"पहेली 7 फ़रवरी 2024": अवतरणों में अंतर

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-[[रामनरेश त्रिपाठी]]
-[[रामनरेश त्रिपाठी]]
-[[विनोबा भावे]]
-[[विनोबा भावे]]
||[[चित्र:Devkinandan-Khatri.jpg|100px|right|border|देवकीनन्दन खत्री]]'देवकीनन्दन खत्री' [[हिन्दी]] के प्रथम तिलिस्मी लेखक थे। उन्होंने '[[चंद्रकांता]]', '[[चंद्रकांता संतति]]', 'काजर की कोठरी', 'नरेंद्र-मोहिनी', 'कुसुम कुमारी', 'वीरेंद्र वीर', 'गुप्त गोंडा', 'कटोरा भर' और '[[भूतनाथ -देवकीनन्दन खत्री|भूतनाथ]]' जैसी रचनाएँ कीं। यह परम प्रसिद्ध बात है कि 19वीं शताब्दी के अंत में लाखों पाठकों ने बहुत ही चाव और रुचि से [[देवकीनन्दन खत्री]] के [[उपन्यास]] पढ़े और हज़ारों आदमियों ने केवल आपके उपन्यास पढ़ने के लिए ही हिन्दी सीखी। यही कारण है कि हिन्दी के सुप्रसिद्ध उपन्यास लेखक [[वृंदावनलाल वर्मा|श्री वृंदावनलाल वर्मा]] ने आपको '''हिन्दी का शिराज़ी''' कहा है।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवकीनन्दन खत्री]]
||[[चित्र:Vrindavan-Lal-Verma.jpg|100px|right|border|वृंदावनलाल वर्मा]]'देवकीनन्दन खत्री' [[हिन्दी]] के प्रथम तिलिस्मी लेखक थे। उन्होंने '[[चंद्रकांता]]', '[[चंद्रकांता संतति]]', 'काजर की कोठरी', 'नरेंद्र-मोहिनी', 'कुसुम कुमारी', 'वीरेंद्र वीर', 'गुप्त गोंडा', 'कटोरा भर' और '[[भूतनाथ -देवकीनन्दन खत्री|भूतनाथ]]' जैसी रचनाएँ कीं। यह परम प्रसिद्ध बात है कि 19वीं शताब्दी के अंत में लाखों पाठकों ने बहुत ही चाव और रुचि से [[देवकीनन्दन खत्री]] के [[उपन्यास]] पढ़े और हज़ारों आदमियों ने केवल आपके उपन्यास पढ़ने के लिए ही हिन्दी सीखी। यही कारण है कि हिन्दी के सुप्रसिद्ध उपन्यास लेखक [[वृंदावनलाल वर्मा|श्री वृंदावनलाल वर्मा]] ने आपको '''हिन्दी का शिराज़ी''' कहा है।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवकीनन्दन खत्री]]
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