"राष्ट्रीय धरोहर स्मारक": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
*[http://www.patrika.com/news.aspx?id=466949 पत्रिका] | *[http://www.patrika.com/news.aspx?id=466949 पत्रिका] | ||
*[http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?choice=show_article&location=12&Ep_relation=4&Ep_edition=2010-11-12&articleid=95840372473848 याहू जागरण] | *[http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?choice=show_article&location=12&Ep_relation=4&Ep_edition=2010-11-12&articleid=95840372473848 याहू जागरण] | ||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार=आधार1 | |||
|प्रारम्भिक= | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
[[Category:समाचार जगत]] | [[Category:समाचार जगत]] |
10:14, 16 नवम्बर 2010 का अवतरण
समाचार
शुक्रवार, 12 नवंबर, 2010
ब्रिटिश कालीन स्मारक होंगे राष्ट्रीय धरोहर
ब्रिटिश काल में छावनी क्षेत्र में बनाए गए ऐतिहासिक स्थल अब राष्ट्रीय धरोहरों माने जाएंगे। केंद्र सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं कि स्मारकों को चिह्नित करने के बाद इनके संरक्षण और बेहतर रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी। छावनी के सैन्य एवं सिविल क्षेत्र की संपत्तियों का संरक्षण रक्षा संपदा विभाग करता है, जिसके चलते छावनी में मौजूद कई ऐतिहासिक धरोंहरों का संरक्षण नहीं हो पा रहा था। इनके संरक्षण की एक याचिका कोर्ट में दाख़िल की गई थी। इसी के बाद रक्षा मंत्रालय ने देश की समस्त 62 छावनियों को एक माह में ऐसे स्थानों एव इमारतों को तलाशने के आदेश दिए हैं, जिनका संबंध प्राचीन एवं ब्रिटिश कालीन इतिहास से रहा हो। आगरा छावनी बोर्ड द्वारा इस संबंध में स्मारकों के चिह्नीकरण की तैयारी शुरु कर दी गई है। सीईओ संजीव कुमार ने बताया कि इनका ब्योरा जुटाने के लिए स्टेशन कमांडर एवं डीईओ से संपर्क किया गया है...
समाचार को विभिन्न स्त्रोतों पर पढ़ें
|
|
|
|
|