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शरीर में भोज्य [[पदार्थ]] वसा के रूप में संचित रहते हैं। वसा शरीर में [[ताप]] नियमन, कोशिकाकला निर्माण में भाग लेती है। कार्बोहाइड्रेट की कमी की स्थिति में वसा से [[ऊर्जा]] प्राप्त होती है। | शरीर में भोज्य [[पदार्थ]] वसा के रूप में संचित रहते हैं। वसा शरीर में [[ताप]] नियमन, कोशिकाकला निर्माण में भाग लेती है। कार्बोहाइड्रेट की कमी की स्थिति में वसा से [[ऊर्जा]] प्राप्त होती है। |
11:45, 21 नवम्बर 2010 का अवतरण
(अंग्रेज़ी:Fat) वसाएँ जटिल कार्बनिक अम्लों, वसीय अम्लों द्वारा निर्मिल यौगिक होते हैं तथा शाकाहारी तथा माँसाहारी दोनों प्रकार के भोजन से प्राप्त होती हैं। वनस्पति से यह नारियल, बादाम, मूँगफली, सरसों एवं अन्य तिलहन से तथा पुशुओं से यह मक्खन, पनीर, दूध तथा घी से प्राप्त होती है।
- वसा की उपयोगिता
शरीर में भोज्य पदार्थ वसा के रूप में संचित रहते हैं। वसा शरीर में ताप नियमन, कोशिकाकला निर्माण में भाग लेती है। कार्बोहाइड्रेट की कमी की स्थिति में वसा से ऊर्जा प्राप्त होती है।
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