"प्रयोग:फ़ौज़िया5": अवतरणों में अंतर
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==सामान्य ज्ञान हिन्दी== | ==सामान्य ज्ञान हिन्दी== | ||
====खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है?==== | ====खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=फ़ारसी भाषा|विकल्प 2=अरबी भाषा|विकल्प 3=उर्दू भाषा|विकल्प 4=अदालती भाषा}}{{Ans|विकल्प 1=[[फ़ारसी भाषा]]|विकल्प 2='''[[ | {{Opt|विकल्प 1=फ़ारसी भाषा|विकल्प 2=अरबी भाषा|विकल्प 3=उर्दू भाषा|विकल्प 4=अदालती भाषा}}{{Ans|विकल्प 1=[[फ़ारसी भाषा]]|विकल्प 2=[[अरबी भाषा]]|विकल्प 3='''[[उर्दू भाषा]]'''{{Check}}|विकल्प 4=अदालती भाषा|विवरण=}} | ||
====[[हिन्दी भाषा]] क पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्ताण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था?==== | ====[[हिन्दी भाषा]] क पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्ताण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था?==== | ||
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{{Opt|विकल्प 1=वर्णात्मक|विकल्प 2=वर्णात्मक और अक्षरात्मक दोनों|विकल्प 3=अक्षरात्मक|विकल्प 4=इनमें से कोई नहीं}}{{Ans|विकल्प 1=वर्णात्मक|विकल्प 2=वर्णात्मक और अक्षरात्मक दोनों|विकल्प 3='''अक्षरात्मक'''{{Check}}|विकल्प 4=इनमें से कोई नहीं|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=वर्णात्मक|विकल्प 2=वर्णात्मक और अक्षरात्मक दोनों|विकल्प 3=अक्षरात्मक|विकल्प 4=इनमें से कोई नहीं}}{{Ans|विकल्प 1=वर्णात्मक|विकल्प 2=वर्णात्मक और अक्षरात्मक दोनों|विकल्प 3='''अक्षरात्मक'''{{Check}}|विकल्प 4=इनमें से कोई नहीं|विवरण=}} | ||
====विद्यापति की उस प्रमुख रचना का नाम बताइए, जिसमें 'अवहट्ठ' भाषा का बहुतायत से प्रयोग हुआ है?==== | ====विद्यापति की उस प्रमुख रचना का नाम बताइए, जिसमें 'अवहट्ठ' भाषा का बहुतायत से प्रयोग हुआ है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=कीर्तिपताका|विकल्प 2=कीर्तिलता|विकल्प 3=विद्यापति पदावली (संग्रह)|विकल्प 4=पुरुष परीक्षा}}{{Ans|विकल्प 1=कीर्तिपताका|विकल्प 2='''कीर्तिलता'''{{Check}}|विकल्प 3=विद्यापति पदावली (संग्रह)|विकल्प 4=पुरुष परीक्षा|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=कीर्तिपताका|विकल्प 2=कीर्तिलता|विकल्प 3=विद्यापति पदावली (संग्रह)|विकल्प 4=पुरुष परीक्षा}}{{Ans|विकल्प 1=कीर्तिपताका|विकल्प 2='''कीर्तिलता'''{{Check}}|विकल्प 3=विद्यापति पदावली (संग्रह)|विकल्प 4=पुरुष परीक्षा|विवरण=}} | ||
====जॉर्ज ग्रियर्सन ने पश्चिमोत्तर समुदाय की भाषा को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की किस उपशाखा में रखा है?==== | ====जॉर्ज ग्रियर्सन ने पश्चिमोत्तर समुदाय की भाषा को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की किस उपशाखा में रखा है?==== | ||
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===='भारत मित्र' पत्र (जो [[कलकत्ता]] से स. [[1934]] वि. में प्रकाशित हुआ था) के एक सम्पादक थे?==== | ===='भारत मित्र' पत्र (जो [[कलकत्ता]] से स. [[1934]] वि. में प्रकाशित हुआ था) के एक सम्पादक थे?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=तोताराम|विकल्प 2=रुद्रदत्त शर्मा|विकल्प 3=कन्हैयालाल|विकल्प 4=बल्देव प्रसाद}}{{Ans|विकल्प 1=तोताराम|विकल्प 2='''रुद्रदत्त शर्मा'''{{Check}}|विकल्प 3= | {{Opt|विकल्प 1=तोताराम|विकल्प 2=रुद्रदत्त शर्मा|विकल्प 3=कन्हैयालाल|विकल्प 4=बल्देव प्रसाद}}{{Ans|विकल्प 1=तोताराम|विकल्प 2='''रुद्रदत्त शर्मा'''{{Check}}|विकल्प 3=[[कन्हैयालाल नंदन|कन्हैयालाल]]|विकल्प 4=बल्देव प्रसाद|विवरण=}} | ||
===='हरिश्चन्द्री हिन्दी' शब्द का प्रयोग किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रंथ में किया है?==== | ===='हरिश्चन्द्री हिन्दी' शब्द का प्रयोग किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रंथ में किया है?==== | ||
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====निम्नलिखित में से किस रचना की सर्वाधिक टीकाएँ लिखी गई हैं?==== | ====निम्नलिखित में से किस रचना की सर्वाधिक टीकाएँ लिखी गई हैं?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=मतिराम सतसई|विकल्प 2=बिहारी सतसई|विकल्प 3=वृन्द सतसई|विकल्प 4=विक्रम सतसई}}{{Ans|विकल्प 1=मतिराम सतसई|विकल्प 2='''बिहारी सतसई'''{{Check}}|विकल्प 3=वृन्द सतसई|विकल्प 4=विक्रम सतसई|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=मतिराम सतसई|विकल्प 2=बिहारी सतसई|विकल्प 3=वृन्द सतसई|विकल्प 4=विक्रम सतसई}}{{Ans|विकल्प 1=मतिराम सतसई|विकल्प 2='''बिहारी सतसई'''{{Check}}|विकल्प 3=वृन्द सतसई|विकल्प 4=विक्रम सतसई|विवरण=}} | ||
====इनमें किस नाटककार ने अपने नाटकों के लिए रंगमंच को अनिवार्य नहीं माना है?==== | ====इनमें किस नाटककार ने अपने नाटकों के लिए रंगमंच को अनिवार्य नहीं माना है?==== | ||
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===='निशा -निमंत्रण के रचनाकार कौन हैं?==== | ===='निशा -निमंत्रण के रचनाकार कौन हैं?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=महादेवी वर्मा|विकल्प 2=श्यामनारायण पाण्डेय|विकल्प 3=जयशंकर प्रसाद|विकल्प 4=हरिवंशराय 'बच्चन'}}{{Ans|विकल्प 1= | {{Opt|विकल्प 1=महादेवी वर्मा|विकल्प 2=श्यामनारायण पाण्डेय|विकल्प 3=जयशंकर प्रसाद|विकल्प 4=हरिवंशराय 'बच्चन'}}{{Ans|विकल्प 1=[[महादेवी वर्मा]]|विकल्प 2=श्यामनारायण पाण्डेय|विकल्प 3=[[जयशंकर प्रसाद]]|विकल्प 4='''हरिवंशराय 'बच्चन''''{{Check}}|विवरण=}} | ||
===='बिहारी सतसई' पर किस ग्रंथ का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है?==== | ===='बिहारी सतसई' पर किस ग्रंथ का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है?==== | ||
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{{Opt|विकल्प 1=कल्पना की समाहार शक्ति|विकल्प 2=नायिका -भेद वर्णन|विकल्प 3=प्रतीकों का नपा -तुला प्रयोग|विकल्प 4=पिंगल वर्णन}}{{Ans|विकल्प 1='''कल्पना की समाहार शक्ति'''{{Check}}|विकल्प 2=नायिका -भेद वर्णन|विकल्प 3=प्रतीकों का नपा -तुला प्रयोग|विकल्प 4=पिंगल वर्णन|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=कल्पना की समाहार शक्ति|विकल्प 2=नायिका -भेद वर्णन|विकल्प 3=प्रतीकों का नपा -तुला प्रयोग|विकल्प 4=पिंगल वर्णन}}{{Ans|विकल्प 1='''कल्पना की समाहार शक्ति'''{{Check}}|विकल्प 2=नायिका -भेद वर्णन|विकल्प 3=प्रतीकों का नपा -तुला प्रयोग|विकल्प 4=पिंगल वर्णन|विवरण=}} | ||
====बिहारी | ====बिहारी किस राजा के दरबारी कवि थे?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=बूँदी नरेश महाराज भावसिंह के|विकल्प 2=जयपुर नरेश जयसिंह के|विकल्प 3=नागपुर के सूर्यवंशी भोंसला मकरन्द शाह के|विकल्प 4=चित्रकूट नरेश रुद्रदेव के}}{{Ans|विकल्प 1=बूँदी नरेश महाराज भावसिंह के|विकल्प 2='''[[जयपुर]] नरेश [[जयसिंह]] के'''{{Check}}|विकल्प 3=[[नागपुर]] के [[सूर्यवंश|सूर्यवंशी]] भोंसला मकरन्द शाह के|विकल्प 4=चित्रकूट नरेश रुद्रदेव के|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=बूँदी नरेश महाराज भावसिंह के|विकल्प 2=जयपुर नरेश जयसिंह के|विकल्प 3=नागपुर के सूर्यवंशी भोंसला मकरन्द शाह के|विकल्प 4=चित्रकूट नरेश रुद्रदेव के}}{{Ans|विकल्प 1=बूँदी नरेश महाराज भावसिंह के|विकल्प 2='''[[जयपुर]] नरेश [[जयसिंह]] के'''{{Check}}|विकल्प 3=[[नागपुर]] के [[सूर्यवंश|सूर्यवंशी]] भोंसला मकरन्द शाह के|विकल्प 4=चित्रकूट नरेश रुद्रदेव के|विवरण=}} | ||
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====इनमें किस आलोचक ने अपना कौन सा आलौचना ग्रंथ लिखकर हिन्दी के स्नातकोत्तर कक्षाओं के पाठ्यक्रम में आलोचना के अभाव को पूरा करने का सर्वप्रथम सफल प्रयास किया था?==== | ====इनमें किस आलोचक ने अपना कौन सा आलौचना ग्रंथ लिखकर हिन्दी के स्नातकोत्तर कक्षाओं के पाठ्यक्रम में आलोचना के अभाव को पूरा करने का सर्वप्रथम सफल प्रयास किया था?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=पदुमलाल पन्नालाल बख्तीः विश्व साहित्य|विकल्प 2=गयाप्रसाद अग्निहोत्रीः समालोचना|विकल्प 3=रामचन्द्र शुक्लः चिंतामणि|विकल्प 4=श्यामसुन्दर दासः साहित्यालोचन}}{{Ans|विकल्प 1=पदुमलाल पन्नालाल बख्तीः विश्व साहित्यविकल्प|2=गयाप्रसाद अग्निहोत्रीः समालोचना|विकल्प 3=रामचन्द्र शुक्लः चिंतामणि|विकल्प 4='''श्यामसुन्दर दासः साहित्यालोचन'''{{Check}}|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=पदुमलाल पन्नालाल बख्तीः विश्व साहित्य|विकल्प 2=गयाप्रसाद अग्निहोत्रीः समालोचना|विकल्प 3=रामचन्द्र शुक्लः चिंतामणि|विकल्प 4=श्यामसुन्दर दासः साहित्यालोचन}}{{Ans|विकल्प 1=पदुमलाल पन्नालाल बख्तीः विश्व साहित्यविकल्प|विकल्प 2=गयाप्रसाद अग्निहोत्रीः समालोचना|विकल्प 3=रामचन्द्र शुक्लः चिंतामणि|विकल्प 4='''श्यामसुन्दर दासः साहित्यालोचन'''{{Check}}|विवरण=}} | ||
====आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने 'त्रिवेणी' में किन तीन महाकवियों की समीक्षाएँ प्रस्तुत की हैं?==== | ====आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने 'त्रिवेणी' में किन तीन महाकवियों की समीक्षाएँ प्रस्तुत की हैं?==== | ||
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====भक्तिकालीन कवियों में एक ऐसा ख्यातिलब्ध रचनाकार है जो अपने काव्य में लोकव्यापी प्रभाव वाले कर्म और लोकव्यापिनी दशाओं के वर्णन में माहिर है. ऐसे रचनाकार का नाम है?==== | ====भक्तिकालीन कवियों में एक ऐसा ख्यातिलब्ध रचनाकार है जो अपने काव्य में लोकव्यापी प्रभाव वाले कर्म और लोकव्यापिनी दशाओं के वर्णन में माहिर है. ऐसे रचनाकार का नाम है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=जायसी|विकल्प 2=सूरदास|विकल्प 3=तुलसीदास|विकल्प 4=रविदास}}{{Ans|विकल्प 1=[[जायसी]]|विकल्प 2=[[सूरदास]]|विकल्प 3='''[[तुलसीदास]]'''{{Check}}|विकल्प 4=रविदास|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=जायसी|विकल्प 2=सूरदास|विकल्प 3=तुलसीदास|विकल्प 4=रविदास}}{{Ans|विकल्प 1=[[जायसी]]|विकल्प 2=[[सूरदास]]|विकल्प 3='''[[तुलसीदास]]'''{{Check}}|विकल्प 4=रविदास|विवरण=}} | ||
===='जायसी -ग्रंथावली' के सम्पादक का नाम है?==== | ===='जायसी -ग्रंथावली' के सम्पादक का नाम है?==== | ||
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===='विश्व -प्रेम, सर्व-भूत -हित- कामना परम धर्म हैः परंतु इसका अर्थ यह नहीं हो सकता कि अपने पर प्रेम न हो।' यह कथन 'स्कन्दगुप्त' नाटक के किस पात्र का है?==== | ===='विश्व -प्रेम, सर्व-भूत -हित- कामना परम धर्म हैः परंतु इसका अर्थ यह नहीं हो सकता कि अपने पर प्रेम न हो।' यह कथन 'स्कन्दगुप्त' नाटक के किस पात्र का है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=बंधु वर्मा|विकल्प 2=चक्रपालित|विकल्प | {{Opt|विकल्प 1=बंधु वर्मा|विकल्प 2=चक्रपालित|विकल्प 3=भीम वर्मा|विकल्प 4=जयमाला}}{{Ans|विकल्प 1=बंधु वर्मा|विकल्प 2=चक्रपालित|विकल्प 3=भीम वर्मा|विकल्प 4='''जयमाला'''{{Check}}|विवरण=}} | ||
===='मनुष्य के आचरण के प्रवर्तक भाव या मनोविकार ही होते हैं, बुद्धि नहीं।' यह कथन है?==== | ===='मनुष्य के आचरण के प्रवर्तक भाव या मनोविकार ही होते हैं, बुद्धि नहीं।' यह कथन है?==== | ||
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===='अपने अतीत का मनन और मंथन हम भविष्य के लिए संकेत पाने के प्रयोजन से करते हैं।' यह कथन किस उपन्यासकार का है?==== | ===='अपने अतीत का मनन और मंथन हम भविष्य के लिए संकेत पाने के प्रयोजन से करते हैं।' यह कथन किस उपन्यासकार का है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=हजारीप्रसाद द्विवेदी|विकल्प 2=यशपाल|विकल्प 3=वृन्दावनलाल वर्मा|विकल्प 4=रांगेय राघव}}{{Ans|विकल्प 1='''हजारीप्रसाद द्विवेदी'''{{Check}}|विकल्प 2=यशपाल|विकल्प 3=वृन्दावनलाल वर्मा|विकल्प 4=रांगेय राघव|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=हजारीप्रसाद द्विवेदी|विकल्प 2=यशपाल|विकल्प 3=वृन्दावनलाल वर्मा|विकल्प 4=रांगेय राघव}}{{Ans|विकल्प 1='''हजारीप्रसाद द्विवेदी'''{{Check}}|विकल्प 2=यशपाल|विकल्प 3=वृन्दावनलाल वर्मा|विकल्प 4=रांगेय राघव|विवरण=}} | ||
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