"प्रयोग:Shilpi6": अवतरणों में अंतर
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 66: | पंक्ति 66: | ||
'''<u>ब्रिटिश कालीन स्मारक होंगे राष्ट्रीय धरोहर</u>''' | '''<u>ब्रिटिश कालीन स्मारक होंगे राष्ट्रीय धरोहर</u>''' | ||
ब्रिटिश काल | ब्रिटिश काल में छावनी क्षेत्र में बनाए गए ऐतिहासिक स्थल अब राष्ट्रीय धरोहरों माने जाएंगे। स्मारकों को चिह्नित करने के बाद इनके संरक्षण और बेहतर रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी। केंद्र सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं। छावनी के सैन्य एवं सिविल क्षेत्र की संपत्तियों का संरक्षण रक्षा संपदा विभाग करता है, जिसके चलते छावनी में मौजूद कई ऐतिहासिक धरोंहरों का संरक्षण नहीं हो पा रहा था। इनके संरक्षण की एक याचिका कोर्ट में दाख़िल की गई थी। इसी के बाद रक्षा मंत्रालय ने देश की समस्त 62 छावनियों को एक माह में ऐसे स्थानों एव इमारतों को तलाशने के आदेश दिए हैं, जिनका संबंध प्राचीन एवं ब्रिटिश कालीन इतिहास से रहा हो। [[आगरा]] छावनी बोर्ड द्वारा इस संबंध में स्मारकों के चिह्नीकरण की तैयारी शुरु कर दी गई है। सीईओ संजीव कुमार ने बताया कि इनका ब्योरा जुटाने के लिए स्टेशन कमांडर एवं डीईओ से संपर्क किया गया है... | ||
====<u>समाचार को विभिन्न स्त्रोतों पर पढ़ें</u>==== | ====<u>समाचार को विभिन्न स्त्रोतों पर पढ़ें</u>==== | ||
*दैनिक जागरण | *दैनिक जागरण | ||
*[http://www.patrika.com/news.aspx?id=466949 पत्रिका] | *[http://www.patrika.com/news.aspx?id=466949 पत्रिका] |
06:18, 16 नवम्बर 2010 का अवतरण
अन्य भाषाएँ | |||||||
भाषा | हिन्दी | उड़िया | उर्दू | कन्नड़ | कश्मीरी | असमिया | गुजराती |
शब्द | वर्ण | रंग | रंग | बण्ण | रंग | रं बरण बोल | रंग |
भाषा | उड़िया | तमिल | तेलुगु | नेपाली | पंजाबी | बांग्ला | बोडो |
शब्द | रंग | निरम्, चायम् | रगु, वन्ने | रंग | रंग, वर्ण | ||
भाषा | मणिपुरी | मराठी | मलयालम | मैथिली | संथाली | सिंधी | अंग्रेज़ी |
शब्द | रंग, वर्ण | निरं, वर्णं | रंगु | Color |
समाचार
शुक्रवार, 12 नवंबर, 2010
ब्रिटिश कालीन स्मारक होंगे राष्ट्रीय धरोहर
ब्रिटिश काल में छावनी क्षेत्र में बनाए गए ऐतिहासिक स्थल अब राष्ट्रीय धरोहरों माने जाएंगे। स्मारकों को चिह्नित करने के बाद इनके संरक्षण और बेहतर रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी। केंद्र सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं। छावनी के सैन्य एवं सिविल क्षेत्र की संपत्तियों का संरक्षण रक्षा संपदा विभाग करता है, जिसके चलते छावनी में मौजूद कई ऐतिहासिक धरोंहरों का संरक्षण नहीं हो पा रहा था। इनके संरक्षण की एक याचिका कोर्ट में दाख़िल की गई थी। इसी के बाद रक्षा मंत्रालय ने देश की समस्त 62 छावनियों को एक माह में ऐसे स्थानों एव इमारतों को तलाशने के आदेश दिए हैं, जिनका संबंध प्राचीन एवं ब्रिटिश कालीन इतिहास से रहा हो। आगरा छावनी बोर्ड द्वारा इस संबंध में स्मारकों के चिह्नीकरण की तैयारी शुरु कर दी गई है। सीईओ संजीव कुमार ने बताया कि इनका ब्योरा जुटाने के लिए स्टेशन कमांडर एवं डीईओ से संपर्क किया गया है...
समाचार को विभिन्न स्त्रोतों पर पढ़ें
- दैनिक जागरण