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*गोलघ की ऊँचाई लगभग 96 फीट है।  
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*1770 में पटना में आए भयंकर अकाल के बाद 137000 टन अनाज भंडारण के लिए बनाया गया था।
*1770 में पटना में आए भयंकर अकाल के बाद 137000 टन अनाज भंडारण के लिए बनाया गया था।
*गोलघर की गोलाकार ईमारत अपनी खास आकृति के लिए प्रसिद्ध है।  
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==हरमंदिरजी==
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14:08, 26 सितम्बर 2010 का अवतरण

पटना का बिहार के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। पटना शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। पटना का भारतीय पर्यटन मानचित्र में प्रमुख स्‍थान है। पटना और आसपास स्थित अन्य स्मारकों में सती मंदिर, सेंट जोसेफ़ रोमन कैथॅलिक चर्च, प्रोटेस्टेंट चर्च, पत्थर की मस्जिद, भवानी पुरी का मठ और ऐतिहासिक तथा प्रशासनिक महत्त्व की कई अन्य इमारतें हैं। पटना के ऐतिहासिक स्मारकों में बंगाल के हुसैन शाह (1499) की मस्जिद। इसके अलावा खुदाबक्‍श ओरिएंटल पुस्‍तकालय (राजपूत और मुग़लकालीन पेंटिंग्‍स, क़ुरान, अरबिन और पर्सियन पांडुलिपी), पत्‍थर की मस्जिद आदि भी देखने लायक जगह है। पटना और आसपास के दर्शनीय स्थानों-

गोलघर

  • पटना के पश्चिमी किनारे पर गांधी मैदान के समीप गोलघर स्थित है।
  • गोलघ की ऊँचाई लगभग 96 फीट है।
  • 1770 में पटना में आए भयंकर अकाल के बाद 137000 टन अनाज भंडारण के लिए बनाया गया था।
  • गोलघर की गोलाकार ईमारत अपनी ख़ास आकृति के लिए प्रसिद्ध है।

हरमंदिरजी

  • पटना सिख के 10वें गुरू गुरु गोविंद सिंहजी के जन्‍म स्‍थान के लिए भी विश्‍व प्रसिद्ध है।
  • सिक्खों के लिए हरमंदिर साहब पाँच प्रमुख तख्तों में से एक है।
  • इसकी बनावट गुंबदनुमा है।
  • यहाँ गुरू गोविंद सिंह से संबंधित अनेक प्रमाणिक वस्‍तुएँ रखी हुई है।

कुम्‍हरार

  • पटना में स्थित कुम्‍हरार मौर्य कालीन राजवंश के महत्‍वपूर्ण स्‍थानों में से एक है।
  • कुम्‍हरार ऐतिहासिक पर्यटन के दृष्टिकोण से काफ़ी महत्‍वपूर्ण है।
  • मगध के महान शासकों द्वारा शुरु में बनवाए गए लकड़ी के महल अब मौजूद नहीं है।

अगम कुआँ

  • अगम कुआँ पटना आनेवाले पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
  • मौर्य वंश के शासक सम्राट अशोक के काल का यह कुआँ गुलजा़रबाग स्टेशन के पास स्थित है।
  • अगम कुआँ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी गहराई को आज तक मापा नहीं जा सका है।

पटना संग्रहालय

  • पटना संग्रहालय 1917 में बना बिहार का पहला संग्रहालय है।
  • पटना संग्रहालय में हिन्दू तथा बौद्ध धर्म की कई निशानियाँ हैं।
  • लगभग 20 करोड़ वर्ष पुराने पेड़ के तने का फॉसिल यहाँ का विशेष धरोहर है।
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