"अग्रमस": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) ('*अग्रमस नाम संस्कृत औग्रसेन्य का यूनानी अपभ्रंश म...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*अग्रमस नाम [[संस्कृत]] औग्रसेन्य का यूनानी अपभ्रंश मालूम होता है। | *अग्रमस नाम [[संस्कृत]] औग्रसेन्य का यूनानी अपभ्रंश मालूम होता है। | ||
*कर्टियस आदि [[यूनानी]] इतिहासकारों ने [[सिकन्दर]] के आक्रमण के समय [[मगध]] के राजा का नाम '''अग्रमस''' अथवा '''क्सैन्द्रमस''' लिखा है। | *कर्टियस आदि [[यूनानी]] इतिहासकारों ने [[सिकन्दर]] के आक्रमण के समय [[मगध]] के राजा का नाम '''अग्रमस''' अथवा '''क्सैन्द्रमस''' लिखा है। | ||
*औग्रसैन्य का अर्थ है उग्रसेन का पुत्र। 'महाबोधिवंश' के अनुसार | *औग्रसैन्य का अर्थ है उग्रसेन का पुत्र। 'महाबोधिवंश' के अनुसार उग्रसेन [[नन्दवंश]] का संस्थापक था। | ||
*सिकन्दर को उसके राज्य पर आक्रमण करने का साहस नहीं हुआ। | *सिकन्दर को उसके राज्य पर आक्रमण करने का साहस नहीं हुआ। | ||
*अग्रमस एक नाई का पुत्र था। | *अग्रमस एक नाई का पुत्र था। |
06:14, 1 दिसम्बर 2010 का अवतरण
- अग्रमस नाम संस्कृत औग्रसेन्य का यूनानी अपभ्रंश मालूम होता है।
- कर्टियस आदि यूनानी इतिहासकारों ने सिकन्दर के आक्रमण के समय मगध के राजा का नाम अग्रमस अथवा क्सैन्द्रमस लिखा है।
- औग्रसैन्य का अर्थ है उग्रसेन का पुत्र। 'महाबोधिवंश' के अनुसार उग्रसेन नन्दवंश का संस्थापक था।
- सिकन्दर को उसके राज्य पर आक्रमण करने का साहस नहीं हुआ।
- अग्रमस एक नाई का पुत्र था।
- उसके पिता ने मगध के सिंहासन पर बलात अधिकार करके अपने को 'प्रेस्मिप्राई' (प्राच्य देश) का राजा घोषित कर दिया था।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय इतिहास कोश पृष्ठ संख्या-05