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'''अकस्मात्''' (अव्य.) [न कस्मात्-न. त.]  
'''अकस्मात्''' (अव्य.) [न कस्मात्-न. त.]  


*अचानक, एकाएक, सहसा, आकस्मिक रूप से - अकस्मादागंतुना सह विश्वासो न युक्तः-हि. 1/2;  
*अचानक, एकाएक, सहसा, आकस्मिक रूप से - अकस्मादागंतुना सह विश्वासो न युक्तः<ref>हि. 1/2</ref>;  
*अकारण, बिना किसी कारण के, व्यर्थ ही- नाकस्मात् शाण्डिलीमाता विक्रीणाति तिलैस्तिलान्- पं. 2/65-कथं त्वां त्यजेदकस्मात्पतिरार्यवृत्तः– [[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]] 14/55, 73<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=03|url=|ISBN=}}</ref>
*अकारण, बिना किसी कारण के, व्यर्थ ही- नाकस्मात् शाण्डिलीमाता विक्रीणाति तिलैस्तिलान्<ref>पं. 2/65</ref>-कथं त्वां त्यजेदकस्मात्पतिरार्यवृत्तः<ref>[[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]] 14/55, 73</ref><ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=03|url=|ISBN=}}</ref>





12:56, 11 मई 2024 के समय का अवतरण

अकस्मात् (अव्य.) [न कस्मात्-न. त.]

  • अचानक, एकाएक, सहसा, आकस्मिक रूप से - अकस्मादागंतुना सह विश्वासो न युक्तः[1];
  • अकारण, बिना किसी कारण के, व्यर्थ ही- नाकस्मात् शाण्डिलीमाता विक्रीणाति तिलैस्तिलान्[2]-कथं त्वां त्यजेदकस्मात्पतिरार्यवृत्तः[3][4]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हि. 1/2
  2. पं. 2/65
  3. रघुवंश 14/55, 73
  4. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 03 |

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