"तिरुअनंतपुरम पर्यटन": अवतरणों में अंतर
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04:49, 21 अक्टूबर 2010 का अवतरण
दक्षिण भारत में स्थित केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम को त्रिवेंद्रम के नाम से भी पुकारा जाता है। देवताओं की नगरी के नाम से मशहूर इस शहर को महात्मा गांधी ने सदाबहार शहर की संज्ञा दी थी। इस शहर का नाम शेषनाग अनंत के नाम पर पड़ा जिनके ऊपर पद्मनाभस्वामी (भगवान विष्णु) विश्राम करते हैं। तिरुवनंतपुरम, एक प्राचीन नगर है जिसका इतिहास 1000 ईसा पूर्व से शुरु होता है। त्रावणकोर के संस्थापक मरतडवर्मा ने तिरुवनंतपुरम को अपनी राजधानी बनाया जो उनकी मृत्यु के बाद भी बनी रही। आजादी के बाद यह त्रावणकोर कोचीन की राजधानी बनी। 1956 में केरल राज्य के बनने के बाद से यह केरल की राजधानी है। पश्चिमी घाट पर स्थित यह नगर प्राचीन काल से ही एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र रहा है। तिरुवनंतपुरम की सबसे बड़ी पहचान श्री पद्मनाभस्वामी का मंदिर है जो करीब 2000 साल पुराना है। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के बाद से यह शहर एक प्रमुख पर्यटक और व्यवसायिक केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है। इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ख़ूबसूरत तटों से आकर्षित होकर प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक यहाँ खीचें चले आते हैं।
पर्यटन स्थल
तिरुअनंतपुरम पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-
पद्मनाभ स्वामी मंदिर
- तिरुअनंतपुरम का पद्मनाभ स्वामी मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का सबसे प्रमुख केंद्र है।
- यहाँ की मान्यता है कि जहाँ भगवान विष्णु की प्रतिमा प्राप्त हुई थी यह मंदिर उसी स्थान पर स्थित है।
- भगवान विष्णु को देश में समर्पित 108 दिव्य देशम मंदिर हैं। यह मंदिर उनमें से एक है।
- सन 1733 ई. में इस प्राचीन मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने करवाया था।
त्रावनकोर के महाराजा का महल
- त्रावनकोर के महाराजा का महल मंदिर के निकट ही स्थित है।
- इस महल का निर्माण महाराजा 'स्वाति तिरुनल बलराम वर्मा' द्वारा कराया गया था।
वेली टूरिस्ट विलेज
- तिरुअनंतपुरम का बेली टूरिस्ट विलेज एक आधुनिक पर्यटन आकर्षण कहा जा सकता है।
- यहाँ वेली लगून एवं उसके साथ ही विकसित मनमोहक पार्क एक सुंदर पिकनिक स्पॉट है।
वेली झील
- हरे-भरे वृक्षों से घिरी वेली झील झील की सुंदरता हर दिशा से अलग नज़र आती है।
- यहाँ सागरतट के पास वेली झील और अरब सागर का संगम भी दिखाई देता है।
- झील के पास विशाल उद्यान में कुछ झूले भी हैं।
शंखमुघम सागरतट
- शंखमुघम सागरतट शहर से 8 किमी दूर एयरपोर्ट के निकट है।
- जहाँ शाम के समय ही रौनक रहती है।
- यहाँ से पर्यटकों को सूर्यास्त का मनोहारी दृश्य देखने को मिलता है।
- तट के सामने एक छोटे से पार्क में जलपरी की मनभावन मूर्ति है।
कोवलम का समुद्र तट
- कोवलम का समुद्र तट, तिरुअनंतपुरम का सबसे महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।
- तिरुअनंतपुरम की यात्रा कोवलम बीच देखे बिना अधूरी है।
- यह शहर से 16 कि.मी. दक्षिण की ओर स्थित है।
- कोवलम अपने आप में संपूर्ण पर्यटन स्थल है।
- यह भारत के उन गिने-चुने सागर तटों में से एक है जो विश्व पर्यटन मानचित्र पर पहचान रखते हैं।
- कोवलम समुद्र तट की सुंदरता किसी को बांध लेने में सक्षम है।
श्रीचित्रा कला दीर्घा
- श्रीचित्रा कला दीर्घा नेपियर संग्रहालय के निकट ही स्थित है।
- 1935 में स्थापित इस दीर्घा का भवन भी उत्कृष्ट वास्तुशिल्प वाला है।
- यह कला दीर्घा कला प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।
संग्रहालयों का गढ़
महात्मा गांधी मार्ग मंदिर क्षेत्र के बाहर है। संग्रहालय एवं चिड़ियाघर इसके उत्तरी छोर के निकट है।
कुतिरामलिका पैलेस संग्रहालय
- महल के एक भाग में कुतिरामलिका पैलेस संग्रहालय देखने लायक है।
- इस संग्रहालय में सुंदर चित्र, काष्ठ नक्काशी के नमूने, राजपरिवार से संबंधित अनेक मूल्यवान वस्तुएँ, काष्ठ प्रतिमाएं, सिक्के आदि प्रदर्शित हैं।
नेपियर संग्रहालय
- नेपियर संग्रहालय का भवन भारतीय सीरियन वास्तुशैली में बना है जो 1853 में बनाया गया था।
- संग्रहालय में शामिल कई चीजें दर्शकों को प्रभावित करती हैं।
प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय
- प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय चित्रा कला दीर्घा के निकट ही है|
- जहाँ राज्य के प्राकृतिक इतिहास से जुड़ी वस्तुएँ देखी जा सकती हैं।
कन्नाकुन्नु महल
- नेपिअर संग्रहालय से 800 मी. उत्तर पूर्व में स्थित कन्नाकुन्नु महल केरल सरकार से संबंद्ध है।
- एक छोटी-सी पहाड़ी पर बने इस महल का निर्माण श्री मूलम तिरुनल राजा के शासन काल में हुआ था।
- इस महल की आंतरिक सजावट के लिए ख़ूबसूरत दीपदानों और शाही फर्नीचर का प्रयोग किया गया है।
चाचा नेहरू बाल संग्रहालय
- चाचा नेहरू बाल संग्रहालय बच्चों के आकर्षण का केंद्र है।
- इसकी स्थापना 1980 में की गई थी।
- यह सिटी सेंट्रल बस स्टेशन से 1 किमी. उत्तर में स्थित है।
तिरुवनंतपुरम वेधशाला
- तिरुवनंतपुरम वेधशाला तिरुवनंतपुरम के संग्रहालय परिसर में स्थित है।
- महाराजा स्वाति तिरुल ने 1837 में इसका निर्माण करवाया था।
- यह भारत की सबसे पुरानी वेधशालाओं में से एक है।
चिड़ियाघर
- पी.एम.जी. जंक्शन के पास स्थित यह चिड़ियाघर भारत का दूसरा सबसे पुराना चिड़ियाघर है।
- 55 एकड़ में फैला यह जैविक उद्यान वनस्पति उद्यान का हिस्सा है।
- इसका निर्माण 1857 ई. में त्रावणकोर के महाराजा द्वारा बनाए गए संग्रहालय के एक भाग के रूप में हुआ था।
वाइजिनजाम
- तिरुवनंतपुरम से17 किमी. दूर वाइजिनजाम मछुआरों का गांव है.
- यह आयुर्वेदिक चिकित्सा और बीच रिजॉर्ट के लिए प्रसिद्ध है।
- वाइजिनजाम का एक अन्य आकर्षण चट्टान को काट कर बनाई गई गुफा है जहां विनंधरा दक्षिणमूर्ति का एक मंदिर है।
अट्टुकल पोंगल
- यह महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध उत्सव है।
- यह उत्सव तिरुवनंतपुरम से 2 किमी. दूर देवी के प्राचीन मंदिर में मनाया जाता है।
- 10 दिनों तक चलने वाले पोंगल उत्सव की शुरुआत मलयालम माह मकरम-कुंभम (फरवरी-मार्च) के भरानी दिवस (कार्तिक चंद्र) को होती है।
तिरुवनंतपुरम के निकटतम दर्शनीय स्थल
अगस्त्यकूडम
- ऐसा माना जाता है कि यह त्रृषि अगस्त्य का निवास स्थान था।
- समुद्रतल से 1890 मी. ऊपर स्थित यह जगह केरल का दूसरा सबसे ऊंचा स्थान है।
- सहाद्री पर्वत श्रृंखला का हिस्सा अगस्त्यकूडम के जंगल अपने यहां मिलने वाली जड़ी बूटियों और वनस्पति के लिए जाना जाता हैं।
नैय्यर बांध
- तिरुवनंतपुरम से 30 किमी. दूर स्थित यह जगह पश्चिमी घाट पर स्थित है।
- यहाँ की झील और बांध पर्यटकों को बहुत लुभाते हैं।
- अभ्यारण्य की स्थापना 1958 में की गई थी।
- इसका क्षेत्रफल 123 वर्ग किमी. में फैला है।[1]
अन्य दर्शनीय स्थल
- विज्ञान एवं तकनीक संग्रहालय
- जैव तकनीक संग्रहालय
- प्रियदर्शिनी प्लैनेटोरियम
- सचिवालय भवन भी देखने लायक है। यह स़फेद इमारत रोमन वास्तुशैली में निर्मित है।
- आक्कुलम पर्यटन केंद्र
- तिरुवल्लभ नौका विहार
- पद्मानाभपुरम तथा
- मिनी हिल स्टेशन पोनमुड़ी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ देवताओं की नगरी के नाम से मशहूर (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 19 अक्टूबर, 2010।