"नंददास": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (श्रेणी:जीवनी साहित्य (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 46: पंक्ति 46:
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:कवि]]
[[Category:कवि]]
[[Category:जीवनी साहित्य]]
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

08:52, 18 दिसम्बर 2010 का अवतरण

नंददास 16 वीं शती के अंतिम चरण के कवि थे। इनके विषय में ‘भक्तमाल’ में लिखा है-

‘चन्द्रहास-अग्रज सुहृद परम प्रेम में पगे’

इससे इतना ही सूचित होता है कि इनके भाई का नाम चंद्रहास था। दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता के अनुसार ये तुलसीदास के भाई थे, किन्तु अब यह बात प्रामाणिक नहीं मानी जाती। उसी वार्ता में यह भी लिखा है कि द्वारिका जाते हुए नंददास सिंधुनद ग्राम में एक रूपवती खत्रानी पर आसक्त हो गए। ये उस स्त्री के घर में चारो ओर चक्कर लगाया करते थे। घरवाले हैरान होकर कुछ दिनों के लिए गोकुल चले गए। ये वहाँ भी जा पहुँचे। अंत में वहीं पर गोसाईं विट्ठलनाथ जी के सदुपदेश से इनका मोह छूटा और ये अनन्य भक्त हो गए। इस कथा में ऐतिहासिक तथ्य केवल इतना ही है कि इन्होंने गोसाईं विट्ठलनाथ जी से दीक्षा ली।


इनके काव्य के विषय में यह उक्ति प्रसिद्ध है-

‘और कवि गढ़िया, नंददास जड़िया’

इससे प्रकट होता है कि इनके काव्य का कला-पक्ष महत्त्वपूर्ण है। इनकी रचना बड़ी सरस और मधुर है। इनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक ‘रासपंचाध्यायी’ है जो रोला छंदों में लिखी गई है। इसमें जैसा कि नाम से ही प्रकट है, कृष्ण की रासलीला का अनुप्रासादियुक्त साहित्यिक भाषा में विस्तार के साथ वर्णन है।


कृतियाँ पद्य रचना

  1. रासपंचाध्यायी
  2. भागवत दशमस्कंध
  3. रुक्मिणीमंगल
  4. सिद्धांत पंचाध्यायी
  5. रूपमंजरी
  6. मानमंजरी
  7. विरहमंजरी
  8. नामचिंतामणिमाला
  9. अनेकार्थनाममाला
  10. दानलीला
  11. मानलीला
  12. अनेकार्थमंजरी
  13. ज्ञानमंजरी
  14. श्यामसगाई
  15. भ्रमरगीत
  16. सुदामाचरित्र

गद्यरचना

  1. हितोपदेश
  2. नासिकेतपुराण
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख