनुयायी की पहली पहचान है। यहाँ तक कि [[जैन धर्म]] के अन्य लोग भी शुद्ध शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करते हैं तथा अपने धर्म के प्रति बड़े सचेत रहते हैं।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैन धर्म]]


{[[सेतुबंध]] का रचनाकार [[प्रवरसेन द्वितीय|प्रवरसेन II]] किस वंश का शासक था?
{[[सेतुबंध]] का रचनाकार [[प्रवरसेन द्वितीय|प्रवरसेन II]] किस वंश का शासक था?
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-[[पालि भाषा|पालि]]
-[[पालि भाषा|पालि]]
-[[तेलुगू भाषा|तेलुगू]]
-[[तेलुगू भाषा|तेलुगू]]
||'तमिल भाषा' एक द्रविड़ भाषा है, जिसके विश्वभर में पाँच करोड़ से अधिक बोलने वालों में से लगभग 90 प्रतिशत [[भारत]] में रहते हैं और [[तमिलनाडु]] राज्य में केन्द्रित 83 प्रतिशत हैं। यह भारत की पाँचवी सबसे बड़ी [[भाषा]] है, जो देश की लगभग सात प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करती है। मूल रूप से क़रीब 34 लाख तमिल भाषा-भाषी लोग [[श्रीलंका]] में, तीन लाख [[सिंगापुर]] में और दो लाख [[मलेशिया]] में रहते हैं। [[औपनिवेशिक काल]] में प्रवास कर गए तमिल भाषी लोगों के वंशज [[मॉरीशस]], फ़िजी और [[दक्षिण अमेरिका]] में बस गए हैं, इनकी तमिल दक्षता अलग-अलग है, साथ ही विद्यालयों में औपचारिक अध्ययन की सुविधा में भी भिन्नता है।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तमिल भाषा]]
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2 तमिल का गौरवग्रंथ ‘जीवक चिन्तामणि’ किससे संबंधित है?

जैन
बौद्ध
हिन्दू
ईसाई

3 सेतुबंध का रचनाकार प्रवरसेन II किस वंश का शासक था?

शक
सातवाहन
कण्व
वाकाटक

4 कनिष्क के शासन काल की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटना कौन-सी थी?

गांधार शैली का विकास
चतुर्थ बौद्ध संगीति
जैन धर्म का पुनः उदय
बौद्ध धर्म का भारत से बाहर प्रसार

5 धार्मिक कविताओं का संकलन ‘कुरल’ किस भाषा में है?

तमिल
ग्रीक
पालि
तेलुगू

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