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|अन्य विवरण=चैतन्य महाप्रभु [[भक्तिकाल]] के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी । भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में हिन्दू मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊंच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त वृन्दावन को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया । | |||
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08:36, 9 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
विवरण (Description) | चैतन्य महाप्रभु मन्दिर, गोवर्धन, मथुरा Chetanya Mahaprabhu Temple, Govardhan, Mathura |
दिनांक (Date) | वर्ष - 2010 |
प्रयोग अनुमति (Permission) | © brajdiscovery.org |
अन्य विवरण | चैतन्य महाप्रभु भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी । भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में हिन्दू मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊंच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त वृन्दावन को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया । |
चित्र का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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वर्तमान | 15:42, 19 मार्च 2010 | 2,796 × 2,304 (2.6 MB) | Maintenance script (वार्ता | योगदान) | Importing image file |
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